पिछले साढ़े तीन वर्ष से चल रहे रूस-यूक्रेन जंग में हजारों-लाखों की तादाद में सैनिक और आम नागरिकों की जान गई है तो बड़ी संख्या में लोग बेघर हुए हैं. इसके साथ ही पर्यावरण को भी बड़ा नुकसान हुआ है. यूक्रेन के मुताबिक, युद्ध से 108 बिलियन यूरो यानी 10 लाख करोड़ से ज्यादा के पर्यावरण का नुकसान हुआ है.
यूक्रेन के पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के मुताबिक, फरवरी 2022 के बाद 9000 ऐसी घटनाएं सामने आई हैं जहां रूस के हमलों से पर्यावरण को सीधे नुकसान हुआ है. इसमें खाकोवा डैम को नुकसान, सेयम नदी को प्रदूषित होने सहित चेरनोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर हमला शामिल है.
फरवरी 2022 में ही रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया था. तब से दोनों देशों के बीच जंग जारी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित दुनियाभर की शांति की कोशिश विफल रही हैं. युद्धविराम के उलट, दोनों देशों के बीच युद्ध भीषण होता जा रहा है.
यूक्रेन की लिथियम खदान और प्राकृतिक संसाधनों पर रूस का कब्जा
शनिवार को ही खबर आई थी कि रूस ने यूक्रेन के दिनीप्रो (द्नीपर) में लिथियम की एक बड़ी खान पर कब्जा कर लिया है. इस खदान को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने मिनरल डील्स के तहत अमेरिका को सौंपने का करार किया था.
इसी साल अप्रैल में अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को रूस के हमलों से बचाने के बदले में जेलेंस्की से मिनरल डील की थी. इस सौदे के तहत, यूक्रेन में मौजूद खनिज और रेयर-अर्थ पर्दाथों की खदानों को अमेरिका अपने कब्जे में कर लेगा. अमेरिका इसके लिए यूक्रेन को हथियारों और सैन्य उपकरणों की सप्लाई जारी करने पर तैयार हो गया था.
यूक्रेन का डोनबास, दनीप्रो (द्नीपर) और मध्य क्षेत्र लिथियम, ग्रेफाइट, यूरेनियम और टाइटेनियम जैसे खनिजों से भरा हुआ है. दुनिया का करीब दो प्रतिशत लिथियम, यूक्रेन में पाया जाता है. लेकिन इनमें से 70 प्रतिशत खनिज डोनबास और दिनाइपर प्रांतों में है.
एक अनुमान के मुताबिक, यूक्रेन में करीब 15 ट्रिलियन डॉलर के खनिज और दुर्लभ तत्वों के भंडार है.
डोनबास पर अपना अधिकार जमाने के बाद अब रूसी सेना ने दनीप्रो की तरफ रुख कर लिया है. जेलेंस्की को आशंका है कि निकट भविष्य में दनीप्रो, खारकोव (खारकीव और सुमी) प्रांत में भी रूसी सेना कब्जा कर सकती है. यही वजह है कि यूक्रेन ने अमेरिका और जर्मनी सहित दूसरे पश्चिमी देशों से मिसाइल और दूसरे हथियारों की सप्लाई बढ़ाने की मांग की है.
पिछले तीन साल में 25 लाख घर हुए तबाह
इसी साल संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पिछले तीन साल में रूस-यूक्रेन जंग के चलते कुल 25 लाख घर तबाह हुए हैं और 17.60 हजार करोड़ डॉलर यानी 15 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. टैंक, मिसाइल, और तोप के गोलों से पूरी तरह तबाह हो चुके यूक्रेन के पुनर्बहाली और पुनर्निर्माण में अगले एक दशक में 52.40 हजार करोड़ डॉलर (करीब 46 लाख करोड़) से अधिक खर्च होने का अनुमान है.
93 प्रतिशत एनर्जी सेक्टर नष्ट
यूएन के मुताबिक, जंग के कारण यूक्रेन के रिहायशी इलाके, ट्रांसपोर्ट, ऊर्जा, कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और शैक्षणिक संस्थानों को जबरदस्त नुकसान हुआ है. यूक्रेन के करीब 25 लाख घर ही अकेले तबाह हो गए हैं. यानी यूक्रेन के 13 प्रतिशत घर नष्ट हो चुके हैं.
साथ ही ऊर्जा क्षेत्र में 93 प्रतिशत नुकसान हुआ है. जिन बेहद अहम एनर्जी सेक्टर को नुकसान हुआ है उसमें पावर जेनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है. रिपोर्ट के मुताबिक, युद्ध की विभीषिका में सबसे ज्यादा बुजुर्ग और दिव्यांग लोग हुए हैं. फरवरी 2022 यानी जब से रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया था, तब से लेकर दिसंबर 2024 तक युद्ध के कारण तीन लाख से ज्यादा लोग दिव्यांग हो चुके हैं. ये तीन लाख वे लोग हैं जो जंग में घायल हुए हैं.