By Nalini Tewari
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के भविष्य के खतरे को लेकर सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने आगाह किया है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश की बढ़ती करीबियों को भारत के लिए खतरा बताया है. सीडीएस ने कहा है कि इस गठजोड़ से भारत की स्थिरता और सुरक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है.
भारत की स्थिरता पर प्रभाव डाल सकता है चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश का गठबंधन: सीडीएस अनिल चौहान
एक थिंकटैंक के कार्यक्रम में सीडीएस अनिल चौहान ने चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश की तिकड़ी पर बड़ा बयान दिया है. जनरल चौहान ने कहा “तीनों देशों के बीच संभावित हितों का गठजोड़ है जो भारत नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है.‘चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच हितों में संभावित समानता है और इसका भारत की स्थिरता एवं सुरक्षा पर प्रभाव पड़ सकता है.”
सीडीएस अनिल चौहान ने कार्यक्रम में कहा है कि “हिंद महासागर क्षेत्र के देशों में आर्थिक संकट ने ‘बाहरी शक्तियों’ को अपना प्रभाव बढ़ाने का मौका दे दिया है. इस कारण भारत के लिए कमजोरियां पैदा हो सकती हैं.”
पाकिस्तान ने चीन से हासिल किए हैं 80 प्रतिशत हथियार: जनरल चौहान
चीन-पाकिस्तान की साजिश का जिक्र करते हुए सीडीएस ने अपने संबोधन में कहा, “पाकिस्तान ने पिछले पांच साल में लगभग 70 से 80 प्रतिशत अपने हथियार और उपकरण चीन से हासिल किए हैं. पाकिस्तान और चीन के गठजोड़ के बारे में बताते हुए सीडीएस बोले कि चीन की सैन्य कंपनियों की पाकिस्तान में वाणिज्यिक देनदारियां भी हैं.”
भारत को पुराने और नए प्रकार के युद्ध के लिए तैयार रहना होगा:सीडीएस
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) की ओर से आयोजित थिंक टैंक भारत के विकसित राष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य पर जनरल चौहान ने कहा, कि “आधुनिक युद्धों में खतरे किसी भी स्तर से उत्पन्न हो सकते हैं, जिसके लिए सतर्क तैयारी और क्षमता निर्माण की आवश्यकता है, जनरल चौहान ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है. उसके लिए आंतरिक और सामाजिक सुरक्षा बेहद जरूरी है. भारत को पुराने और नए प्रकार के युद्ध के लिए तैयार रहना होगा.”
भारत अब परमाणु ब्लैकमेलिंग से नहीं डरता: सीडीएस चौहान
सीडीएस अनिल चौहान ने पाकिस्तान से दी गई न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग के बारे में भी खुलकर बात की. सीडीएस ने कहा कि “असल में परमाणु हथियार लड़ाई के लिए नहीं, वरना भय पैदा करने के लिए होते हैं. लेकिन भारत अब इस तरह की रणनीतियों से प्रभावित होने वाला है नहीं.”
पिछले दिनों चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि “यह दो परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्रों के बीच टकराव का एकमात्र उदाहरण है.”
साइबर- इलेक्ट्रोमैग्नेटिक जैसे नए युद्ध क्षेत्रों से निबटने का सीडीएस ने बताया तरीका
सीडीएस जनरल चौहान ने कहा, कि “साइबर और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक जैसे नए युद्ध क्षेत्रों में विस्तार कर पारंपरिक सैन्य संचालन को और मजबूत किया जा सकता है. भारत ने पाकिस्तान के परमाणु दावों को चुनौती दी और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की. ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाया.”
अमेरिकी नीतियां अस्थिरता और मुश्किलें बढ़ा रहीं: जनरल चौहान
अमेरिका की भूमिका को लेकर भी सीडीएस चौहान ने बड़ा बयान दिया. कहा, “इस वक्त पूरी दुनिया दो वैश्विक व्यवस्थाओं के बीच बदलाव के दौर से गुजर रही हैं. ऐसे समय में अमेरिका की नीतियां इस अस्थिरता में मुश्किलों की एक और परत जोड़ रही है, जिससे हालात और कठिन हो रहे हैं. यह स्थिति भारत जैसे देशों के लिए अधिक सतर्कता और रणनीतिक तैयारी की मांग करती है, ताकि बदलते समीकरणों का प्रभाव हमारी सुरक्षा पर न पड़े.”
एक मंच पर साथ दिखे थे चीन-पाकिस्तान और बांग्लादेश
चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच जून के महीने में पहली त्रिपक्षीय बैठक हुई थी इस बैठक में तीनों देशों के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने भाग लिया. तीनों देशों की मंत्री स्तरीय बैठक में क्षेत्रीय शांति, आर्थिक विकास और आपसी साझेदारी को मजबूत करने के लिए कार्य समूह बनाने का फैसला लिया गया.यह चीन की रणनीति है, जो भारत के दो पड़ोसियों जिनसे भारत के संबंध अच्छे नहीं हैं, उन्हें चीन अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रहा है.
इस बैठक के बाद चीनी उप विदेश मंत्री और भारत-पाकिस्तान में राजदूत रह चुके सुन वेइदोंग ने अपने संबोधन में कहा था कि “बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों चीन के अच्छे पड़ोसी, अच्छे मित्र और अच्छे साझेदार हैं. वे बेल्ट एंड रोड (बीआरआई) सहयोग में महत्वपूर्ण साझेदार भी हैं. चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच सहयोग तीनों देशों के लोगों के साझा हितों के अनुरूप है.”