अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे. पाकिस्तान और अमेरिका के डीप-स्टेट के बल पर कूदने वाले बांग्लादेश की हालत कुछ ऐसी ही है. वैश्विक स्तर पर अल्पसंख्यकों से अत्याचार के मुद्दे पर घिरे बांग्लादेश के मुखिया मोहम्मद यूनुस को अब भारत के साथ अच्छे रिश्ते की याद आ रही है. मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश के साथ भारत के मजबूत रिश्ते की बात कही है.
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आते ही डीप-स्टेट के खिलाफ कड़े प्रहार और भारत को बांग्लादेश से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदारी देने के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सुर पूरी तरह बदल गए हैं.
अपने ताजा बयान में अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर, मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि, “भारत से मजबूत रिश्ते हैं, बस गलतफहमियां दूर की जानी बाकी हैं.”
भारत से मजबूत रिश्ते, सिर्फ गलतफहमियां दूर करनी हैं: मोहम्मद यूनुस
मोहम्मद यूनुस ने कहा, “बांग्लादेश और भारत के बीच ऐतिहासिक, राजनीतिक और आर्थिक संबंध इतने गहरे हैं कि उन्हें बदल पाना मुश्किल है. बांग्लादेश-भारत के रिश्ते अच्छे नहीं हो सकते, ऐसा कोई सवाल ही नहीं है. हमारे रिश्ते बहुत करीब हैं और हमारी आपसी निर्भरता बहुत अधिक है, हालांकि, विवादों के चलते कुछ गलतफहमियां पैदा हुईं, जो एक बादल की तरह हैं. ये बादल ज्यादातर दुष्प्रचार से आए हैं और इस तरह की गलत सूचना के सोर्सेज को निर्धारित करना दूसरों पर निर्भर है.”
भारत-बांग्लादेश में लगातार हो रहा संवाद: मोहम्मद यूनुस
मोहम्मद यूनुस ने कहा, “बांग्लादेश और भारत के बीच लगातार संवाद हो रहा है. ‘भारत के प्रतिनिधि यहां आ रहे हैं और हमारे अधिकारी वहां जा रहे हैं. मैंने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी पहली सप्ताह में बात की थी. बांग्लादेश और भारत के बीच गलतफहमियों को दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और दोनों देशों के बीच सहयोग को फिर से मजबूत किया जाएगा.”
बांग्लादेश और भारत में रिश्ते बेपटरी क्यों हुए
पिछले साल, बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्र शेख हसीना के खिलाफ छात्र संगठन सड़कों पर उतर गए थे. बांग्लादेश में आंदोलन ने इतना उग्र रूप अख्तियार कर लिया की शेख हसीना को अपनी बहन के साथ देश छोड़कर भारत भागना पड़ा. अगस्त के महीने से शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं. बांग्लादेश में अंतरिम सरकार है, जिसका जिम्मा मोहम्मद यूनुस पर है. बांग्लादेश में हिंदुओं और बाकी अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचार का मुद्दा भारत ने बार-बार उठाया. इस बीच अंतरिम सरकार ने भारत को दरकिनार करते हुए पाकिस्तान से दोस्ती गांठ ली.
मौजूदा अंतरिम सरकार भारत से ज्यादा बांग्लादेश के करीबी है. शेख हसीना को लेकर बांग्लादेश ने कई बार भारत से उनके प्रत्यर्पण की मांग की है, जिसपर भारत ने भी कोई जवाब नहीं दिया है. इसके अलावा भारत ने बार-बार अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर सवाल खड़े किए हैं, जो अंतरिम सरकार को पसंद नहीं आ रहा है. कहा जा सकता है कि खराब संबंधों के कारण ही अब तक पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस से अब तक किसी भी मंच पर मुलाकात नहीं हो सकी है.
ट्रंप ने बांग्लादेश का मुद्दा मोदी पर छोड़ा
हाल ही में जब पीएम मोदी अमेरिका की यात्रा पर गए थे, तब ट्रंप ने बांग्लालदेश से जुड़े सभी मुद्दों को भारत के प्रधानमंत्री के कंधों पर डाल दिए थे. साथ ही ट्रंप ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन और डीप-स्टेट के नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है. माना जाता है कि डीप-स्टेट का बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन कराने और यूनुस को कमान सौंपने में अहम भूमिका थी.
ट्रंप के बदले सुर के बाद यूनुस ने मिमयाना शुरु कर दिया है.
बांग्लादेश सेना प्रमुख ने दिया अल्टीमेटम
अपने देश में राजनीतिक उठापठक देखकर, बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार उज जमां ने भी चेतावनी दे दी है. जनरल वकार ने साफ कर दिया है कि बांग्लादेश की राजनीतिक पार्टी या तो आपसी खींचतान छोड़ दे नहीं तो देश पर आया संकट गहरा सकता है. ऐसे में यूनुस ने भारत से सीधे टकराने का रास्ता छोड़ दिया है.