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कुर्स्क लौटाने के लिए तैयार जेलेंस्की, ट्रंप का जबरदस्त दबाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव के चलते झुकता नजर आ रहा है यूक्रेन. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस के साथ कुर्स्क क्षेत्र की अदला-बदली की बात कही है.

जेलेंस्की ने अपने ताजा बयान में कहा है कि यूक्रेन किसी भी संभावित शांति वार्ता में रूस के साथ अपने क्षेत्र की अदला-बदली की पेशकश करेगा. यानि मदद के बदले खनिज और रूस के यूक्रेन के कब्जे को लेकर डोनाल्ड ट्रंप के बेहद अहम बयान के बाद जेलेंस्की के सुर बदले नजर आ रहे हैं. 

अमेरिकी उपराष्ट्रपति से मिलेंगे जेलेंस्की, रखेंगे मध्यस्थता का प्रस्ताव

अमेरिकी चुनाव में सत्ता परिवर्तन का सबसे ज्यादा खामियाजा किसी को भुगतना पड़ा है, तो वो हैं यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की. जिस अमेरिका के बल पर जेलेंस्की ने रूस से पंगा लिया था, उस अमेरिका में जो बाइडेन की जगह डोनाल्ड ट्रंप के आने से वित्तीय और सैन्य मदद का टोटा पड़ गया है. उल्टा अमेरिका की ओर से बार-बार ये कहकर जेलेंस्की पर दबाव बनाया जा रहा है कि यूक्रेन को दिया गया एक-एक पैसा वसूल किया जाएगा. ट्रंप ने तो अब यहां तक कह दिया है कि यूक्रेन किसी भी दिन रूस का हो जाएगा. ऐसे में जेलेंस्की भयंकर दुविधा में फंस चुके हैं.

जेलेंस्की शुक्रवार को म्यूनिख सिक्योरिटी समिट में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मिलेंगे. ये मुलाकात ऐसे समय पर हो रही है, जब ट्रंप प्रशासन युद्ध समाप्ति पर दबाव बना रहा है. जेडी वेंस भी यूक्रेन को दी जा रही मदद का विरोध करते रहे हैं. 

जेलेंस्की ने बताया, कैसे होगा रूस के साथ समझौता

जेलेंस्की ने युद्ध रोकने के फॉर्मूले पर भी खुलकर बात की है. जेलेंस्की ने कहा, “हम रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को वह इलाके देने की पेशकश करेंगे, जिस पर यूक्रेन ने छह महीने पहले रूस के कुर्स्क क्षेत्र में कब्जा कर लिया था. हम एक क्षेत्र को दूसरे क्षेत्र से बदल देंगे. हालांकि ये नहीं पता है कि बदले में कौन से क्षेत्र मांगें जाएंगे.” जेलेंस्की ने अपने लिए सभी क्षेत्रों को खास बताया है.

जेलेंस्की ने वाशिंगटन से मांगी ‘कड़ी सुरक्षा की गारंटी’

अमेरिकी राष्ट्रपति लगातार रूस और यूक्रेन पर युद्ध खत्म करने का दबाव बना रहे हैं. ट्रंप ने युद्ध को बेकार और फालतू बताया है. ट्रंप अपने विशेष दूत कीथ केलॉग को जल्द ही यूक्रेन भेज रहे हैं, ताकि युद्ध समाप्ति और समझौते पर आगे बढ़ा जाए. वहीं जेलेंस्की समझौते के बदले वाशिंगटन से कड़ी सुरक्षा की गारंटी मांग रहे हैं. अमेरिका को लेकर जेलेंस्की ने कहा- “ऐसी आवाजें हैं जो कहती हैं कि यूरोप अमेरिका के बिना यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी दे सकता है, लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता. अमेरिका के बिना सिक्योरिटी गारंटी असली सिक्योरिटी गारंटी नहीं है.”

रूस का हो सकता है यूक्रेन: डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी मदद के बदले यूक्रेन से रेयर अर्थ एलिमेंट (बहुमूल्य खनिज) लेने का ऑफर देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है. ट्रंप ने कहा है कि, “यूक्रेन के पास मूल्यवान खजाना है. मैं चाहता हूं कि हमारा पैसा सुरक्षित रहे क्योंकि हम करोड़ों डॉलर खर्च कर रहे हैं. यूक्रेन हमारे साथ चाहे तो एक समझौता कर सकता है या फिर अगर नहीं चाहता तो कोई बात नहीं. वो किसी दिन रूस में मिल जाएगा या फिर नहीं भी मिलेगा लेकिन हमारा पैसा वहां जा रहा है, मैं अपना पैसा वापस चाहता हूं. मैंने यूक्रेन से कहा है कि मैं बराबरी चाहता हूं… वो हमें 500 अरब डॉलर का रेयर अर्थ दे दें. यूक्रेन ऐसा करने को राजी भी हो गया है तो हमें ऐसा नहीं लगेगा कि हमें बेवकूफ बनाया गया है.”

ट्रंप के बयान से पुतिन खुश, क्रेमलिन ने क्या कहा?

डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बयान जारी किया है. दिमित्री ने अपने बयान में कहा, ‘यह एक सच्चाई है कि यूक्रेन का एक बड़ा हिस्सा रूस में दोबारा मिल जाना चाहता है या ये हिस्से पहले ही रूस में शामिल हो चुके हैं. यह एक ऐसा तथ्य है जो जमीनी स्तर पर साकार हुआ है. रूस में अब चार नए क्षेत्र (दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसोन और जपोरेजिया) मिल गए हैं. यूक्रेन में लोग कई खतरों के बावजूद रूस में शामिल होने के लिए जनमत संग्रह में वोटिंग के लिए तैयार है. 

यूक्रेन के कौन-कौन से क्षेत्र पर कब्जा चाहता है रूस?

जब रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण किया था, तो ऐसा लगा था रूसी सेना जल्द ही कीव समेत कई बड़े हिस्सों पर अपना कब्जा कर लेगी. लेकिन तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत नाटो देशों ने रूस के खिलाफ यूक्रेन का खुलकर समर्थन किया, जिसके कारण युद्ध को इस महीने की 24 तारीख (फरवरी) को तीन साल पूरे हो जाएंगे. रूस को जो जंग आसान लगी थी, असल में वो आसान नहीं रही. मास्को के पास यूक्रेन के लगभग पांचवें हिस्से का क्षेत्र है. 

साल 2023 में रूस ने अपने कब्जे को वैधता देने के प्रयास में चार कब्जे वाले क्षेत्रों, डोनेत्स्क, लुहान्स्क, ज़ापोरिज्जिया और खेरसॉन में जनमत संग्रह आयोजित किया था. ट्रंप के ताजा बयान के बाद दिमित्री पेसकोव ने उसी जनमत संग्रह के हवाले से कहा, “लोगों ने रूस में शामिल होने के लिए जनमत संग्रह में कई खतरों के बावजूद, लाइन में खड़े होकर मतदान किया”

युद्ध खत्म करने के बदले पुतिन की क्या हैं शर्तें?

पुतिन की कोशिश है कि युद्ध को अब जल्द से जल्द खत्म किया जाए. लेकिन पुतिन ने शुरुआत से ही युद्ध को खत्म करने के लिए कई शर्तें रखी हैं, जिसमें मांग की गई है कि यूक्रेन नाटो में शामिल न हो, डोनबास और नोवोरोजिया क्षेत्र से यूक्रेनी सेना की वापसी हो, पश्चिमी देश रूस के ऊपर लगाए आर्थिक प्रतिबंध खत्म करें इत्यादि. 

ट्रंप की ताजा टिप्पणी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए वरदान की तरह है, क्योंकि पुतिन हमेशा से कहते रहे हैं कि “रूस और यूक्रेन के एक ही लोग हैं, एक साथ ही पूरे हैं, क्योंकि यूक्रेन एक संप्रभु देश नहीं है.”

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