भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र स्वर्ण मंदिर पर हमले की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सेना ने नापाक हमले को नाकाम कर दिया. यही कारण है कि इतिहास में पहली बार भारतीय सेना को पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम करने के लिए स्वर्ण मंदिर जैसे संवेदनशील स्थल पर एंटी-एयर डिफेंस हथियार तैनात करने की अनुमति दी.
स्वर्ण मंदिर पर कैसे नाकाम हुआ हमला, सेना के अफसर ने बताया
भारतीय सेना के एयर डिफेंस कमांड के डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी’कुन्हा ने पाकिस्तान की साजिश का खुलासा किया है. लेफ्टिनेंट जनरल के मुताबिक, “पाकिस्तानी सेना की ओर से कोई वैध सैन्य ठिकाना न होने के कारण नागरिक और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाए जाने की आशंका पहले ही भांप ली गई थी. हम जानते थे कि वे हमारे धार्मिक स्थलों और आम लोगों को पाकिस्तान निशाना बनाएगा. ऐसे में स्वर्ण मंदिर जैसे पवित्र स्थल की रक्षा करना जरूरी हो गया था.”
स्वर्ण मंदिर में तोपें तैनात की गईं, मंदिर की रोशनी को बंद किया गया
एयर डिफेंस कमांड के डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल ने बताया कि “पाकिस्तानी साजिश के बारे में स्वर्ण मंदिर के हेड ग्रंथि को बताया गया. जिसके बाद हेड ग्रंथि ने न सिर्फ सेना को परिसर में तोपें तैनात करने की अनुमति दी, बल्कि पहली बार मंदिर की रोशनी भी कुछ समय के लिए बंद की गई ताकि रात में ड्रोन को आसानी से देखा जा सके. इस कार्रवाई के तहत कई दुश्मन ड्रोन को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया गया, जो भारत की तेजी से उन्नत होती एयर डिफेंस क्षमताओं का प्रमाण है. यह कदम ना सिर्फ रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह दर्शाता है कि संकट की घड़ी में देश की धार्मिक संस्थाएं भी राष्ट्रीय सुरक्षा में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं.”
स्वर्ण मंदिर पर हमला करके पाकिस्तान पहुंचाना चाहता था मानसिक चोट:सेना
8 मई 2025 की सुबह पाकिस्तान ने अमृतसर स्थित पवित्र स्वर्ण मंदिर को निशाना बनाकर एक ‘साइकोलॉजिकल वॉर’ छेड़ने की कोशिश की. पाकिस्तान ने ड्रोन और लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला किया, लेकिन भारतीय सेना की मुस्तैदी से एक भी गोली स्वर्ण मंदिर तक नहीं पहुंच सकी.भारतीय सेना के 15 इन्फेंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल कार्तिक सी. शेषाद्रि ने बताया, कि पाकिस्तान का इरादा प्रतीकात्मक और मानसिक चोट पहुंचाने का था. ‘हमें पहले से आशंका थी कि पाकिस्तानी सेना सैन्य ठिकानों के बजाय धार्मिक स्थलों और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बना सकती है, जिसमें स्वर्ण मंदिर सबसे प्रमुख था.’
अमृतसर में एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किए गए
स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथि ने पहली बार मंदिर परिसर में सेना को हथियार तैनात करने की इजाजत दे दी.भारत के इतिहास में काफी अहम माना जा रहा है. भारतीय सेना ने पहले ही अमृतसर और पंजाब क्षेत्र में एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम तैनात किया था. स्वदेशी आकाश मिसाइल प्रणाली और एल-70 एयर डिफेंस गन ने सभी ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया. आपको बता दें कि पाकिस्तान की तोपों और मोर्टार ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एक गुरुद्वारे को भी निशाना बनाया था, जिसमें 3 सिख श्रद्धालु मारे गए. एक दूसरे हमले में क्राइस्ट स्कूल, पुंछ के पास गोला गिरा, जिसमें 2 छात्र मारे गए और उनके माता-पिता घायल हो गए. एक कैथोलिक कॉन्वेंट को भी नुकसान पहुंचा.