ईरान के तीन बड़ी न्यूक्लियर साइट्स पर हमला करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बेहद उत्साहित हैं. ईरान पर बड़ी एयरस्ट्राइक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने मागा (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) की तर्ज पर मीगा यानी मेक ईरान ग्रेट अगेन का नारा दिया है. ट्रंप ने अमेरिकी सेना के ऑपरेशन मिडनाइट को बेहद सफल बता रहे हैं, लेकिन अमेरिकी मीडिया उल्टा अमेरिका को घेर रही है कि ऑपरेशन में ईरान के न्यूक्लियर पदार्थों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. ट्रंप ने मीगा का नारा देते हुए ईरान में सत्ता परिवर्तन की ओर इशारा किया है.
टारगेट पर खामेनेई, सत्ता परिवर्तन पर ट्रंप ने दिया संकेत
ट्रंप ने रविवार को इस्लामी गणराज्य में शासन परिवर्तन की संभावना का संकेत दिया और देश मौजूदा नेतृत्व की क्षमता पर सवाल उठाया. ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, ‘शासन परिवर्तन’ शब्द का उपयोग करना राजनीतिक रूप से सही नहीं है, लेकिन अगर वर्तमान ईरानी शासन ईरान को फिर से महान बनाने में असमर्थ है, तो शासन परिवर्तन क्यों नहीं होगा? एमआईजीए (मीगा)!!!
ट्रंप ने एक बार फिर से की अपनी सेना की तारीफ
ट्रुथ सोशल पर एक अलग पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के इस हमले से ईरान की न्यूक्लियर साइट को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. अमेरिका ने जोरदार और सबसे सटीक हमला किया. अमेरिकी सेना ने बहुत शानदार प्रदर्शन किया है. महान बी-2 पायलट मिसौरी में सुरक्षित रूप से उतरे. बेहतरीन काम के लिए धन्यवाद!!!
कांग्रेस को पूरी जानकारी दिए बिना किया ईरान पर अटैक, संसद में बवाल
ईरान पर किए गए हमले को लेकर ट्रंप की डेमोक्रेटिक पार्टी में ही सवाल उठाए जा रहे हैं. हाउस सांसद थॉमस मैसी और डेमोक्रेट सांसद रो खन्ना ने मिलकर ‘वॉर पॉवर्स रेजोल्यूशन’ पेश किया है, जो बिना संसद की मंजूरी के ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई रोकने की मांग करता है. ट्रंप के इस फैसले को लेकर रिपब्लिकन पार्टी में भी दो फाड़ मची हुई है, ट्रंप के कट्टर समर्थकों ने भी ट्रंप से नाराजगी जाहिर की है.
कांग्रेस की इंटेलिजेंस कमेटी के टॉप डेमोक्रेट जिम हाइम्स ने कहा कि उन्हें हमले की जानकारी सोशल मीडिया के जरिए मिली, जो बेहद शर्मनाक बात है। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ गलत बल्कि असंवैधानिक भी है कि संसद को विदेश नीति जैसे गंभीर मुद्दे पर चर्चा का मौका नहीं दिया गया.
अनिश्चित विदेश नीति, ट्रंप ने अमेरिका को युद्ध में धकेला
कांग्रेस में इस हफ्ते ईरान मुद्दे पर कई अहम प्रस्तावों पर वोटिंग होनी है. इसमें बिना संसद की मंजूरी के अमेरिकी सेना को ईरान में तैनात करने पर रोक लगाने का प्रस्ताव भी शामिल है. अमेरिका में विरोध किया जा रहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अनिश्चित कूटनीति के चलते देश को युद्ध में जबरन उतार दिया है.