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पाकिस्तानी झंडे में आतंकी सैफुल्लाह का जनाजा, खौफ में हाफिज

लश्कर आतंकी सैफुल्लाह की हत्या के बाद आंसू बहा रहा है पाकिस्तान. लश्कर चीफ हाफिज सईद के एक के बाद एक आतंकियों के खात्मे से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है.पाकिस्तान में ऐसे ही आतंकियों को शह नहीं दी जाती, अगर सैफुल्लाह के जनाजे की तस्वीरें देखकर सब समझ आ जाएगा. पाकिस्तानी झंडे में लपेटकर भारत के वांटेड और खूंखार आतंकी सैफुल्लाह खालिद का जनाजा निकाला गया.

डर के मारे हाफिज सईद तो नहीं निकला, लेकिन लश्कर के कई आतंकी जनाजे में नजर आए. ऑपरेशन सिंदूर के प्रहार के बाद सैफुल्लाह को अंडरग्राउंड किया गया था लेकिन रविवार को अज्ञात हमलावरों ने दिनदहाड़े, गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी.

ऑपरेशन सिंदूर का खौफ, डर के साए में पढ़ी गई सैफुल्लाह के जनाजे की नमाज

सैफुल्लाह खालिद के नमाज-ए-जनाजे में लश्कर के कई आतंकी मौजूद रहे. आतंकियों के हाथ में एके 47 दिख रही थी, जो जनाजे के आसपास तैनात थे. सैफुल्लाह की लाश को पाकिस्तानी झंडे में लपेटा गया, जिसके बाद एक-एक कर लश्कर के आतंकियों ने नमाज पढ़ी. सैफुल्लाह लश्कर का नेपाल विंग देखता था, पहलगाम नरसंहार के बाद आईएसआई ने सैफुल्लाह को अंडरग्राउंड कर दिया था. लेकिन रविवार को अज्ञात शूटर ने सैफुल्लाह पर अंधाधुंध गोलियां बरसा दी, जिसके बाद मौके पर ही सैफुल्लाह मारा गया.

भारत का वांटेड था सैफुल्लाह, संघ मुख्यालय समेत कई आतंकी हमलों का आरोपी 

सैफुल्लाह भारत में कई हाई-प्रोफाइल आतंकी हमलों का मास्टरमांइड था. साल 2001 में रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर आतंकी हमला हुआ था, इससे पीछे सैफुल्लाह का ही दिमाग था. साल 2005 में सैफुल्लाह ने बैंगलुरु में हमला करनावा था. बैंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन चल रहा था, इस दौरान आतंकियों ने गोलीबारी की थी जिसमें एक प्रोफेसर की जान चली गई थी और कई घायल हो गए थे. इन दोनों अटैक के अलावा साल 2006 में सैफुल्लाह ने नागपुर में संघ मुख्यालय पर हमले की साजिश रची थी. 

लश्कर आतंकियों का रिक्रूटमेंट करता था लश्कर का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह

पाकिस्तान में रहकर लश्कर के लिए रिक्रूटमेंट का काम देख रहा था यानी आतंकियों की भर्ती कर रहा था. ऑपरेशन सिंदूर के पहले चरण में जब लश्कर और जैश के आतंकी कैंप पर अटैक किया गया, उसके बाद पाकिस्तानी सेना और आईएसआई हाफिज सईद और उसके बड़े आतंकियों को बचाने में जुट गई. हाई सिक्योरिटी के बीच आतंकियों को अलग-अलग ठिकानों में रखा गया है. हाफिज सईद की सिक्योरिटी तो पूरी पाकिस्तानी फौज ही मानो देख रही हो. हाफिज के बेटे ताल्हा सईद समेत भारत के मोस्टवांटेड आतंकियों को कहीं भी बाहर आने-जाने की इजाजत नहीं हैं. जबकि पहलगाम नरसंहार से पहले 19 अप्रैल को पीओके में वांटेड आतंकियों का मजमा लगाया गया था और इन आतंकियों ने भारत के खिलाफ खूब जहर उगला था. 

हाफिज सईद को अज्ञात शूटर का खौफ, एक-एक करके मारे जा रहे करीबी

साल 2023 से पाकिस्तान में हाफिज सईद के एक एक करीबियों की अज्ञात शूटर हत्या कर रहे हैं, सैफुल्लाह के पहले हाफिज सईद के करीबी अबू कताल की इसी साल 16 मार्च को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस वक्त ये अफवाह उड़ी थी कि अबू कताल के साथ ही हाफिज को भी गोली मारी गई है, लेकिन बाद में पता चला कि गोली हाफिज के साथ साए की तरह रहने वाले अबू कताल को लगी थी. अबू कताल से पहले हाफिज के करीबी आतंकी हंजला अदनान और आतंकी रियाज अहमद उर्फ अबु कासिम की भी हत्या की गई थी. एक-एक करके हाफिज के करीबियों के कत्ल से हाफिज खौफ में जी रहा है. हाफिज ने  बाहर निकलना बंद कर दिया है. हाफिज के पुराने भाषणों को लाउडस्पीकर पर बजा कर आतंकियों और लोगों को भारत के खिलाफ भड़काने का काम किया जा रहा है.

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