पारंपरिक मित्र भारत का साथ छोड़कर पाकिस्तान के साथ दोस्ती गांठने वाले, बांग्लादेश में कट्टरपंथियों को खुली छूट देने वाले, भारत विरोधी उग्रवादियों को संरक्षण देने वाले, हिंदुओँ पर हो रही हिंसा न रोक पाने वाले मोहम्मद यूनुस की मुश्किलें बढ़ गई हैं. शेख हसीना के तख्तापलट के सिर्फ 9 महीने में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया की कुर्सी जाने वाली है. बांग्लादेश में चुनाव से पहले जबर्दस्त राजनीतिक उथलपुथल है. कहा जा रहा है कि सत्ता संभाल पाने में नाकाम बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख मुहम्मद यूनुस अपने पद से जल्द ही इस्तीफा दे सकते हैं.
हालात से हारे मोहम्मद यूनुस, अब पछता रहे
बांग्लादेश में लगातार हो रही हिंसा और अल्पसंख्यक विरोधी घटनाओं पर कार्रवाई न करना मोहम्मद यूनुस के लिए भारी पड़ रहा है. शेख हसीना विरोधियों की मदद से शुरुआत में तो मोहम्मद यूनुस ने बड़ी-बड़ी बातें की. कट्टरपंथियों के साथ उनके भावनाओं में बह गए. बंगबंधु का एक-एक निशानियां मिटाने की हामी भरने लगे, लेकिन अब कट्टरपंथियों का साथ देना ही यूनुस को भारी पड़ रहा है. हालात संभाल पाने में अक्षम मोहम्मद यूनुस इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि यूनुस को लगता है कि राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के कारण उनका काम करना मुश्किल हो रहा है.
मोहम्मद यूनुस बंधक जैसा महसूस कर रहे: नाहिद इस्लाम
शेख हसीना के तख्तापलट के पीछे अहम रोल निभाने वाले छात्र नेता नाहिद इस्लाम ने बड़ा खुलासा किया है. खुलासा बताने से पहले आपको ये बताते चले कि नाहिद इस्लाम को शेख हसीना के खिलाफ आंदोलन और दंगा फैलाने का इनाम देते हुए यूनुस ने अपनी अंतरिम सरकार में सलाहकार बनाया था. लेकिन राजनीति से प्रेरित होकर नाहिद इस्लाम ने सलाहकार पद छोड़ दिया था और नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) बनाई.
बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक सुगबुगाहट के बीच नाहिद इस्लाम ने मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की. जिसके बाद नाहिद ने दावा किया है कि अंतरिम सरकार के मुखिया जल्द इस्तीफा दे सकते हैं. नाहिद इस्लाम ने कहा, “हम सुबह से ही सर (यूनुस) के इस्तीफे की खबर सुन रहे हैं. इसलिए मैं इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सर से मिलने गया था. उन्होंने कहा कि वह इस बारे में सोच रहे हैं. वह बंधक जैसा महसूस कर रहे है. उन्हें लगता है कि मौजूदा स्थिति में वह काम नहीं कर सकते. उन्हें लगता है कि स्थिति ऐसी है कि वह काम नहीं कर सकते.”
नाहिद इस्लाम की पार्टी एनसीपी कर रही है प्रदर्शन, चुनावों की मांग
बांग्लादेश में चुनाव से पहले ही बवाल जारी है. एक बार फिर से आंदोलन शुरु हो चुका है. नाहिद इस्लाम की पार्टी एनसीपी प्रदर्शन कर रही है. एनसीपी का आरोप है कि खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी और चुनाव आयोग के बीच मिलीभगत है. बीएनपी की मांग है कि दिसंबर तक चुनाव हो. एनसीपी ने चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए और बीएनपी का ‘पार्टी कार्यालय’ बताया.
चारों ओर से घिरे यूनुस, बांग्लादेश आर्मी चीफ से अनबन
बांग्लादेश में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. छात्र संगठनों से लेकर विपक्षी पार्टियों तक मोहम्मद यूनुस चारों तरफ से घिरे हुए हैं. प्रमुख विपक्षी पार्टी इसी साल के अंत में चुनाव करवाने की मांग कर रही है. विरोधी दलों ने महफूज आसिफ और खलीलुर्रहमान जैसे नेताओं को सरकार से बाहर किए जाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने मोहम्मद यूनुस को कड़ी चेतावनी देते हुए दिसंबर तक चुनाव कराने का अल्टीमेटम दे दिया है.
साफ है बांग्लादेश में एक बार फिर से अराजकता का माहौल है. जो बोेएगा वही काटेगा वाली कहावत एकदम सटीक बैठ रही है, शेख हसीना को जिस तरह से कट्टरपंथियों ने बांग्लादेश से अपदस्थ किया था. यूनुस को भी डर सता रहा है कि अगर उन्होंने खुद इस्तीफा नहीं दिया तो बांग्लादेश आर्मी या फिर दूसरे दल उन्हें हटा सकते हैं.