पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान पर सैन्य प्रहार से पहले पीएम नरेंद्र मोदी की परम मित्र रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत हुई है. अमेरिका और रूस दो ऐसे देश हैं, जो पहलगाम नरसंहार के बाद भारत के साथ दोस्ती का वादा निभा रहे हैं.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनका प्रशासन हो चाहे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके मंत्री, भारत के साथ लगातार संपर्क में हैं. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ भारत को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है.
पाकिस्तान के साथ तनातनी के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और जापानी रक्षा मंत्री नाकातानी के बीच दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक हुई है. जापान ने भी भारत के साथ खड़े रहने पर प्रतिबद्धता जताई है.
राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी ने फोन पर की बात
पुतिन और पीएम मोदी की फोन पर हुई वार्ता की पुष्टि विदेश मंत्रालय ने की है. पुतिन ने पहलगाम आतंकी हमले में निर्दोष लोगों की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरा समर्थन देने की बात कही.
पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि इस जघन्य हमले के दोषियों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि “दोनों नेताओं ने भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
प्रधानमंत्री ने विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रपति पुतिन को शुभकामनाएं दीं और उन्हें इस साल के अंत में भारत में आयोजित होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया.”
रूस के विक्ट्री डे पर पुतिन ने पीएम मोदी को किया था आमंत्रित
रूस इस वर्ष 8 मई को 80 वां विक्ट्री डे मना रहा है. राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष तौर पर आमंत्रित किया था. लेकिन पहलगाम हमले के बाद न तो पीएम मोदी और न ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस जा रहे हैं. पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान के साथ तनातनी चल रही है, ऐसे में किसी भी वक्त भारत पाकिस्तान के विरूद्ध एक्शन ले सकता है. लिहाजा पीएम मोदी और राजनाथ सिंह दोनों ने ही रूस का दौरा रद्द कर दिया है.
जापानी रक्षा मंत्री के साथ राजनाथ सिंह की हुई बैठक
सोमवार को राजनाथ सिंह और जापान के रक्षा मंत्री नाकातानी के बीच भी बड़ी बैठक हुई है. इस बैठक में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भी चर्चा की गई है. पहलगाम आतंकवादी हमले, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों को लेकर भारत और जापान के रक्षा मंत्रियों ने मंथन किया. दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा हालात और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और बढ़ाने पर प्रतिबद्धता जताई. पिछले 6 महीने में जापान-भारत के रक्षा मंत्रियों के बीच दूसरी बार बैठक हुई है.
बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने एक्स पर लिखा, “नई दिल्ली में जापान के रक्षा मंत्री जनरल नाकातानी सैन से मिलकर खुशी हुई. भारत और जापान के बीच विशेष, रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी हैं. बैठक के दौरान हमने रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा की. दोनों पक्षों ने सभी रूपों में आतंकवाद की निंदा की और सीमा पार खतरों का मुकाबला करने के लिए सहयोग और प्रयास को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया.”
सभी शक्तिशाली देश भारत के साथ मजबूती से खड़े, ईरान ने दिया मध्यस्थता का ऑफर
पहलगाम नरसंहार पर अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन ने भारत के साथ खड़े हैं. पाकिस्तान और चीन की गहरी मित्रता है, बावजूद इसके चीन ने आतंकवाद के खिलाफ भारत को दबी जुबान से ही सही मदद का भरोसा दिया है. भारत की कूटनीतिक घेराबंदी का असर भी दिखने लगा है. पाकिस्तान ने रुस, चीन, ईरान, तुर्किए से मदद की गुहार लगाई है. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए ईरान जो कि दोनों ही देशों का अच्छा दोस्त है, मध्यस्थता करने को तैयार है. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची पाकिस्तान पहुंचे हैं, पाकिस्तान के बाद भारत आएंगे. अब्बास अराघची का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई है. अराघची ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए दोनों देशों से तनाव कम करने की अपील की थी. अब्बास अराघची मे कहा था, “ईरान इस कठिन समय में दोनों देशों के बीच बेहतर समझ बनाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है.”