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मणिपुर-मिजोरम में विदेशियों की एंट्री बंद, कारण जानकर उड़ जाएंगे होश

हिंसाग्रस्त मणिपुर स्थानीय कुकी समुदाय के लोगों को विदेशी नागरिकों द्वारा ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग देने के वीडियो सामने आने के बाद गृह मंत्रालय ने कड़ा फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड में प्रोटेक्टेड एरिया परमिट (पीएपी) व्यवस्था लागू कर दी है.

संरक्षित एरिया परमिट के तहत विदेशियों को मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड की यात्रा करने से पहले सरकार से लिखित इजाजत लेनी होगी. ऐसे में विदेशियों की एंट्री इन तीनों राज्यों में बेरोकटोक नहीं हो पाएगी.

हाल ही में सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो सामने आए थे जिसमें विदेशी नागरिक स्थानीय लोगों को ड्रोन चलाने की ट्रेनिंग दे रहा है. ये विदेशी, यूएस स्पेशल फोर्सेज का पूर्व-कमांडो है और ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए मणिपुर आया था. लेकिन सामाजिक और धार्मिक कार्यों की आड़ में ये विदेशी कमांडो कुकी समुदाय को मैतई समाज के लोगों के खिलाफ भड़काने का उपदेश दे रहा है. (Viral Video: मणिपुर में सक्रिय यूएस डीप-स्टेट ?)

हालांकि, ये पहली बार ऐसा नहीं है कि उत्तर-पूर्व के राज्यों में परमिट-सिस्टम लागू किया गया है. 13 साल पहले तक मणिपुर राज्य में संरक्षित एरिया परमिट लागू था. लेकिन राज्य में शांति-बहाली के बाद इसे हटा लिया गया था.

पिछले डेढ़ साल से मणिपुर में जातीय हिंसा जारी है. ऐसे में फिर से संरक्षित एरिया परमिट लागू किया गया है.

मणिपुर में हिंसा के मद्देनजर फ्री मूवमेंट रेजिम (एफएमआर) व्यवस्था को रद्द कर दिया गया था इस व्यवस्था के तहत म्यांमार से सटे भारत के मणिपुर और मिजोरम में दोनों देशों के नागरिक बॉर्डर के 16 किलोमीटर के दायरे में बिना किसी रोक-टोक के आवाजाही कर सकते थे.

म्यांमार में राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा के चलते मिजोरम में भी परमिट व्यवस्था लागू की गई है. क्योंकि म्यांमार में सेना के तख्तापलट के बाद बड़ी संख्या में लोग भारत की सीमा में दाखिल हो रहे हैं.

साथ ही हाल ही में मिजोरम के मुख्यमंत्री लाल दुहोमा ने अमेरिका में एक कार्यक्रम में अलग देश बनाने की इच्छा जाहिर की थी. दुहोमा ने भारत, म्यांमार और बांग्लादेश में रहने वाले चिन-कुकी-ज़ो समुदायों को मिलाकर एक अलग राष्ट्र बनाने का आह्वान किया है. (अमेरिका में मिजोरम CM का बदला सुर, अलग राष्ट्र का बजाया भोंपू)

इन सभी कारणों के चलते गृह मंत्रालय ने उत्तर-पूर्व के तीन राज्यों में परमिट व्यवस्था को 13 साल बाद फिर से लागू कर दिया है.