भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रूस और चीन ने भारत को सराहा है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को भारत को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए उसकी जमकर तारीफ की है. स्वतंत्रता दिवस पर दिए अपने बधाई संदेश में पुतिन ने भारत द्वारा वैश्विक मंच पर हासिल की गई साख की जमकर प्रशंसा की. कहा,भारत वैश्विक स्तर पर मिल रहे सम्मान का पूरा हकदार है.
भारत को मिलना चाहिए सम्मान: राष्ट्रपति पुतिन
भारत के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुतिन ने बधाई संदेश दिया है.
पुतिन ने अपने संदेश में कहा, “भारत दुनिया के मंच पर अपनी बखूबी हासिल की गई साख का हकदार है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे अहम मुद्दों को हल करने में सक्रिय भूमिका निभाता है. हम भारत के साथ अपनी खास रणनीतिक साझेदारी को बहुत अहमियत देते हैं.”
अपने संदेश में पुतिन ने इस बात का भी भरोसा जताया कि रूस और भारत मिलकर हर क्षेत्र में रचनात्मक सहयोग को और बढ़ाएंगे. पुतिन ने कहा, “यह हमारे दोस्ताना देशों के लोगों के हित में है और क्षेत्रीय व वैश्विक स्तर पर सुरक्षा व स्थिरता को मजबूत करने की दिशा में है.”
भारत के समारोह में शामिल हुए चीन के दो मंत्री
बीजिंग में आयोजित एक शानदार समारोह में 2 चीनी मंत्रियों की मौजूदगी ने भारत और चीन के बीच बढ़ते संबंधों का संदेश दिया. गलवान झड़प और कोविड-19 महामारी के बाद पहली बार बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास में स्वतंत्रता दिवस समारोह आयोजित किया गया. इस मौके पर चीनी विदेश मंत्रालय के उप-मंत्री मियाओ देयु और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग की उप-मंत्री सुन हाइयान मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुईं.
दिल्ली-बीजिंग आपसी भरोसे को मजबूत करने को तैयार: चीन
कार्यक्रम में शामिल हुईं, चीन की उप-मंत्री सुन हाइयान ने भारत को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी और कहा कि “दोनों देशों के बीच रिश्ते इस समय बेहतरी और विकास की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. चीन, भारत के साथ मिलकर दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी अहम सहमति को लागू करने, आपसी भरोसे को मजबूत करने, आदान-प्रदान और सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है. हम स्वस्थ और स्थिर रिश्तों को बढ़ावा देना चाहते हैं.”
रूस-चीन के साथ भारत की नजदीकी से टेंशन में अमेरिका
हाल के दिनों में अमेरिका के मनमाने टैरिफ के खिलाफ भारत के साथ खड़े दिखे हैं रूस और चीन. इसी महीने के अंत में पीएम नरेंद्र मोदी के चीन जाने की खबर है, जहां वो एससीओ की बैठक में हिस्सा लेंगे. माना जा रहा है रूसी राष्ट्रपति पुतिन भी चीन पहुंचेंगे. जहां रूस-इंडिया-चीन के एक साथ त्रिस्तरीय मंच आरआईसी पर मुहर लगाई जा सकती है. माना जा रहा है कि अमेरिका से तल्ख रिश्ते के बीच भारत के रूस-चीन के ज्यादा करीब आना, वॉशिंगटन के लिए नुकसानदेह है. इसे लेकर अमेरिकी एक्सपर्ट भी चेतावनी दे चुके हैं.