रूस के कज़ान शहर में ड्रोन के जरिए 9/11 जैसा अटैक सामने आया है. ड्रोन ने एक मल्टी स्टोरी रिहायशी बिल्डिंग पर अटैक किया. हालांकि, घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. हाल ही में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (21-22 अक्टूबर) को इसी कज़ान शहर में आयोजित किया गया था जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया था.
घटना शनिवार सुबह की है जब ड्रोन ने कज़ान शहर में हमला किया. पिछले पांच महीने में ये दूसरी बार है जब रूस में 9-11 अटैक जैसी घटना सामने आई है. अगस्त के महीने में साराटोव शहर में भी ड्रोन से ऐसी ही बहुमंजिला इमारत पर हमला हुआ था.
शनिवार की घटना पर हालांकि कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है लेकिन माना जा रहा है कि यूक्रेन ने ड्रोन अटैक किया है. (https://x.com/neeraj_rajput/status/1870373638806937994)
कज़ान एयरपोर्ट पर भी ड्रोन से अटैक करने की खबर सामने आई है. माना जा रहा है कि एक साथ कई ड्रोन से कज़ान शगर पर हमला किया गया था. रूसी सेना की एंटी-एयरक्राफ्ट गन ने कुछ ड्रोन को जरूर मार गिराया था, लेकिन एक ड्रोन स्काईस्क्रैपर से टकराने में कामयाब हो गया था.
उधर रूस ने आरोप लगाया कि कुर्स्क प्रांत में भी यूक्रेनी सेना ने अटकैम्स और हिमार्स रॉकेट से हमला किया जिसमें आधा दर्जन लोग मारे गए हैं.
शुक्रवार को रूस ने यूक्रेन की राजधानी पर ताबड़तोड़ बैलिस्टिक मिसाइल से हमले किए थे. इसमें यूक्रेन की सीक्रेट सर्विस एजेंसी एसबीयू का हेडक्वार्टर भी शामिल था. साथ ही सोवियत काल की आर्म्स फैक्ट्री भी शामिल थी जिसे यूक्रेन संचालित कर रहा था.
जैसे-जैसे 20 जनवरी की तारीख करीब आ रही है, जंग तेज हो रही है. क्योंकि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. ट्रंप ने ऐलान किया है कि राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही रूस-यूक्रेन जंग को रुकवा देंगे.
ऐसे में यूक्रेन की तरफ से ग्रे-जोन वारफेयर शुरू हो गया है. इसमें बजाए आमने-सामने की लड़ाई के यूक्रेन जंग के मैदान से दूर रूस में सीक्रेट अटैक कर रहा है.
मंगलवार को ही मॉस्को में रूसी सेना के एक टॉप जनरल इगोर क्रीलोव की आईईडी ब्लास्ट के जरिए टारगेट किलिंग को अंजाम दिया था. इस हत्या के लिए एसबीयू को ही जिम्मेदार ठहराया गया था. यही वजह है कि रूस ने शुक्रवार को एसबीयू के मुख्यालय को खासतौर से निशाना बनाया था.