अवैध भारतीयों के देश निकालने से तल्ख हुए संबंधों के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी समकक्ष पीट हेगसेथ से फोन पर बात की है. हालांकि, अमेरिका रक्षा सचिव (मंत्री) से चर्चा का मुख्य विषय रहा एविएशन इंजन और एमक्यू-9 प्रीडेटर ड्रोन की सप्लाई.
फोन-वार्ता के बाद रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि दोनों देशों के मंत्रियों ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापक रक्षा सहयोग की समीक्षा की जिसमें लैंड, एयर, मेरीटाइम और स्पेस डोमेन शामिल थे.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारत और अमेरिका के मंत्रियों ने “टेक्नोलॉजी कोऑपरेशन, इंडस्ट्रियल सप्लाई चेन की इंटीग्रेशन, लॉजिस्टिक और इंफॉर्मेशन शेयरिंग सहित साझा मिलिट्री एक्सरसाइज” पर प्रतिबद्धता दिखाई.
रक्षा सहयोग के लिए दोनों देशों के मंत्रियों ने अगले एक दशक (2025-35) के लिए ‘व्यापक फ्रेमवर्क’ पर काम करने की सहमति जताई. साथ ही दोनों देशों की सरकारों के साथ-साथ स्टार्टअप, बिजनेस और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग और डिफेंस इनोवेशन के लिए साझेदारी पर जोर दिया.
अमेरिकी एविएशन इंजन में दो साल की देरी
बाइडेन प्रशासन के दौरान भारत को एलसीए तेजस प्रोजेक्ट के लिए अमेरिकी एविएशन इंजन की सप्लाई में दो साल की देरी झेलनी पड़ी है. अब जब ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी कमान संभाली है तो माना जा रहा है कि इस साल मार्च के महीने से एफ-404 इंजन की सप्लाई हो सकती है. इन इंजन का इस्तेमाल एलसीए तेजस के मार्क-1ए वर्जन के लिया किया जाना है.
एफ-404 इंजन की सप्लाई में देरी के चलते हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) अपने स्टॉक में पड़े इंजन से शुरुआत एलसीए मार्क-1ए बनाने में जुटी है.
एमक्यू-9 प्रीडेटर ड्रोन मिलेंगे पांच साल बाद
हाल ही में ये जानकारी सामने आई थी कि पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका से जिन 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन की डील भारत ने की थी, वो भी एक लंबे इंतजार के बाद ही मिल पाएंगे. सूत्रों के मुताबिक, एमक्यू-9 ड्रोन की पहली खेप 2029 तक ही भारत को मिल पाएगी.
एविएशन इंजन और एमक्यू-9 ड्रोन के चलते भारत की सशस्त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण प्रक्रिया में काफी बाधाएं सामने आ रही हैं.