रूस द्वारा तालिबान प्रशासन को मान्यता मिलने के बाद अफगानिस्तान ने पर्यटकों के बहार की उम्मीद लगाई है. तालिबान की ओर से जारी किए गए एक प्रमोशनल वीडियो में अमेरिकी लोगों को लुभाने की कोशिश की गई है. जारी किए गए वीडियो में अमेरिकी लोगों को अफगानिस्तान आने और सुंदर जगह देखने को कहा गया है. खास बात ये है कि इसमें एक अमेरिकी को भी दिखाया गया है, जो अफगानिस्तान टूरिज्म को प्रमोट कर रहा है. हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकी है, कि वीडियो तालिबान ने ही बनाया है या नहीं.
अमेरिका के नाम एक संदेश, आपका अफगानिस्तान में स्वागत है
53 सेकेंड का एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. वीडियो में 5 अफगानी ड्रेस में लड़ाके दिखाए गए हैं, और सामने 3 बंधक हैं, जिनका चेहरा काले कपड़े से ढका गया है. वीडियो की शुरुआत में लिखा गया है, “मैसेज टू अमेरिका” लिखा गया है.
एक बंधक का मुंह खोलने से पहले एक लड़ाका कहता है, “एक मैसेज अमेरिका के लिए है” फिर बंधक का चेहरा खोला जाता है, जो एक अमेरिकी नागरिक के तौर पर दिखाया जाता है, बंधक खुशी-खुशी कहता है “वेलकम टू अफगानिस्तान”.
फिर वीडियो में एक अफगानिस्तान के गाने के साथ सुंदर पहाड़ियां, नदियां दिखाई जाती हैं. वीडियो में कहा जाता है, कि “अपनी मातृभूमि को आपसे मुक्त कराने के बाद अब आपका पर्यटक या अतिथि के रूप में स्वागत है.
वीडियो में लड़ाकों को टैब पर खेलते दिखाया गया है, और फेक गन के साथ लोगों को दर्शाया गया है. वहीं वीडियो में और भी विदेशियों को इन लड़ाकों के साथ हंसी मजाक करते दिखाया गया है.
एक नदी पर एक लड़ाके को शेक पीते तो दूसरे लड़ाके को बंदूक पर फूल लगाते दिखाया है. ये दिखाने की कोशिश की गई है कि खूबसूरत अफगानिस्तान में अमन और शांति है.
साल 2021 से अफगानिस्तान में है तालिबान की हुकूमत
अफगानिस्तान में अस्थिरता के कारण पर्यटन पर बहुत मार पड़ी है. साल 2021 में जब अमेरिकी सेना अफगानिस्तान से चली गई थी, तो वहां तालिबान का राज आ गया. हथियारबंद लड़ाके सड़कों पर दिखने लगे और तमाम तरह की पाबंदियां लग गईं. शुरुआत के वर्षों में तो तमाम देश अफगानिस्तान में तालिबान के राज को स्वीकार ही नहीं कर पाए. दरअसल तालिबान चाहता है कि दुनिया उसे मान्यता दे, लेकिन पश्चिमी देश अफगानिस्तान के प्रशासन को आतंकवादियों के तौर पर देखता है.
रूस ने दी तालिबान को मान्यता, चीन का रूख सकारात्मक, भारत से अच्छे संबंध
हाल ही में रूस वो पहला देश बना है, जिसने तालिबान प्रशासन को मान्यता देकर अफगानिस्तान की राह आसान की है.
तालिबान प्रशासन ने कूटनीतिक कोशिशें शुरु कर दी हैं, कि उसे रूस के अलावा और भी देश मान्यता दें. इसी चरण में भारत के साथ भी तालिबान के संबंध सकारात्मक तौर पर बढ़े हैं.
हाल ही में चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा है कि चीन अफगान जनता के लिए दोस्ताना कूटनीति जारी रखेगा और विभिन्न क्षेत्रों में चीन और अफगानिस्तान के आदान-प्रदान व सहयोग का समर्थन करता है.
रूस द्वारा अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को औपचारिक मान्यता देने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन रूस और अफगान अंतरिम सरकार के संबंधों के नए विकास का स्वागत करता है. अफगानिस्तान के परंपरागत मैत्रीपूर्ण पड़ोसी के नाते शुरू से ही चीन का विचार है कि अफगानिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बाहर नहीं रखना चाहिए.