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सरकारें गिराने के लिए कुख्यात USAID बंद, भारत में हुई थी साजिश नाकाम

दुनियाभर में लोकतांत्रिक सरकारों को गिराने के लिए कुख्यात, अमेरिकी फेडरल एजेंसी यूएसएड (यूएसएआईडी) को एलन मस्क ने ‘क्रिमिनल ऑर्गेनाइजेशन’ करार देते हुए बंद करने का ऐलान किया है. ट्रंप के मंत्री और अरबपति बिजनेसमैन मस्क का ये बयान यूएसऐड के दो अधिकारियों को जबरदस्ती छुट्टी पर भेजने के बाद आया है.

एलन मस्क ने तो यूएसएड पर चीन की वुहान लैब को दुनियाभर में कोरोना वायरस फैलाने तक के गंभीर आरोप लगा डाले. खास बात ये है कि यूएसऐड की वेबसाइट भी रविवार से डाउन (बंद) है.

सीआईए की कठपुतली है यूएसएड ?

‘यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट’ (यूएसएड ) को दुनियाभर में अलग-अलग एनजीओ को मदद करने और विकासशील कार्यक्रम को बढ़ावे देने के लिए खड़ा किया गया था. लेकिन एजेंसी पर सीक्रेट तरीके से अमेरिका की खुफिया एजेंसी, सीआईए (सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी) के इशारे पर काम करने के आरोप लगते रहे हैं.

माना जाता है कि जिस देश की सरकार को सीआईए गिराने की साजिश रचती है, उसके लिए उस देश के अल्ट्रा-एनजीओ को फंडिंग शुरू कर देती है. ये फंडिंग कॉरपोरेट कंपनियों और मीडिया तक को की जाती है. वर्ष 2023 में यूएसऐड का कुल बजट 40 बिलियन डॉलर था. (https://x.com/elonmusk/status/1886110952396870133)

यूक्रेन में मैदान क्रांति रही थी सफल

भारत में भी यूएसएड के दखल के आरोप लगे हैं. अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के नए मंत्री रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने तो यहां तक आरोप लगाए थे कि यूएसएड ने ही वर्ष 2014 में यूक्रेन में दंगे (‘मैदान क्रांति’) कराई थी ताकि तत्कालीन सरकार को हटाकर अमेरिकी के किसी कठपुतली को सत्ता सौंप दी जाए. (https://x.com/liz_churchill10/status/1886163624193823018)

कैनेडी ने बांग्लादेश में अराजक-प्रदर्शन के जरिए बांग्लादेश में भी सत्ता परिवर्तन का आरोप लगाया था. हालांकि, कैनेडी ने कहा था कि ऐसी साजिश (किसान आंदोनल की आड़ में) भारत में नाकाम हो गई थी.

यूएसएड के ऑफिसर भेजे गए छुट्टी पर

मौजूदा विवाद शनिवार को शुरू हुआ, जब एलन मस्क के डोज (डीओजीई) विभाग के अधिकारियों को यूएसएड के मुख्यालय में घुसने से रोका गया. ऐसे में यूएसऐड के सिक्योरिटी इंचार्च और उसके डिप्टी ऑफिसर को छुट्टी पर भेज दिया गया.

यूएसएड के दुनियाभर में दफ्तर हैं और करीब दस हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. इनमें से दो-तिहाई, अमेरिका से बाहर काम करते हैं. पिछले हफ्ते भी ट्रंप प्रशासन मे यूसऐड के 50 से ज्यादा अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया था.