इजरायल के साथ साझेदारी में अदाणी डिफेंस द्वारा बनाया जा रहा ‘दृष्टि-10’ ड्रोन टेस्टिंग के दौरान हादसे का शिकार हो गया है. दृष्टि 10 को हर्मीस स्टारलाइनर के नाम से भी जाना जाता है. ड्रोन टेस्टिंग के दौरान गुजरात के पोरबंदर तट के करीब क्रैश हो गया. इस ड्रोन का परीक्षण भारतीय नौसेना कर रही थी. बताया जा रहा है हादसे का शिकार हुए दृष्टि 10 की कीमत लगभग 140 करोड़ रु थी.
हादसे का शिकार हुआ 140 करोड़ का दृष्टि-10 ड्रोन
तकरीबन एक साल पहले दृष्टि 10 स्टारलाइनर ड्रोन को भारतीय नौसेना को सौंपा गया था. हैदराबाद में अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस कंपनी के कॉम्प्लेक्स में तैयार स्वदेशी यूएवी दृष्टि -10 स्टारलाइनर के जंगी बेड़े में शामिल किया गया था. तत्कालीन नेवी चीफ एडमिरल आर हरि कुमार ने हैदराबाद में पहले स्वदेश निर्मित दृष्टि 10 स्टारलाइनर अनमैन्ड एरियल व्हीकल यानी यूएवी ड्रोन से पर्दा उठाया था.
नौसेना पोरबंदर में ड्रोन का टेस्ट कर रही थी. इस दौरान ऑपरेटर द्वारा एक आपातकालीन लैंडिंग (वाटर पर लैंडिंग) के रूप में डिच किया गया जो एक प्री एक्सेप्टेंस ट्रायल का हिस्सा था. हादसे के शिकार ड्रोन को विक्रेता ने वापस ले लिया है और इसकी जांच की जा रही है. भारतीय नौसेना को कोई वित्तीय नुकसान नहीं होगा क्योंकि यह ड्रोन अभी तक नौसेना में शामिल नहीं किया गया था. दृष्टि 10 स्टारलाइनर ड्रोन को अदाणी डिफेंस और एयरोस्पेस द्वारा हैदराबाद में असेंबल किया जा रहा है, जो इजरायल की प्रमुख विमानन कंपनी एलबिट के साथ साझेदारी में है.
बेहद शक्तिशाली है दृष्टि-10, इजरायल के साथ है साझेदारी
अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस का दावा है कि दृष्टि 10 स्टारलाइनर एक एडवांस इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकोनिसेंस (आईएसआर) प्लेटफॉर्म है. ये एक ‘मेल’ यानी मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंडुरेंस ड्रोन है जो 36 घंटे उड़ने की क्षमता रखता है और 450 किलोग्राम वजन उठा सकता है. हर मौसम और स्थिति में उड़ान भरना आत्मनिर्भर ड्रोन की खूबी है. अदाणी का ड्रोन नाटो के ‘स्टैगनेग 4671’ सर्टिफिकेशन के साथ आता है.
हर्मीस 900 आरपीएएस का निर्माण इजरायल ने वर्ष 2009 में किया था. हर्मीस स्टारलाइनर उसका ही वर्जन है जो खास ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारत में बनाया गया है. हर्मीस एक सर्विलांस और रिकोनिसेंस आरपीएएस है जिसे इजरायल के अलावा अजरबैजान और ब्राजील जैसे देशों की सेनाएं भी इस्तेमाल करती हैं.
नौसेना ने हर्मीस 900 को निगरानी के लिए खरीदा था, क्योंकि इससे पी8आई विमान पर दबाव कम हो सकता है. भारत ने पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन लेने के सौदे का भी ऐलान किया था. हालांकि, अभी प्रीडेटर ड्रोन की सप्लाई में समय लग सकता है.
अडाणी और नौसेना की तरफ से बयान का इंतजार
पोरबंदर में हुए क्रैश को लेकर अडाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस और भारतीय नौसेना की तरफ से कोई आधिकारिक बयान अभी तक सामने नहीं आया है.