एयरो इंडिया के 15वें संस्करण मे भले ही रूस के सु-57 स्टील्थ फाइटर जेट और अमेरिका के फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट एफ-35 पर दुनिया की निगाहें टिकी हुई है लेकिन स्वदेशी एमका भी खासी सुर्खियां बटोर रहा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही हो बोल चुके हैं कि भारत, एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमका) को लेकर प्रण कर चुका है कि बनाकर तैयार करना है.
डीआरडीओ का दावा है कि एमका जब बनकर तैयार हो जाएगा, तब अपने श्रेणी के सबसे आधुनिक और घातक स्टील्थ फाइटर जेट में से एक होगा. माना जा रहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई की पावर से युक्त इलेक्ट्रोनिक पायलट, नेटसेंट्रिक वारफेयर सिस्टम, इंटीग्रेटेड व्हीकल हेल्थ मैनेजमेंट और इंटरनल-बे के साथ ये दुश्मन के लिए बेहद घातक साबित होगा.
एआई-पावर इलेक्ट्रोनिक पायलट में मल्टी सेंसर डाटा फ्यूजन है ताकि आसपास की स्थिति पर पूरी तरह नजर रखी जा सके. साथ ही पायलट भी तुरंत कार्रवाई कर सके और टारगेट भी सटीक लगाया जाए. बेहद कम विजिविलटी में एमका से ऑपरेशन किया जा सकेंगे.
जानकारी के मुताबिक, एयरो-इंडिया प्रदर्शनी में जो फुल-स्केल मॉडल को प्रदर्शित किया जा रहा है, उसे ही असल एमका में परिवर्तित किया जा रहा है.
एमका का डिजाइन तैयार करने वाली एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) का दावा है कि अगले एक दशक यानी 2035-36 तक स्वदेशी फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट बनकर तैयार हो जाएगा. (Su-57 Vs F-35: भारत को नहीं चाहिए विदेशी स्टील्थ फाइटर जेट। स्वदेशी AMCA पर चला दांव। https://youtu.be/WoWuhLWODSs)
एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस प्रदर्शनी
एशिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में देश-विदेश के कई आधुनिक और घातक फाइटर जेट ने हिस्सा लिया और दर्शकों को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया. लेकिन भारत ने एयरो इंडिया-2025 के पहले दिन, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजदूगी में फ्लाई पास्ट की शुरुआत की अपने सबसे नए स्वदेशी लड़ाकू विमान, एलसीए मार्क-1ए से.
पिछले दो सालों से अमेरिका से एविएशन इंजन की आस लगाए बैठे रहने के कारण एलसीए मार्क-1ए विवादों में था. लेकिन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने चार एलसीए मार्क-1ए बनाकर दुनिया को हैरान कर दिया. इसमें दो ट्रेनर एयरक्राफ्ट हैं.
समारोह के दौरान चारों मार्क-1ए फिंगर फॉर फोर्मेशन में उड़े, जिसे योद्धा फोर्मेशन का नाम दिया गया. बाद में एक सिंगल मार्क-1ए प्रोटोटाइप ने जबरदस्त एरियल डिस्प्ले कर बेंगलुरु के येलाहंका एयरफोर्स स्टेशन में मौजूद देश-विदेश के मेहमानों का दिल जीत लिया.
लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क-1ए को ‘अल्फा’ के नाम से भी जाना जाता है और एलसीए मार्क-1 (तेजस) से एडवांस और ज्यादा घातक है.
एलसीए तेजस से ज्यादा घातक है मार्क-1ए
वर्ष 2021 में रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 83 एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों का सौदा किया था. इनमें से 10 मार्क-1ए ट्रेनर एयरक्राफ्ट हैं. एचएएल का दावा है कि 2027-28 तक वायुसेना को सभी मार्क-1ए एयरक्राफ्ट मिल जाएंगे. मार्क-1ए फाइटर जेट बीवीआर यानी बियोंड विजुअल रेंज मिसाइल (अस्त्रा), एयर टू एयर रिफ्यूलिंग, आइसा रडार, इलेक्ट्रोनिक वारफेयर सूट और अर्ली वार्निंग रडार सिस्टम के चलते एलसीए तेजस (मार्क-1) से ज्यादा घातक है.