चीन और जापान के बीच तनातनी एक बार फिर सामने आई है. जापान के टोही विमान के पीछे चीन ने अपने बमवर्षक लड़ाकू विमानों को भेज दिया. बताया जा रहा है कि जापान के विमान को चीन के लड़ाकू विमान ने घेर लिया, जिससे तनाव की स्थिति पैदा हो गई. जापान के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा है, कि चीन जानबूझकर ऐसी स्थिति पैदा कर रहा है, जिससे टकराव बढ़े.
चीनी जेएच 7 फाइटर बॉम्बर ने जापान के टोही विमान को घेरा
चीन की हरकत से आगबबूला जापान के रक्षा मंत्रालय ने इस घटना पर बयान जारी किया है. जापानी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पूर्वी चीन सागर के ऊपर चीनी ‘जेएच-7’ लड़ाकू-बमवर्षक विमान ने जापान की ‘एयर सेल्फ-डिफेंस फोर्स’ के ‘वाईएस-11ईबी’ इलेक्ट्रॉनिक-इंटेलिजेंस विमान के पास से उड़ान भरी. हालांकि यह जापानी हवाई क्षेत्र नहीं था और इससे जापानी पक्ष को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.
जापान की ओर से कहा गया, चीन ने डराने का काम किया, ऐसी परिस्थितियों से तनाव बढ़ता है.
चीन ने साधी चुप्पी, जापान ने चीनी राजदूत से बात की
जापान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उप मंत्री ताकेहिरो फुनाकोशी ने जापान में तैनात चीनी राजदूत वू जियांगहाओ के समक्ष “गंभीर चिंता” जताई और चीन से इस तरह की गतिविधियां रोकने का आग्रह किया. चीन की इस तरह की कार्रवाइयों से टकराव होगा. चीन ये सुनिश्चित करे की ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी.
वहीं चीन ने इस ताजा घटना पर चुप्पी साधी है. लेकिन इससे पहले चीन ने आरोप लगाया था कि जापानी विमान उसके विमानों के करीब उड़ रहे हैं और उसकी सैन्य गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं. चीन ने जापान से इन गतिविधियों को बंद करने को कहा था.
चीनी नौसेना ने जर्मनी के विमान पर लेजर से हमला किया
जापान और चीन के बीच तनाव की स्थिति हाल ही में चीन की एक और हरकत के बाद आई है. चीन ने बीते सप्ताह यमन तट के पास लाल सागर में यूरोपीय संघ के ऑपरेशन अस्पाइड्स मिशन के दौरान जर्मनी के टोही विमान पर लेजर से हमला किया था.
जर्मन रक्षा मंत्रालय के अनुसार बिना किसी चेतावनी के चीनी युद्धपोत ने लेजर का इस्तेमाल किया, जिससे पायलट की सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ और विमान को जिबूती में अपने बेस पर लौटना पड़ा. ये कोई पहली बार नहीं है, जब चीन ने लेजर का इस्तेमाल किया हो.
साल 2020 में अमेरिका और 2022 में ऑस्ट्रेलिया ने भी अपने विमानों पर चीनी नौसेना द्वारा लेजर हमले की शिकायत की थी.