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पीएम मोदी पहुंचे कुवैत, Gulf War हुआ था 34 साल पहले

जिस कुवैत पर 34 साल पहले इराक के शासक सद्दाम हुसैन ने हमला किया था. जिसके लिए अमेरिका ने नाटो देशों के साथ मिलकर इराक के खिलाफ जंग छेड़ी थी. जिस खाड़ी युद्ध का पहली बार टीवी पर लाइव प्रसारण हुआ था. उसी कुवैत के दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को आधिकारिक दौरे पर पहुंचे हैं.

कुवैत के आमीर शेख मेशल अल अहमद अल जाबेर अल सबाह की निमंत्रण पर पीएम मोदी कुवैत पहुंचे हैं. पिछले 43 साल में पहली बार भारत का कोई प्रधानमंत्री कुवैत के दौरे पर गया है. आखिरी बार वर्ष 1981 में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी खाड़ी के इस सबसे छोटे से देश गई थी.

क्षेत्रफल और जनसंख्या में बेहद कम होने के बावजूद कुवैत एक संपन्न राष्ट्र है. इसका बड़ा कारण है यहां मिलने वाले तेल के कुएं और पेट्रोलियम उत्पाद.

कुवैत की जनसंख्या का 21 प्रतिशत यानी करीब 10 लाख भारतीय मूल के निवासी हैं. इनमें से करीब नौ लाख कुवैत के 30 प्रतिशत वर्क-फोर्स का हिस्सा है.

भारत और कुवैत के बीच करीब 10.47 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है. आंकड़ों की मानें तो कुवैत, भारत को कच्चे तेल सप्लाई करने वाले देशों में छठे स्थान पर है और देश की तीन प्रतिशत जरूरतों को पूरा करता है. बदले में भारत कुवैत को दो बिलियन डॉलर का निर्यात करता है. (https://x.com/narendramodi/status/1870407660790849919)

कुवैत का ये तेल और ऊर्जा ही लेकिन 90 के शुरूआती सालों में मुसीबत सबब बन गया था. पड़ोसी देश इराक के राष्ट्राध्यक्ष सद्दाम हुसैन ने वर्ष 1990 में कुवैत पर हमला कर अपने देश में मिलाने की कोशिश की थी.

सद्दाम हुसैन के नापाक इरादों को हालांकि, अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों ने नाकाम कर दिया. अमेरिका ने इराक के खिलाफ ऑपरेशन को ‘डेजर्ट शील्ड’ और ‘डेजर्ट स्टॉर्म’ का नाम दिया था.

करीब पांच महीने तक (अगस्त 1990-फरवरी 1991) तक चली जंग में अमेरिका और सहयोगी देशों ने कुवैत को इराक की चंगुल से आजाद कराया और सद्दाम हुसैन को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा.

इस जंग को ‘खाड़ी युद्ध’ के नाम से जाना गया. खास बात ये है कि पहली बार किसी जंग का लाइव प्रसारण सीएनएन और बीबीसी जैसे इंटरनेशनल चैनल पर देखा गया.