अमेरिका में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की बेइज्जती के साथ नाटो के बाद अब यूरोपीय संघ (ईयू) में भी विघटन का खतरा मंडराने लगा है. कारण है हंगरी और स्लोवाकिया. यूरोप के ये दोनों देश जेलेंस्की के खिलाफ हैं और ट्रंप सहित रूस का समर्थन कर रहे हैं.
हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने ईयू को चिट्ठी लिखकर साफ कर दिया है कि यूक्रेन को सैन्य मदद और यूरोप के सैन्यीकरण के किसी प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया जाएगा.
यूरोप के सैन्यीकरण और यूक्रेन की मदद के खिलाफ हंगरी के प्रधानमंत्री
अमेरिका से यूक्रेन को मिलने वाली सैन्य मदद बंद होने के बाद इंग्लैंड सहित कई यूरोपीय देश सहायता के लिए आगे आए हैं. साथ ही यूरोपीय देश अपना रक्षा बजट बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं.
विक्टर ने ईयू काउंसिल के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा को लिखी चिट्ठी में साफ कर दिया है कि यूक्रेन को सैन्य मदद को लाए जाने वाले प्रस्ताव का हंगरी विरोध करेगा. (हंगरी के पीएम केरल में, छुट्टी या कूटनीतिक प्लान)
यूक्रेन की मदद के लिए ईयू को चाहिए 3.1 ट्रिलियन डॉलर
एक अनुमान के मुताबिक, यूरोप अगर अमेरिका की जगह यूक्रेन को मदद करने के लिए तैयार होता है तो अगले दस साल में करीब 3.1 ट्रिलियन डॉलर खर्च करने पड़ेंगे. इस मदद में यूक्रेन को हथियारों की पूर्ति के साथ-साथ पुनर्निर्माण शामिल है.
हंगरी के प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में युद्धविराम के लिए ईयू को सीधे रूस से शांति वार्ता की पेशकश भी की है.
कमजोर व्यक्ति युद्ध करते हैं
ओवल ऑफिस में बहस के बाद ओरबान ने ट्रंप का समर्थन करते हुए अपने एक्स अकाउंट पर ये लिखकर सनसनी फैला दी थी कि “शक्तिशाली व्यक्ति शांति स्थापित करते हैं, कमजोर व्यक्ति युद्ध करते हैं.”
6 मार्च को यूक्रेन के समर्थन में ईयू समिट
इसी महीने की 6 तारीख को ईयू ने यूक्रेन की मदद करने के लिए एक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया है. इस सम्मेलन में यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई के साथ-साथ जेलेंस्की की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हुई बहस के बाद उपजे हालात पर चर्चा करने का प्रस्ताव रखा गया है.
यूक्रेन की मदद रोकने के लिए स्लोवाकिया के पीएम फिको पर हो चुका जानलेवा हमला
विक्टर ऑर्बन की तरह ही स्लोवाकिया के पीएम रॉबर्ट फिको ने भी यूक्रेन पर किसी भी तरह के खर्च से साफ इंकार कर दिया है. विक्टर की तरह ही फिको को भी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का समर्थक और सहयोगी माना जाता है. यूक्रेन के खिलाफ नीतियों को लेकर पिछले साल फिको पर एक जानलेवा हमला भी हुआ था. (स्लोवाकिया की यूक्रेन नीति से नाराज था लोन-वुल्फ, हमले के बाद पीएम फिको अस्पताल में)
लंदन में आयोजित यूक्रेन समिट (2 मार्च) में हंगरी और स्लोवाकिया को आमंत्रित नहीं किया गया है. (स्लोवाक पीएम क्रेमलिन में, जेलेंस्की पर घूस देने का लगाया है आरोप)