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फिलीपींस में अमेरिकी F-35 फाइटर जेट, इंडो-पैसिफिक में युद्ध की आहट

जर्मनी पर लेजर मारने, जापान के विमान को लड़ाकू विमान से डराने, फिलीपींस, इंडोनेशिया, वियतनाम, मलेशिया से टकराव की चीनी हरकत पर अमेरिका के सबसे बड़े कमांडर ने चीन को धमकाया है. चीन का मजाक बनाते हुए अमेरिका के प्रशांत महासागर क्षेत्र बेड़े के कमांडर ने कहा कि चीन ‘‘धौंस दिखाने वाली अपनी तरकीबों’’ के बावजूद विवादित दक्षिण चीन सागर में दावेदार देशों को डराने में विफल रहा है. अमेरिकी कमांडर ने कहा है कि वाशिंगटन, बीजिंग की आक्रामकता के खिलाफ प्रतिरोध को और मजबूत करने के लिए तैयार हैं.

हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता को रोकेंगे, जरूरत पड़ी तो युद्ध में जीत हासिल करेंगे: अमेरिका

दुनिया के सबसे बड़े नौसैन्य बेड़े की कमान संभाल रहे एडमिरल स्टीफन कोलर ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जहाजों के आवागमन की स्वतंत्रता की रक्षा में मदद के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया है. एडमिरल कोलर ने कहा, “प्रशांत बेड़े का मिशन सहयोगियों और साझेदारों के साथ मिलकर पूरे क्षेत्र में आक्रामकता को रोकना और जरूरत पड़ने पर युद्ध में जीत हासिल करना है.”

कोलर ने कहा, ‘‘चीन की रणनीति लगातार और अधिक आक्रामक होती जा रही है, जिसमें टक्कर मारना, पानी की बौछारें करना, लेजर का इस्तेमाल करना और कभी-कभी उससे भी बदतर तरीके शामिल हैं. लेकिन, इन धमकाने वाले हथकंडों के बावजूद चीन, दक्षिण-पूर्व एशियाई दावेदारों को डराने-धमकाने में नाकाम रहा है.’’ 

चीन की गीदड़भभकी फेल, धौंस जमाने में नाकाम: अमेरिकी एडमिरल

अमेरिकी एडमिरल स्टीफन कोलर ने कहा, “इंडोनेशिया, मलेशिया और वियतनाम ने बीजिंग की बढ़ती आक्रामकता के बावजूद दक्षिण चीन सागर में अपने विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में अपने अपतटीय तेल और गैस परिचालन को बनाए रखा है या उसका विस्तार किया है.” 

एडमिरल कोलर ने फिलीपींस का उदाहरण देते हुए कहा, “फिलीपींस ने चीनी सेना के खतरनाक युद्धाभ्यासों को सार्वजनिक करके चीन की आक्रामक कार्रवाइयों को उजागर किया है, जिसमें पानी की जोरदार बौछार और लेजर किरणों का उपयोग करना भी शामिल हैं.”

अमेरिकी एडमिरल ने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘अमेरिकी प्रशांत बेड़ा आपके साथ मिलकर काम करने के लिए हमेशा तैयार है ताकि प्रतिरोध को मजबूत किया जा सके और यह प्रदर्शित किया जा सके कि किसी भी देश को दबाया नहीं जा सकता.’’

अमेरिका ने पहली बार फिलीपींस में तैनात किए एफ 35 लड़ाकू विमान

फिलीपींस में अमेरिका ने पहली बार पांचवीं पीढ़ी के एफ-35 लड़ाकू विमान तैनात किए हैं. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है. हाल ही में परमाणु ऊर्जा चालित अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस जार्ज वॉशिंगटन मनीला के बंदरगाह पर पहुंचा था.

अब अमेरिका ने पहली बार अपने पांचवीं पीढ़ी के एफ-35 लड़ाकू विमानों को फिलीपींस में तैनात किया है. ये विमान क्लार्क एयर बेस पर पहुंचे हैं और अमेरिका-फिलीपींस के संयुक्त हवाई अभ्यास ”कोप थंडर 25-2” में भी भाग ले रहे हैं. यह सैन्य अभ्यास सात से 18 जुलाई तक चलेगा, जिसमें दोनों देशों के ढाई हजार सैन्यकर्मी हिस्सा ले रहे हैं. अमेरिका के साथ चल रहे इस सैन्य अभ्यास से भी चीन भड़का हुआ है.

फिलीपींस पर हमला हुआ तो अमेरिका करेगी मदद, अमेरिकी राजदूत ने चेताया

फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ अपने विवादों को 2013 में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के लिए उठाया था, हालांकि, चीन ने मध्यस्थता में भाग लेने से इनकार कर दिया और इसका उल्लंघन करना जारी रखा. फिलीपींस में अमेरिकी राजदूत मैरीके कार्लसन ने कहा कि मध्यस्थता का निर्णय फिलीपींस के लिए एक जीत है और यह हमें ऐसे भविष्य की ओर ले जाने वाला एक प्रकाश स्तंभ है, जहां शक्तिशाली देश अन्य देशों के कानूनी अधिकारों को कुचल नहीं सकेंगे.’’ 

मैरीके कार्लसन ने कहा, यदि फिलीपींस सेना पर दक्षिण चीन सागर सहित किसी भी क्षेत्र में सशस्त्र हमला होता है तो अमेरिका 1951 की पारस्परिक रक्षा संधि के तहत फिलीपींस की रक्षा करने के लिए बाध्य है.

चीन ने दी थी अमेरिका को वॉर्निंग

प्रतिद्वंदी अमेरिका और चीन में टकराव बढ़ता ही जा रही है. चीनी अधिकारियों ने कोलर की टिप्पणी पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन पहले वाशिंगटन को चेतावनी दी थी कि वह उस मामले में हस्तक्षेप करना बंद करे. चीन ने कहा था कि “यह पूरी तरह से एशियाई विवाद है और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने का प्रयास कर रहा है.”

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