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ट्रंप ने किया बार-बार कॉल, मोदी ने नहीं की बात!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर जर्मनी के एक अखबार ने किया है बड़ा दावा. दावा ये कि अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से एक दो बार नहीं बल्कि 04 बार बात करने की कोशिश की. 

लेकिन पीएम मोदी ने एक बार फिर ट्रंप का फोन नहीं उठाया. जर्मन के अखबार के इस खुलासे के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति की किरकिरी हो रही है, जबकि लोग पीएम मोदी की तारीफ कर रहे हैं, और कह रहे हैं कि भारत, अपने राष्ट्रहित को प्राथमिकता देता है.

पीएम मोदी ने नहीं उठाया ट्रंप का कॉल?

जर्मनी के एक प्रतिष्ठित अखबार के मुताबिक, टैरिफ विवाद के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी से चार बार टेलीफोन पर बात करने की कोशिश की, लेकिन पीएम मोदी ने बात नहीं की. पत्रिका ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए ये भी कहा है कि भारतीय पीएम अमेरिका के दबाव में नहीं झुके. 

हालांकि इसके बारे में न तो भारत और न ही अमेरिका की ओर से कुछ कहा गया है. लेकिन अखबार की बात सच इसलिए लग रही है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहले भारत पर 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया और फिर बाद में इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया. कहा जा रहा है कि ऐसा हो सकता है कि पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को नजरंदाज करके नाराज किया और यही कारण है कि भारत पर दबाव बनाने के लिए ट्रंप दुश्मन और आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान के करीब जा रहा है.

ट्रंप के बुलावे पर कनाडा से अमेरिका नहीं गए थे पीएम मोदी

जून के महीने में पीएम नरेंद्र मोदी कनाडा के दौरे पर गए थे. मौका जी 7 बैठक का था. उस बैठक पर ट्रंप भी पहुंचे थे, लेकिन बीच बैठक छोड़कर कनाडा से अमेरिका वापस लौट गए थे, जिसको लेकर फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्रंप को ट्रोल भी किया था. बहरहाल इसी बैठक में पीएम मोदी भी पहुंचे थे. बैठक ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई थी, लिहाजा पीएम मोदी को हर देश ने सफल ऑपरेशन की बधाई दी और पहलगाम नरसंहार को लेकर दुख व्यक्त किया. लेकिन ट्रंप के जल्दी निकल जाने के कारण पीएम मोदी-ट्रंप की मुलाकात नहीं हुई. 

लेकिन ट्रंप ने कॉल करके पीएम मोदी को व्हाइट हाउस आने का न्योता दिया और कहा कि कनाडा से लौटते वक्त अमेरिका आइए, साथ में बैठेंगे. पर पीएम मोदी ने ट्रंप के उस न्योते को ठुकरा दिया.

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पीएम मोदी ने नहीं उठाया था जेडी वेंस का कॉल 

ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का क्रेडिट लेने वाले अमेरिका की पोल पट्टी पीएम मोदी ने संसद में खोल दी थी. संसद में पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात का खुलासा किया था कि जब भारत, पाकिस्तान पर तगड़ा प्रहार कर रहा था, तो अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पीएम मोदी को कई बार कॉल किया था. 

प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में बताया कि युद्धविराम से एक दिन पहले, 9 मई की रात को, “अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने मुझसे 3-4 बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन मैं सशस्त्र बलों के साथ बैठकों में व्यस्त था.”

पीएम मे आगे कहा, “जब मैंने उन्हें फोन किया, तो अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने मुझे पाकिस्तान की ओर से एक बड़े हमले की चेतावनी दी. मैंने उनसे कहा कि अगर पाकिस्तान भारत पर हमला करता है, तो हमारा हमला कहीं ज्यादा बड़ा होगा क्योंकि हम गोलियों का जवाब तोपों से देंगे.”

ट्रंप-मोदी के बीच कई विवाद के कारण

सिर्फ सीजफायर और रूस के साथ व्यापार ही मुख्य विवाद का कारण नहीं है. दरअसल ट्रंप की विदेश नीति सिर्फ और सिर्फ पैसों के इर्द गिर्द घूम रही है. जर्मन अखबार में दावा किया गया है कि भारत में ट्रंप की निर्माण परियोजनाएं भी विवाद का कारण बनी हैं. दिल्ली के पास ट्रंप परिवार की कंपनी ने उनके नाम पर लग्जरी टावर बनाए हैं. इन टावर्स में 300 अपार्टमेंट, जिनकी कीमत 12 मिलियन यूरो तक थी, मई के मध्य में एक ही दिन में बिक गए. 

न्यू यॉर्क के न्यू स्कूल में भारत-चीन संस्थान के सह-निदेशक मार्क फ्रेजियर के अनुसार, “भारत के आगे अमेरिका की रणनीति काम नहीं कर रही है. अमेरिका की ‘इंडो-पैसिफिक’ अवधारणा, जिसमें भारत को चीन पर अमेरिका के नियत्रंण को लेकर अहम भूमिका निभानी थी, अब धराशाई हो गई है. क्योंकि अमेरिका के साथ हालिया विवाद के बाद भारत और चीन करीब आ चुके हैं.”

भारत के ऐसे पलटवार का अमेरिका ने नहीं सोचा था

सीजफायर का क्रेडिट न मिलना साथ ही रूस से तेल खरीदना ऐसे दो बड़े कारण हैं, जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति भारत से भड़के हुए हैं. दबाव बनाना चाह रहे थे. पहले भारत और रूस को डेड इकोनॉमी बताते हुए  25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया, लेकिन जब भारत पर दबाव का कुछ असर नहीं हुआ तो उसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया. लेकिन पीएम मोदी ने साफ कह दिया है, कि चाहे उन्हें व्यक्तिगत नुकसान क्यों न उठाना पड़े, लेकिन वो देशहित को ही प्राथमिकता देंगे.

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