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डीजीएमओ को मिला युद्ध सेवा मेडल, Op Sindoor में पाकिस्तान को चटाई थी धूल

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने की जिम्मेदारी उठाने वाले भारतीय सेना के डीजीएमओ, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए उत्तम युद्ध सेवा मेडल (यूवाईएसएम) से नवाजा गया है.

बुधवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में खुद राष्ट्रपति (और सशस्त्र सेनाओं की सुप्रीम कमांडर) द्रौपदी मुर्मू ने लें. जनरल घई को यूवाईएसएम मेडल से सम्मानित किया. इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद थे.

ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2 (9-10 मई) के बाद भारतीय सेना द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को ले. जनरल घई ने संबोधित किया था. इस दौरान, पाकिस्तान में हुए नुकसान को उन्होंने 70 के दशक की क्रिकेट सीरीज की एशेज टू एशेज, डस्ट टू डस्ट से तुलना की थी.

डीजीएमओ के पद से पहले, ले. घई श्रीनगर स्थित चिनार कोर (15 कोर) के कमांडिंग इन चीफ के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वो मूलतः कुमाऊं रेजिमेंट से जुड़े इन्फेंट्री अधिकारी हैं और उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है.

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने 04 जून, 2025 को राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में रक्षा अलंकरण समारोह 2025 (दूसरे चरण) के दौरान

रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित डिफेंस इन्वेस्टिचर सेरेमनी 2025 (फेज-II) के दौरान सशस्त्र बलों, भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों तो 92 विशिष्ट सेवा अलंकरण प्रदान किए गए. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, विशिष्ट वीरता, अदम्य साहस और कर्तव्य के प्रति असाधारण प्रदर्शन के लिए 30 परम विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम), पांच उत्तम युद्ध सेवा मेडल (यूवाईएसएम) और 57 अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) कार्मिकों को दिए गए हैं.

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