लड़ाकू विमानों की घटती स्क्वाड्रन और एलसीए तेजस प्रोजेक्ट में हो रही देरी के बाद अब एयरोस्पेस सेक्टर में प्राईवेट कंपनियों को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. क्योंकि वायुसेना की क्षमता को मजबूत करने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा गठित विशेष कमेटी ने एयरोस्पेस सेक्टर में डिफेंस पीएसयू और डीआरडीओ के साथ प्राईवेट कंपनियों को साथ लेकर इस कमी को पूरा करने की सिफारिश की है.
वायुसेना की क्षमता बढ़ाने के लिए रक्षा सचिव ने सौंपी अपनी रिपोर्ट
रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में बनी ‘एम्पावर्ड कमेटी फॉर कैपेबिलिटी इनहांसमेंट ऑफ इंडियन एयरफोर्स’ ने अपनी रिपोर्ट रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंप दी. इस दौरान खुद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह भी मौजूद थे.
वायुसेना की घटती स्क्वाड्रन पर एयर चीफ ने जताई है गहरी चिंता
हाल के दिनों में एयर चीफ मार्शल ने वायुसेना की घटती स्क्वाड्रन पर गहरी चिंता जताई है. वायुसेना प्रमुख ने हर वर्ष 30-40 नए फाइटर जेट की मांग की है. क्योंकि अगले कुछ सालों में मिराज, जगुआर और मिग-29 फाइटर जेट रिटायर होने जा रहे हैं. मिग-21 की जगह पर एलसीए तेजस की रिप्लेसमेंट भी बेहद धीमी गति से हो रही है.
अमेरिका से एविएशन इंजन में देरी से हुई सप्लाई से एलसीए प्रोजेक्ट प्रभावित
अमेरिका से एविएशन इंजन की सप्लाई में देरी से एलसीए प्रोजेक्ट के समक्ष अड़चन आ गई है. हाल ही में बेंगलुरु में आयोजित एयरो-इंडिया प्रदर्शनी के दौरान एयर चीफ मार्शल सिंह ने सार्वजनिक तौर से सरकारी एविएशन कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की जमकर खिंचाई कर दी थी. इस वार्तालाप का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था.
टाटा कंपनी बना रही है ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट
ऐसे में खुद वायुसेना प्रमुख ने एयरोस्पेस सेक्टर में प्राईवेट कंपनियों को शामिल करने की हिमायत की थी. टाटा कंपनी ने हालांकि, ग्लोबल एविएशन कंपनी एयरबस के साथ मिलकर वर्ष 2022 में वडोदरा में सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का प्लांट पहले ही स्थापित कर लिया है. वहां निर्मित एयरक्राफ्ट की सप्लाई भी वायुसेना में शुरू हो चुकी है.
एयर चीफ मार्शल की चिंता के बाद राजनाथ ने बनाई थी उच्च स्तरीय कमेटी
एयर चीफ अब मेक इन इंडिया के तहत फाइटर जेट बनाने में भी प्राईवेट कंपनियों की भागीदारी चाहते हैं. यही वजह है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा सचिव के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए वायुसेना प्रमुख की सलाह को रिपोर्ट में शामिल कर लिया है.
कमेटी में रक्षा सचिव के अलावा सह-वायुसेना प्रमुख, रक्षा सचिव (उत्पादन), रक्षा सचिव (आर एंड डी), डीआरडीओ डीजी और डीजी (अधिग्रहण) और डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टाफ शामिल थे.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, समिति ने प्रमुख क्षेत्रों की पहचान कर लघु, मध्य और दीर्घकालिक कार्यान्वयन के लिए सिफारिशें की हैं ताकि वायुसेना की इच्छित क्षमता वृद्धि लक्ष्यों को एक अनुकूल तरीके से प्राप्त किया जा सके.
रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद रक्षा मंत्रालय ने कमेटी के सुझावों को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा.