अमेरिकी डीप-स्टेट की मदद से बनी बांग्लादेश की युनूस सरकार ने पश्चिमी देशों के साथ मिलिट्री एलायंस शुरू कर दिया है. अमेरिका से हेलीकॉप्टर और यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ सिक्योरिटी और डिफेंस करार करने जा रहा है बांग्लादेश. पाकिस्तान से पहले ही बांग्लादेश को गोला-बारूद और आरडीएक्स मिलना शुरू हो चुका है. यानी आने वाले समय में भारत-विरोधी बांग्लादेश के जरिए दक्षिण एशिया की जियो-पॉलिटिक्स में भारी बदलाव की आशंका है.
बांग्लादेश, बेहद गुपचुप तरीके से पश्चिमी देशों से काउंटर-ड्रोन सिस्टम भी खरीदने की तैयारी कर रहा है. चीन से भी जे-10 फाइटर जेट खरीदने की प्लानिंग कर रहा है बांग्लादेश.
बांग्लादेश अपना रक्षा बजट भी लगातार बढ़ा रहा है तो हथियारों और मिलिट्री प्लेटफॉर्म को खुद बनाने की तैयारी कर रहा है.
अमेरिका से सैन्य करार
अमेरिका ने बांग्लादेश के साथ जनरल सिक्योरिटी ऑफ मिलिट्री इंफॉर्मेशन एग्रीमेंट (जीएसओएमआईए) और एक्यूजेशन क्रॉस-सर्विसिंग एग्रीमेंट (एसीएसए) करने की फिराक में है.
माना जा रहा है कि बांग्लादेश जल्द ही अमेरिका से जीएसओएमआईए करार कर सकता है. हालांकि, एसीएसए करार करने पर बांग्लादेश ने हिचकिचाहट दिखाई है.
अमेरिका से बांग्लादेश अपने आर्मी एविएशन (कोर) के लिए ब्लैक हॉक और सिकोरस्की हेलीकॉप्टर खरीदने की तैयार कर रहा है. साथ ही अमेरिका से किंग एयर-360 हेलीकॉप्टर भी खरीदने का मन बांग्लादेश बना रहा है. (बांग्लादेश को तोड़ने पर क्यों तुला है अमेरिका ?)
यूरोपीय संघ (ईयू) से नजदीकियां
अमेरिका से करीबी संबंध के चलते बांग्लादेश को यूरोपीय संघ में भी तरजीह मिलनी शुरू हो गई है. यूरोपीय संघ ने बांग्लादेश सशस्त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए ईयू सिक्योरिटी एंड डिफेंस इंगेजमेंट का हिस्सा बनने का न्योता दिया है.
बांग्लादेश को अपने ब्लॉक में शामिल करने के लिए ईयू ने अपने एक डिफेंस अटैचे को ढाका में तैनात कर दिया है. माना जा रहा है कि ईयू के सहयोग से बांग्लादेशी वायुसेना की क्षमताओं में वृद्धि हो सकती है. (बांग्लादेश में तख्तापलट के तीन सूत्रधार बेपर्दा, यूनुस ने खुद किया खुलासा)
पश्चिमी देश से काउंटर-ड्रोन सिस्टम
ईयू से नजदीकियों का ही नतीजा है कि बांग्लादेश को जल्द किसी पश्चिमी देश से काउंटर-यूएवी सिस्टम मिलने जा रहा है.
बांग्लादेश ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि ये पश्चिमी देश कौन सा है. उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश ने टर्की से बेहद ही खतरनाक बायरेक्टर टीबी-2 कॉम्बेट ड्रोन खरीदे हैं, जिन्हें हाल ही में भारत की एयर-स्पेस के करीब फ्लाई करते देखा गया था.
टर्की के अलावा बांग्लादेश हाल के सालों में फ्रांस, इटली और स्वीडन जैसे यूरोपीय देशों के बेहद करीब आया है. इन देशों को ग्लोबल आर्म्स सेल्स में बड़ा भागीदार माना जाता है. [बांग्लादेश ने उड़ाया Bayraktar ड्रोन, ईस्टर्न फ्रंट पर चौकसी जरूरी]
जापान से सैन्य सहयोग
बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में जापान के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने के मसौदे पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके तहत जापान, बांग्लादेश को सैन्य उपकरण और मिलिट्री-टेक्नोलॉजी साझा करने के लिए तैयार हो गया है.
जापान के साथ बांग्लादेश के पांरपरिक तौर से मजबूत संबंध रहे हैं. जापान के साथ बांग्लादेश, संबंधों को सामरिक साझेदारी के स्तर पर ले जाना चाहता है.
चीन से मिलेंगे जे-10 फाइटर जेट
चीन से बांग्लादेश, जे-10 लडाकू विमान खरीदने की प्लानिंग कर रहा है. 4.5 जेनरेशन के इन फाइटर जेट को चीन, अमेरिका के एफ-16 का प्रतिद्धिंदी मानता है.
खबर है कि बांग्लादेश, चीन से 16 जे-10 फाइटर जेट खरीद सकता है. पाकिस्तान भी चीन के इन जे-10 एयरक्राफ्ट को फ्लाई करता है. [बांग्लादेश लेगा चीन से J-10 एयरक्राफ्ट, किसके खिलाफ करेगा इस्तेमाल]
पाकिस्तान से शुरू हो चुकी है गोला-बारूद की सप्लाई
हाल ही में टीएफए ने अपने एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में खुलासा किया था कि किस तरह शेख हसीना के सत्ता छोड़ने के साथ ही पाकिस्तान ने बांग्लादेश को टैंक और तोप के गोलों सहित आरडीएक्स जैसे खतरनाक बारूद की सप्लाई भी शुरू कर दी है. [पाकिस्तान ने बांग्लादेश को शुरू की गोला-बारूद की सप्लाई (TFA Exclusive)]
पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश के बंदरगाहों पर पाकिस्तान से कार्गो जहाज पहुंचे हैं. इनमें 40 हजार राउंड तोप के गोले, दो हजार राउंड टैंक का एम्युनिशन, 40 टन आरडीएक्स और करीब तीन हजार हाई-इंटेसिटी प्रोजेक्टाइल शामिल थे.
जबकि 2023 तक बांग्लादेश महज 12 हजार राउंड ही इम्पोर्ट करता था. (दगाबाज रे! बांग्लादेश में पाकिस्तान का Psy-Ops शुरू)
रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी
बांग्लादेश किस तरह अपना डिफेंस बजट लगातार बढ़ा रहा है और कैसे रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की जुगत कर रहा है, इस पर अगली रिपोर्ट (पार्ट-2) में विस्तार से चर्चा करेंगे. (53 साल बाद बांग्लादेश लौटेगी पाकिस्तानी सेना, बीएसएफ ने कसी कमर)
भारत के लिए अलर्ट
शेख हसीना के सत्ता छोड़ने और देश छोड़कर जाने के बाद भारत-विरोधी तत्व बांग्लादेश में काफी मजबूत हुए हैं. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार भी चाहे पाकिस्तान हो या फिर चीन या फिर टर्की, उन देशों से सैन्य सहयोग बढ़ा रही है जिनका भारत से 36 का आंकड़ा रहा है.
गौरतलब है कि जून 2023 में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना जब भारत के दौरे पर आई थी, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साझा हथियार बनाने पर करार किया था. लेकिन दो महीने बाद ही शेख हसीना को अराजक और उग्र प्रदर्शनों के चलते देश को छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी थी.
शेख हसीना के पदच्युत होने के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के साथ हुए करार को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. (शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग, बांग्लादेश को मिलेगा जल्द जवाब)