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मोदी ने ट्रंप का न्योता क्यों ठुकराया, बताया कारण

भुवनेश्वर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुलासा किया कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का न्योता क्यों अस्वीकार कर दिया. बुधवार को पीएम मोदी और ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत हुई थी. ये बातचीत उस वक्त हुई जब पीएम मोदी कनाडा में थे और ट्रंप अपना दौरा बीच में छोड़कर अमेरिका वापस लौट गए थे. 

ट्रंप के आग्रह पर पीएम मोदी ने कॉल किया और लंबी बातचीत की. ये बातचीत ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार हुई थी, इस दौरान पीएम मोदी ने ट्रंप से दो टूक कह दिया था कि भारत-पाकिस्तान के बीच किसी तीसरे देश की मध्यस्थता नहीं चाहिए.  

ट्रंप ने न्योता दिया, कनाडा से अमेरिका बुलाया, मैंने मना कर दिया क्योंकि… :पीएम मोदी

भुवनेश्वर की रैली में पीएम मोदी ने ट्रंप और उनके बीच हुई बातचीत के बारे में जानतारी साझा की. पीएम मोदी ने कहा,”दो दिन पहले मैं कनाडा में जी 7 समिट के लिए गया था. अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने मुझे फोन किया. उन्होंने कहा कि अब कनाडा तो आए ही हैं तो वॉशिंगटन होकर के जाइए. साथ में खाना खाएंगे बातें करेंगे. उन्होंने निमंत्रण दिया. मैंने ट्रंप को कहा आपके निमंत्रण के लिए धन्यवाद, मुझे तो महाप्रभु की धरती पर जाना बहुत जरूरी है, इसलिए मैंने उनके निमंत्रण को नम्रतापूर्वक मना किया और आपका प्यार महाप्रभु की भक्ति मुझे इस धरती पर खींचकर के ले आई है.”

ट्रंप की चालाकी भांप गए थे पीएम मोदी, मुनीर से कराना चाहते थे आमना सामना?

बुधवार को ट्रंप के आग्रह पर पीएम मोदी ने 35 मिनट तक एकदूसरे से बात की थी. पीएम मोदी से बातचीत के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को अमेरिका आने का न्योता दिया था. ट्रंप ने पीएम मोदी से कहा था कि क्या वो कनाडा से लौटते वक्त अमेरिका आ सकते हैं. लेकिन पीएम मोदी ने अपने व्यस्ततम कार्यक्रम के चलते ट्रंप के आग्रह को टाल दिया. 

कयास लगाए जा रहे हैं कि जिस दिन ट्रंप ने पीएम मोदी को निमंत्रण दिया, उस दिन पाकिस्तान का जनरल और आतंकियों का हमदर्द असीम मुनीर खुद वाशिंगटन में मौजूद था. ऐसे में सवाल है कि क्या ट्रंप, पीएम मोदी को अमेरिका बुलाकर असीम मुनीर से आमना-सामना करवाना चाहते थे. और ये दिखाना चाहते थे कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान को एक मंच पर ला दिया है. 

दरअसल ट्रंप हर तरह से ये साबित करना चाहते हैं कि उनकी मध्यस्थता के चलते ही भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ है. जबकि पीएम मोदी ने खुद फोन पर बात करके ट्रंप को दो टूक कह दिया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच कोई तीसरा नहीं है. सैन्य कारवाई रोकने की बात सीधे भारत और पाकिस्तान के बीच, दोनों सेनाओं के माध्यम से हुई थी, और पाकिस्तान के ही आग्रह पर हुई थी. भारत ने न तो कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है, और न ही कभी करेगा.

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