By Nalini Tewari
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जी-7 समिट में शामिल होने के साथ ही पहली बार कनाडा ने इस बात को कबूल किया है कि उसकी धरती का इस्तेमाल खालिस्तानी आतंकी और समर्थक कर रहे हैं. कनाडा की सिक्योरिटी और इंटेलिजेंस एजेंसी की एक रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें खालिस्तानियों को चरमपंथी बताया गया है.
अपनी देश की सुरक्षा को खतरा बताते हुए कनाडा ने भारत के उस दावे पर मुहर लगा दी है, जिसमें कहा गया था कि खालिस्तानी, कनाडा की धरती पर फल फूल रहे हैं.
भारत में हिंसा की प्लानिंग के अड्डे के तौर पर कनाडा का इस्तेमाल: सीएसआईएस
कनाडाई खुफिया एजेंसी (सीएसआईएस) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्सी के दशक के मध्य से कनाडा में राजनीतिक रूप से प्रेरित हिंसक चरमपंथ का खतरा खालिस्तानी चरमपंथियों के माध्यम से प्रकट हुआ है, जो भारत के पंजाब प्रांत के भीतर खालिस्तान नामक एक स्वतंत्र राष्ट्र के गठन के वास्ते हिंसक साधनों का उपयोग करना चाहते हैं. खालिस्तानी चरमपंथियों का एक छोटा समूह कनाडा का इस्तेमाल धन जुटाने और मुख्य रूप से भारत में हिंसा की योजना बनाने के लिए अड्डे के तौर पर कर रहा है.
कनाडा के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं खालिस्तानी चरमपंथी: सीएसआईएस
कनाडा की शीर्ष खुफिया एजेंसी कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (सीएसआईएस) ने संसद में पेश अपनी नई वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि कनाडा के खालिस्तानी चरमपंथियों का हिंसक गतिविधियों में बदस्तूर भाग लेना कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा और इसके हितों के लिए खतरा बना हुआ है.
भारत, ईरान पर भी सीएसआईएस के गंभीर आरोप
कनाडाई खुफिया एजेंसी ने ईरान, भारत जैस देशों की सरकारों पर बड़ा आरोप लगाया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी सरकारें कनाडा के अंदर राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए संगठित अपराध नेटवर्क का इस्तेमाल कर रही हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अंडरवर्ल्ड सिंडिकेट्स को कनाडा में अंजाम देने का काम सौंपा जा रहा है.
इसमें कनाडा में विदेशी हस्तक्षेप के तौर पर भारत की गतिविधियों की भी आलोचना की गई है.
पीएम मोदी-मार्क कार्नी में राजनयिकों की नियुक्ति पर हुई बात
इस सप्ताह जी 7 शिखर सम्मेलन से इतर कनाडाई पीएम मार्क कार्नी से पीएम मोदी की मीटिंग हुई थी. इस बैठक में संबंध सुधारने पर चर्चा की गई. भारत और कनाडा ने नए उच्चायुक्त नियुक्त करने पर सहमति जताई.