प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे से पहले भारत पर अमेरिका के मनमाने लादे गए टैरिफ पर चीन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कटघरे में खड़ा किया है. चीन ने अमेरिका के भारत पर लगाए गए टैरिफ को ‘गुंडागर्दी’ बताते हुए भारत का समर्थन किया है. साथ ही भारत और चीन को एशिया को दो इंजन बताते हुए दोनों की पार्टनरशिप को वैश्विक स्थिरता के लिए आवश्यक बताया है.
टैरिफ को बार्गेनिंग चिप बना रहा अमेरिका, भारत पर टैरिफ के विरोध में चीन
भारत में चीनी राजदूत ने भारत पर 50 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ का विरोध किया है. रूस के साथ तेल व्यापार करने पर अमेरिका ने भारत पर टैरिफ लगाया है, लेकिन सच्चाई है कि भारत से ज्यादा चीन, रूस से तेल खरीदता है. लेकिन अमेरिका ने चीन पर नहीं भारत पर टैरिफ का बोझ लादा है.
भारत में चीनी राजदूत शू फेहोंग ने अमेरिका को एक बार फिर बुली बताते हुए कहा कि “अमेरिका को लंबे समय से फ्री ट्रेड से लाभ हो रहा था लेकिन अब वह इसी टैरिफ को बार्गेनिंग चिप के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. भारत पर लगाए गए इस भारी-भरकम टैरिफ पर चुप्पी से सिर्फ बुली और मजबूत होंगे. ऐसे में चीन डटकर भारत के साथ खड़ा है.”
भारत-चीन के एक साथ आना दुनिया की स्थिरता के लिए जरूरी: शू फेहोंग
चीनी राजदूत ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा, “भारत और चीन जैसे दो बड़े पड़ोसी देशों के बीच एकता और सहयोग ही विकास का रास्ता है. हम दोनों देश एशिया के दो इंजन हैं. हमारी दोस्ती न सिर्फ हमारे लिए, बल्कि पूरे एशिया और विश्व के लिए फायदेमंद है. भारत और चीन को आपसी भरोसा बढ़ाना चाहिए और मतभेदों को बातचीत से सुलझाना चाहिए. हम प्रतिद्वंद्वी नहीं, बल्कि साझेदार हैं.”
चीनी बाजार में मिलेगी भारतीय उत्पादों को जगह: शू फेहोंग
फीहोंग ने भारतीय सामान को चीनी बाजार में और जगह देने का वादा किया. कहा, “हम भारतीय सामान को अपने बाजार में और स्वागत करेंगे. भारत की आईटी, सॉफ्टवेयर और बायोमेडिसिन में ताकत है, जबकि चीन इलेक्ट्रॉनिक्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर और नई ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहा है.”
चीनी राजदूत ने कहा,”दुनिया इस समय बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में सबसे बड़ा बदलाव हो रहा है. ऐसे में भारत और चीन का सहयोग और भी अहम हो जाता है. हमें एक समान और व्यवस्थित बहुध्रुवीय दुनिया को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी लेनी होगी.”
रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका ने भारत पर लगाया है भारी भरकम टैरिफ
हाल ही में भारत-पाकिस्तान संघर्ष में सीजफायर कराने का क्रेडिट न दिए जाने से डोनाल्ड ट्रंप, भारत से नाराज हुए हैं. जिसके बाद रूस व्यापार का बहाना बनाते हुए भारत पर टैरिफ डालकर दबाव बनाने की कोशिश की है.
लेकिन भारत ने जब अमेरिका और यूरोपीय देशों का काला चिट्ठा आंकड़ों के साथ पेश करते हुए बता दिया कि रूस-भारत से ज्यादा व्यापार तो चीन, यूरोप देश और खुद अमेरिका करता है, तो अमेरिका और भड़क गया है. सच्चाई स्वीकार न करने के बजाय भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लाद दिया है. भारत ने भी अमेरिकी दबाव को दरकिनार करते हुए कहा है कि रूस से व्यापार जारी रहेगा.
इसके अलावा एक सप्ताह में ही भारतीय एनएसए अजीत डोवल और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मॉस्को पहुंचकर रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात की है. खुद पुतिन ने हाल के दिनों में दो बार पीएम नरेंद्र मोदी को कॉल किया है. जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति और चिढ़ गए हैं.