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अमेरिका ने माना नहीं झुका भारत, याद आए दिल्ली संग अच्छे संबंध

By Nalini Tewari

भारत पर अपने प्रेशर टैक्टिस का पैंतरा फेल होने के बाद अमेरिका ने दी है अच्छे संबंधों की दुहाई. अमेरिकी वित्त मंत्री ने भी मान लिया है कि उनके टैरिफ के दबाव में भारत नहीं आया है. अपने ताजा बयान में स्कॉट बेसेंट ने कहा है कि भारत का रुख अड़ियल है. भारत और स्विटरलैंड को छोड़कर बाकी बड़े देशों से ट्रेड डील हो गई है.

भारत की सख्ती और पाकिस्तान के फेल्ड मार्शल के अमेरिका से न्यूक्लियर धमकी और आधी दुनिया तबाह करने वाले बयान देने पर पूरी दुनिया में जब अमेरिका घिरा तो भारत पर सुर नरम कर लिए हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत के साथ अमेरिका के रिश्ते पहले जैसे ही हैं. इसमें कोई भी बदलाव नहीं हुआ है. हमारे राजनयिक भारत-अमेरिका रिश्तों को लेकर प्रतिबद्ध हैं. 

हालांकि पाकिस्तान के साथ तेल तलाशने का समझौता करने वाले अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद से लड़ने वाला देश बताते हुए अपनी ही नीति का मखौल उड़ा दिया है. 

टैरिफ दबाव के बाद भी भारत का अड़ियल रुख: अमेरिकी वित्त मंत्री

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट के मुंह से सच निकला है. एक कार्यक्रम में स्कॉट बेसेंट ने कहा, “भारत, अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में अड़ियल रुख अपनाए हुए है. बेसेंट बोले, ‘स्विट्जरलैंड और भारत सहित कुछ बड़े व्यापार सौदे अभी भी होने या उन पर सहमति बननी बाकी हैं. स्विट्जरलैंड के साथ बातचीत चल रही है. भारत थोड़ा अड़ियल रहा है.”

बेसेंट के बयान से साफ है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता करने के लिए तैयार नहीं है और अपनी ही शर्तों पर अमेरिका के साथ व्यापार करेगा.

भारत-पाकिस्तान से साथ रिश्तों में कोई बदलाव नहीं:अमेरिका

अमेरिका के फ्लोरिडा पहुंचकर पाकिस्तानी आर्मी चीफ असीम मुनीर ने जहर उगला था. अमेरिकी धरती से भारत को न्यूक्लियर धमकी दी थी. पूरी दुनिया में जब अमेरिका की थू-थू होने लगी कि आखिर मुनीर जैसे शख्स की धमकियों का अमेरिका ने विरोध क्यों नहीं किया तो उनका विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया.

विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि “भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ अमेरिका के संबंध बदले नहीं हैं. राजनयिक दोनों देशों के प्रति प्रतिबद्ध हैं.”

भारत-पाकिस्तान का संघर्ष रोकने में अमेरिका की सक्रिय भूमिका: टैमी ब्रूस

सीजफायर वाली बात पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत-पाकिस्तान के बीच भयावह स्थिति को खत्म करने में अमेरिका की सक्रिय भूमिका रही है. ब्रूस ने कहा, “पाकिस्तान और भारत के बीच जब संघर्ष हुआ था, तो हमारा अनुभव ऐसा था कि यह काफी भयानक रूप ले सकता था. उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने जो कुछ हो रहा था, उसे लेकर तत्काल चिंता और सक्रियता दिखाई.”

टैमी ब्रूस ने कहा, “हमने फोन कॉल्स और हमलों को रोकने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में बताया है, जिससे दोनों पक्षों के बीच समाधान हुआ. यह बहुत गर्व की बात है कि विदेश मंत्री रुबियो, उपराष्ट्रपति वेंस और इस देश के शीर्ष नेता उस संभावित तबाही को रोकने में शामिल थे.”

अमेरिका का दोहरा रवैया, पाकिस्तान को बताया आतंकवाद से लड़ने वाला देश

ये तो हद ही हो गई है. जिस देश को दुनिया में आतंकिस्तान कहा जाता है. जिसके देश में जैश-लश्कर जैसे वैश्विक प्रतिबंधित आतंकी संगठन पल बढ़ रहे हैं, उसे वॉशिंगटन आतंकवाद से लड़ने वाला देश बताता है. टैमी ब्रूस ने कहा है कि “इस्लामाबाद में हुई हालिया वार्ताओं के दौरान, अमेरिका और पाकिस्तान ने आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता दोहराई है. अमेरिका और पाकिस्तान ने आतंकवादी खतरों का मुकाबला करने के लिए सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की है.”

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