केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पेश किए आम बजट में रक्षा बजट में 9.53 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा क्षेत्र के लिए 6.81 लाख करोड़ रुपये के बजट का ऐलान किया है, जो पिछले बजट के मुकाबले रक्षा क्षेत्र के बजट से थोड़ा ज्यादा है.
पिछले साल (2024-25) में रक्षा बजट 6.20 लाख करोड़ रुपए का था. ऐसे में भारत ने अपने रक्षा क्षेत्र को और ज्यादा मजबूत करने के लिए 61 हजार करोड़ रुपए की छलांग लगाई है.
इस साल का रक्षा बजट, देश के आम बजट का 13.45 प्रतिशत के साथ सभी सेक्टर में सबसे ज्यादा है.
मौजूदा चुनौतियों को देखते हुए रक्षा बजट में बढ़ोतरी
दुनिया में चल रही टेंशन को देखते हुए भारत को डिफेंस क्षेत्र में और मजबूत बनाने के लिए रक्षा मंत्रालय को केंद्रीय बजट 2025 का सबसे बड़ा को सबसे बड़ा आवंटन मिला है, जो कुल 6.81 लाख करोड़ रुपए है. इसमें से 1.80 लाख करोड़ रुपए पूंजीगत खर्च यानी सशस्त्र सेनाओं के हथियार और आधुनिकिकरण के लिए रखा गया है. पिछले साल पूंजीगत खर्च कुल 1.72 लाख करोड़ रूपये था. खास बता ये है कि इसमें से 75 प्रतिशत यानी 1.05 करोड़ स्वदेशी हथियारों के लिए निर्धारित किए गए थे.
साल 2025-26 के लिए रक्षा क्षेत्र में व्यय का अनुमान 4.92 लाख करोड़ रुपए लगाया गया है. 2024-25 के लिए 4.57 करोड़ रुपए का संशोधित अनुमान गया था, जिसके लिए 4.55 लाख करोड़ रुपए का अनुमान लगाया गया था.
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत पर जोर
केंद्रीय बजट ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर फोकस किया है, जिसमें मेक इन इंडिया पर जोर दिया गया है. 2024 में रक्षा मंत्रालय ने 1.26 लाख करोड़ रुपये का स्वदेशी रक्षा उत्पादन मूल्य दर्ज किया था, जो अब तक सबसे ज्यादा उत्पादन था. पिछले साल रक्षा निर्यात 21 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया था.
- राजस्व बजट: 3.12 लाख करोड़ (कुल बजट का 45.76 प्रतिशत)
- राजस्व बजट: सैनिकों की सैलरी, राशन, तेल और हथियारों का रख-रखाव
- डिफेंस पेंशन: 14 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी (1.61 लाख करोड़)
- सिविल डिफेंस पेंशन: 27 हजार करोड़
- डिफेंस आरएंडडी: 12 प्रतिशत ज्यादा
- भारतीय तटरक्षक बल: कैपिटल बजट में 43 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी
- बीआरओ का कैपिटल बजट—-7146 करोड़