यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने दावा किया है कि यूक्रेन और अमेरिका के बीच 10 मार्च को सऊदी अरब में बड़ी बैठक होगी. ओवल ऑफिस में बहस के बाद ये पहली बार है कि अमेरिका और यूक्रेन के अधिकारी शांति वार्ता के लिए आमने-सामने बैठेंगे. इससे पहले सऊदी अरब में पिछले महीने रूस और अमेरिकी अधिकारियों के बीच बातचीत की गई थी, जिसमें यूक्रेन को नहीं बुलाया गया था.
सऊदी अरब में होगी यूक्रेन-अमेरिका के बीच शांति वार्ता: जेलेंस्की
तीन साल से ज्यादा का वक्त बीच चुका है जब रूस और यूक्रेन का युद्ध चल रहा है. इस हफ्ते युद्ध और बढ़ गया जब रूस ने कई यूक्रेनी ठिकानों को निशाना बनाया है. अमेरिका, दोनों देशों के बीच शांति की कोशिशें करने में जुटा हुआ है, लेकिन मार्च के शुरुआती दिनों में जब जेलेंस्की, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने पहुंचे थे, तो व्हाइट हाउस में जो कुछ भी हुआ, उसे पूरी दुनिया ने देखा था. अब अमेरिका से माफी मांगने के बाद जेलेंस्की ने वादा किया है कि वो अमेरिकी प्रतिनिधित्व में शांति वार्ता के लिए तैयार हैं.
जेलेंस्की ने कहा, युद्ध समाप्त करने के लिए यूक्रेन और अमेरिका के बीच वार्ता अगले सप्ताह सऊदी अरब में होगी. जेलेंस्की ने बताया, वह सोमवार को सऊदी अरब जाएंगे और उनकी टीम अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए वहीं रुकेगी.जेलेंस्की ने अपने बयान में बताया ‘‘मैं शहजादे से मिलने के लिए सऊदी अरब जाने वाला हूं. उसके बाद मेरी टीम अमेरिकी भागीदारों के साथ काम करने के लिए सऊदी अरब में रहेगी. यूक्रेन शांति में सबसे अधिक रुचि रखता है.’’
माना जा रहा है कि अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रूबियो, नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) माइक वॉल्ज और ट्रंप के दूत इस रियाद में होने जा रही मीटिंग में जेलेंस्की के साथ बातचीत करेंगे.
जेलेंस्की अगर बात करना चाहते हैं तो सकारात्मक बात: रूस
डोनाल्ड ट्रंप को जेलेंस्की की चिट्ठी और बातचीत के लिए एक मेज पर आने की बात को रूस ने सकारात्मक बताया है. “यह दृष्टिकोण आम तौर पर सकारात्मक है.” क्रेमलिन बार-बार इस बात पर संदेह जताता रहा है कि जेलेंस्की उसके साथ बातचीत करेंगे.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने हाल ही में कहा था कि “ये सकारात्मक बात है कि वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूस के साथ शांति वार्ता करने कि इच्छा जताई है.” लेकिन दिमित्री ने दावा किया कि “सितंबर 2022 में जेलेंस्की ने एक फैसला किया था जिसमें कहा गया था कि जब तक रूस, यूक्रेन के चार क्षेत्रों, डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जापोरिज्जिया पर दावा नहीं छोड़ेगा, तब तक पुतिन से कोई बातचीत नहीं की जाएगी.”