पाकिस्तान के बलूचिस्तान में चलती बस को रोक कर पंजाब प्रांत के 9 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया है. वारदात बलूचिस्तान के झोब क्षेत्र की है. एक यात्री बस को बंदूकधारियों ने रोक लिया. बस में सवार यात्रियों के पहचान पत्रों की जांच की.
पंजाब प्रांत से संबंध रखने वाले नौ पुरुष यात्रियों को बस से उतारकर किडनैप किया गया और फिर बाद में उनकी हत्या कर दी गई. बताया जा रहा है कि जिन लोगों की हत्या की गई वो मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई ) के ऑपरेटिव थे. इस वारदात के बाद लोगों में दहशत है. शहबाज सरकार और सेना के खिलाफ आक्रोश है.
9 यात्रियों का पहचान पत्र देखा और अगवा किया गया
चश्मदीदों के मुताबिक, सशस्त्र लड़ाकों ने बस में चढ़कर उन 9 लोगों को ढूंढा जो पाकिस्तानी सेना से ताल्लुक रखते थे. एक-एक करके सबको किडनैप किया गया. इस किडनैपिंग से लोग खौफ में थे ही, कि तकरीबन एक घंटे बाद सभी 9 लोगों के शव बरामद किए गए. सभी शव एक पुल के नीचे नजदीकी पहाड़ी इलाके में मिलीं. सभी को बेहद करीब से गोली मारी गई थी.
इस दौरान लड़ाकों ने सुरक्षा बलों पर भी रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) और स्वचालित हथियारों से हमला किया गया और उसके बाद भाग निकले.
बलूचिस्तान में बीएलएफ ने लॉन्च किया ऑपरेशन बाम
पिछले 3 दिनों में बलूचिस्तान के पंजगुर, सुरब, केच और खारन सहित कई जिलों में करीब 17 हमले हुए हैं. इन धमाकों की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने ली है. संगठन ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ ‘ऑपरेशन बाम (डॉन)’ शुरू करने का ऐलान किया है. बीएलएफ प्रवक्ता मेजर ग्वाराम बलूच ने इस कैंपेन को ‘बलूच राष्ट्रीय मुक्ति संग्राम में एक नई सुबह’ बताया और कहा कि यह कैंपेन मकरान तटीय इलाके से लेकर पहाड़ी कोह-ए-सुलेमान पर्वत रेंज तक फैला हुआ है.
बलूच युवाओं की हत्या, पाकिस्तानी सेना पर आरोप
बलूचिस्तान के दुक्की इलाके के एक नाले से गोलियों से छलनी तीन शव बरामद किए गए हैं.आक्रोशित परिवार वालों ने इन हत्याओं के लिए पाकिस्तानी सेना पर गंभीर आरोप लगाए हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक, सुरक्षा बल बलूच युवाओं को जबरन उठाकर ले जाते हैं और उनकी हत्या कर देते हैं.
बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग, सीईपीसी परियोजना का विरोध
ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से सटा बलूचिस्तान लंबे समय से हिंसा हो रही है. बलूचिस्तान के पास गैस, खनिज और तटीय संपत्तियों जैसे प्राकृतिक संसाधन हैं. बलोच लोग पाकिस्तान से अलग होने की मांग कर रहे हैं. वहीं बलूच विद्रोही समूह इलाके में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं का विरोध कर रहा है. जिसके कारण आए दिन सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाकर हमला किया जाता रहा है.
हाल ही में जब पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर जब अमेरिकी गए थे, तो अमेरिका में भी बलोच लोगों ने मुनीर को हत्यारा बताते हुए घेराव किया था. मुनीर के खिलाफ वॉशिंगटन में जमकर प्रदर्शन किया गया था.