यूएन पीसकीपिंग मिशन में भारतीय सेना अब स्वदेशी गाड़ियों का इस्तेमाल करेगी. इसी कड़ी में लेबनान में तैनात भारतीय टुकड़ी को 62 मेक इन इंडिया मिलिट्री व्हीकल्स मुहैया कराई गई हैं.
अभी तक भारतीय सेना की यूएन बटालियन संयुक्त राष्ट्र को दूसरे देशों द्वारा सप्लाई गई गाड़ियों को इस्तेमाल करना पड़ता था. लेकिन पहली बार भारतीय सेना देश से बाहर स्वदेशी गाड़ियों का इस्तेमाल करेगी.
जिन गाड़ियों को लेबनान भेजा गया है उनमें हाई मोबिलिटी ट्रूप कैरेज व्हीकल, यूटिलिटी व्हीकल (एक टन और 2.5 टन), मीडियम और लाइट एम्बुलेंस, फ्यूल ब्राउजर और रिकवरी व्हीकल शामिल है.
लेबनान में यूनाइटेड नेशन्स अंतरिम फोर्स इन लेबनान (यूएनआईएफआईएल) के तहत भारतीय सेना की एक पूरी बटालियन तैनात है. लेबनान और इजरायल के बीच विवादित ब्लू-लाइन (बॉर्डर) पर भारतीय सेना तैनात रहती है.
भारतीय सेना के मुताबिक, मेक इन इंडिया व्हीकल्स के जरिए इंडियन बटालियन अब स्वदेशी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करेगी ताकि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर की प्रतिबद्धता को दर्शाया जा सके. साथ ही वैश्विक स्तर पर भारत की रक्षा उत्पादन की क्षमताओं को भी प्रदर्शित किया जा सके. (https://x.com/neeraj_rajput/status/1876944880464716004)
संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में भारत उन देशों की श्रेणी में शामिल है जिसके सबसे ज्यादा सैनिक दुनिया के अलग-अलग युद्ध-क्षेत्र और अशांत इलाकों में तैनात है. ऐसे में स्वदेशी गाड़ियों के इस्तेमाल से संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भारत अपने उत्कृष्ट नेतृत्व को बरकरार रखे हुए है.
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अक्टूबर के महीने में जब इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने ब्लू लाइन पार कर दक्षिणी लेबनान में दाखिल हुई थी, तब यूएनआईएफआईएल की टुकड़ियों से टकराव की नौबत आ गई थी. हालांकि, इन टुकड़ियों में भारतीय बटालियन शामिल नहीं थी, लेकिन यूएन फोर्सेज के आधुनिकीकरण की जरूरत पड़ी थी. (इजरायल ने लांघी Blue-Line, भारत चिंतित)