अदाणी समूह को निशाना बनाने वाली अमेरिका की शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने की घोषणा के बाद अदाणी के शेयर्स में शेयर बाजार में तूफान ला दिया है. अदाणी ग्रुप के शेयर में भारी उछाल देखा गया है.
हिंडनबर्ग कंपनी के संस्थापक नैट एंडरसन ने डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने से पहले हिंडनबर्ग बंद करने का ऐलान किया है. एंडरसन ने हिंडनबर्ग बंद करने का फैसला ऐसे वक्त में लिया है जब हाल ही में अमेरिकी हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी के एक सदस्य और रिपब्लिकन सांसद ने न्याय विभाग से हिंडनबर्ग को लेकर जांच की मांग की थी.
हिंडनबर्ग, भारत में उस वक्त चर्चा में आया था जब उसने सबसे बड़े उद्योगपति गौतम अदाणी और उनके कंपनी पर सवाल खड़े किए थे. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद ही विपक्ष ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया था.
अदाणी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट हालांकि, ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाई थी, क्योंकि कुछ दिनों में ये पता चल गया था कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के पीछे चीनी जासूस थे, जो भारत की अर्थव्यवस्था को पटरी पर उतारना चाहते थे.
नहीं चली झूठ की दुकान, जांच से डरे हिंडनबर्ग के संस्थापक
नैट एंडरसन ने हिंडनबर्ग वेबसाइट पर एक नोट लिखकर कहा- मैंने हिंडनबर्ग रिसर्च को खत्म करने का निर्णय लिया है. जिन विचारों पर हम काम कर रहे थे, उन्हें पूरा करने के बाद योजना को बंद करने की योजना है.
इस फैसले को बंद करने के पीछे कोई विशेष खतरा या व्यक्तिगत मुद्दा नहीं है. पिछले साल के अंत में ही अपने परिवार, दोस्तों और अपनी टीम के साथ ये बात शेयर की थी कि इस प्लानिंग के साथ कंपनी को शुरू किया गया था उन विचारों के पूरा होने के बाद हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद कर दिया जाएगा.
अदाणी के खिलाफ चीनी जासूस अनला चेंग और मार्क किंगडम ने बनवाई थी हिंडनबर्ग रिपोर्ट: महेश जेठमलानी
वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने दावा किया था कि चीनी जासूस एनला चेंग और उनके पति मार्क किंगडन ने अदाणी ग्रुप के खिलाफ रिपोर्ट तैयार करवाई थी.
चीनी जासूस एनला ने हिंडनबर्ग को हायर किया था. जेठमलानी ने एनला चेंग की कंपनी के पूर्व स्टाफ शैनन वान सैंट का एक एफिडेविट भी शेयर किया है.
महेश जेठमलानी का दावा किया कि “चीनी जासूस ने कोटक महिंद्रा इंवेस्टमेंट लिमिटेड का इस्तेमाल करके एक ट्रेडिंग अकाउंट बनाया और अडानी के शेयर में शॉर्ट-सेलिंग की. इससे चीनी जासूस पत्नी और अमेरिकी पति को अरबों रुपए का फायदा हुआ, जबकि कई भारतीय इंवेस्टर्स का पैसा डूब गया.”
महेश जेठमलानी ने अपनी बातों के लिए दस्तावेज भी शेयर किए थे. जिसमें कहा गया कि “किंगडम ने कोटक की अंतरराष्ट्रीय निवेश शाखा कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (केएमआइएल) से संपर्क किया. इसके बाद एक आफशोर फंड के साथ-साथ अडानी शेयर्स में व्यापार के लिए आफशोर अकाउंट खोले. इसके चलते कोटक इंडिया आपच्र्युनिटी फंड (केआइओएफ) बनाया गया.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट तैयार होने से पहले केआइओएफ ने मॉरीशस मार्ग से अदाणी शेयरों में बड़ी शार्ट-पोजिशन ली. व्यापार के लिए चार करोड़ डॉलर की राशि किंगडन के मास्टर फंड द्वारा प्रदान की गई, जिसका स्वामित्व एनला चेंग सहित किंगडन परिवार के पास है. शॉर्ट-सेलिंग के कारण अदाणी समूह की कंपनियों के शेयर्स और निवेशकों को भारी नुकसान हुआ और पति-पत्नी ने तकरीबन 180 करोड़ कमाए “
महेश जेठमलानी ने एक्स पोस्ट में एनला चेंग को ‘स्मोकिंग गन’ कहा . जेठमलानी ने कहा- “चीनी जासूसों का मकसद भारतीय कॉरपोरेट की प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाकर चीनी के रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाना था.”
हिंडनबर्ग बंद होने पर कौन क्या कह रहा है?
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी के बंद होने की खबरों पर कहा, ”खबर ये आई है कि हिंडनबर्ग ने अपनी दुकान बंद कर ली है. एक बात तो स्पष्ट है कि हिंडनबर्ग एक टारगेट सुपारी लेकर भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की मंशा से और निजी मुनाफा कमाने की मंशा से काम कर रहा था.
अर्थशास्त्री अमन चुग ने कहा- “हमने देखा है कि बांग्लादेश में क्या हुआ, श्रीलंका में क्या हुआ, नेपाल में क्या हो रहा है, म्यांमार में भी चालू हो गया है. इसी तरह भारत के खिलाफ भी डीप स्टेट की तरफ से साजिश रची गई.”
वरिष्ठ वकील जय अनंत ने कहा- “एंडरसन पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है. पीएम मोदी, अदाणी और सेबी पर हमले सिर्फ लाभ के लिए नहीं थे. ये भारत में अस्थिरता पैदा करने की साजिश थी.’
हिंडनबर्ग के बंद होने की घोषणा से अदाणी के शेयर्स में उछाल है. हिंडनबर्ग ने मोदी सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट और सेबी तक को घेरने की कोशिश की थी. उनका मोटिव साफ था, अराजकता फैलाना. मांग की जा रही है कि भारत के खिलाफ साजिश रचने वालों की जांच होनी चाहिए.