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एस-400 मिसाइल की डिलीवरी में देरी, राजनाथ ने रूस के रक्षा मंत्री से की चर्चा

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान गेमचेंजर बने एस 400 को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के चिंगदाओ में रूस के रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव से बातचीत की है. राजनाथ सिंह ने बेलौसोव से एस-400 मिसाइल सिस्टम की जल्द डिलीवरी का मुद्दा उठाया है. रूस की तरफ से एस-400 की दो (02) मिसाइल यूनिट की डिलीवरी में देरी हो रही है. 

रूस ने अगले साल तक दोनों बैटरी (यूनिट) की डिलीवरी का भरोसा दिया था. लेकिन माना जा रहा है कि अब ये टाइमलाइन 2026-27 तक खिसक गई है. 

रूसी रक्षामंत्री के साथ राजनाथ सिंह की द्विपक्षीय बैठक

भारत और रूस के बीच गहरे सैन्य संबंध हैं. हर परिस्थिति में भारत-रूस एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन अटैक के दौरान एस-400 सिस्टम (रूसी एयर डिफेंस सिस्टम) ने ही पाकिस्तान के हमले को विफल करने में अहम भूमिका निभाई थी.

राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर रूसी रक्षा मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक की है. दोनों मंत्रियों ने वर्तमान भू-राजनीतिक स्थितियों, सीमा-पार आतंकवाद और भारत-रूस रक्षा सहयोग जैसे विषयों पर गहन चर्चा की.

रूस के रक्षा मंत्री ने दीर्घकालिक भारत-रूस संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं तथा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भयावह और कायराना आतंकवादी कृत्य पर भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की.

ऑपरेशन सिंदूर पर हुई दोनों रक्षा मंत्रियों की गहन चर्चा

यह बैठक दोनों देशों के नेताओं के बीच हाल ही में हुई सबसे महत्वपूर्ण बैठकों में से एक थी, जिसे ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि में आयोजित किया गया था. बैठक के दौरान रक्षा उत्पादन को बढ़ाने की आवश्यकता विशेष रूप से वायु रक्षा, वायु से वायु में मार करने वाली मिसाइलों, आधुनिक क्षमताओं और हवाई प्लेटफार्मों के उन्नयन जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं पर चर्चा हुई.

रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि राजनाथ सिंह ने बेलौसोव से रूस से मिलने वाली एस-400 प्रणाली की जल्द आपूर्ति, एसयू-30 एमकेआई (लड़ाकू विमान) अपग्रेड और तय समय सीमा में महत्वपूर्ण सैन्य साजो-सामान की खरीद पर मुख्य रूप से चर्चा की.

पाकिस्तान ने किया था एस 400 पर अटैक का झूठा दावा, पीएम मोदी की तस्वीर ने खोली पोल

रूस ने दिसंबर 2021 में मिसाइल सिस्टम की पहली इकाई की आपूर्ति की थी. रूस से मिली तीन (03) एस-400 की यूनिट को चीन और पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर तैनात किया गया है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने आदमपुर एयरबेस (पंजाब) में तैनात भारतीय वायुसेना की एस-400 यूनिट पर हमला करने का बेबुनियाद दावा किया था. दावे के तुरंत बाद यानी 13 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदमपुर एयरबेस पहुंचकर एस-400 यूनिट के साथ तस्वीरें खिंचवाकर पाकिस्तान की हवा निकाल दी थी.

रूस के साथ भारत ने किया है एस 400 का सौदा

भारत और रूस ने वर्ष 2018 में हुई एस-400 मिसाइल सिस्टम के लिए 39 हजार करोड़ का करार किया था. यह दुनिया की सबसे सटीक एयर डिफेंस प्रणाली है. एस-400 मिसाइल सिस्टम की रेंज 40 से 400 किलोमीटर तक है.

एस-400 मोबाइल सिस्टम है यानी मिलिट्री-व्हीकल के ज़रिए इसे एक जगह से दूसरी जगह मूव किया जा सकता है. इसे फाइटर जेट, क्रूज, बैलिस्टिक मिसाइलों और हाइपरसोनिक हथियारों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह आसमान से घात लगाकर आते हमलों को पलभर में राख कर सकता है. इसके सामने दुश्मन टिक नहीं सकता, पावरफुल एयर डिफेंस सिस्टम के बल पर भारत न्यूक्लियर मिसाइलों को अपनी जमीन तक पहुंचने से पहले ही हवा में ही ध्वस्त करने में सक्षम है.

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