By Nalini Tewari
भारत पर लगाए गए बेवजह टैरिफ को लेकर अमेरिका के अंदर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर गुस्सा बढ़ता जा रहा है. पिछले साल तक अमेरिका के एनएसए के पद पर काबिज रहे जेक सुलिवन लगातार ट्रंप के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. दूसरी बार जेक सुलिवन ने ट्रंप पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि परिवार के बिजनेस के कारण राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के साथ रिश्तों की बलि दे दी है.
आपको बता दें कि 22 अप्रैल को जब पहलगाम नरसंहार हुआ था तो उसके बाद 27 अप्रैल के आसपास पाकिस्तान ने ट्रंप के दामाद की कंपनी में क्रिप्टो करेंसी की बड़ी डील की है. 27 अप्रैल यानी पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल ने ट्रंप के परिवार से जुड़ी क्रिप्टोकरेंसी कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल के साथ समझौता किया. ये डील करवाने के पीछे वही जनरल असीम मुनीर था जो पाकिस्तान में आतंकियों की फौज को सहारा देता है
पाकिस्तान के साथ पारिवारिक कारोबारी हित साध रहे ट्रंप: जेक सुलिवन
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी एनएसए जेक सुलिवन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कटघरे में खड़ा किया है. सुलिवन ने कहा है कि “ट्रंप ने अपने परिवार के पाकिस्तान के साथ कारोबारी हितों को बढ़ावा देने के लिए भारत के साथ दशकों पुराने रिश्तों को ठुकरा दिया है. अमेरिका ने कई दशकों तक दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के साथ अपने रिश्तों को मजबूत करने की कोशिश की है लेकिन ट्रंप ने पारिवारित हितों को साधने के लिए इन मजबूत रिश्तों को खत्म कर दिया है.”
चीन से मुकाबला करने के लिए भारत के साथ काम करना चाहिए था: सुलिवन
जेक सुलिवन ने कहा, “भारत के साथ हमें तकनीक, टैलेंट, अर्थव्यवस्था और कई अन्य क्षेत्रों में साथ काम करना चाहिए, खासकर चीन से रणनीतिक खतरे का मुकाबला करने के लिए, लेकिन ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ अपने परिवार के कारोबारी सौदों की वजह से भारत के साथ रिश्तों को ‘किनारे कर दिया. ट्रंप के कारण अमेरिका के लिए ‘बड़ा रणनीतिक नुकसान’ हुआ है.”
ट्रंप के कारण मित्र देश नहीं कर पाएंगे अमेरिका पर भरोसा: सुलिवन
जेक सुलिवन यहीं नहीं रुके, कहा, “अगर हमारे दोस्त और दुनिया के अन्य देश यह मानने लगें कि अमेरिका पर भरोसा नहीं किया जा सकता, तो यह अमेरिकी लोगों के हित में नहीं होगा. हमारा वादा हमारी ताकत होना चाहिए. भारत के साथ जो हो रहा है, उसका असर न सिर्फ हमारे रिश्तों पर पड़ेगा, बल्कि यह दुनिया भर में हमारे सभी साझेदारों के साथ रिश्तों पर भी असर डालेगा.”
पहलगाम अटैक के फौरन बाद अमेरिकी डेलीगेशन गया था पाकिस्तान, की थी व्यापारिक डील
टीएफए ने आपको पहले ही बताया था कि पहलगाम नरसंहार के बाद भारत के सख्त एक्शन से बचाने के लिए अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ एक डील की थी. हमेशा इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाने की बात कहने वाले ट्रंप के सुर अचानक से बदल गए थे. उसकी वजह थी एक क्रिप्टो करेंसी डील, जो ट्रंप के बेटी-दामाद से जुड़ी थी.
27 अप्रैल यानी पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल ने ट्रंप के परिवार से जुड़ी क्रिप्टोकरेंसी कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल के साथ समझौता किया. इस कार्यक्रम में वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल की टीम का नेतृत्व में डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी स्टीव विटकॉफ के बेटे जैकेरी विटकॉफ ने किया था. जैकेरी विटकॉफ ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात की थी.
क्रिप्टोकरेंसी कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल में ट्रंप के दामाद-बेटे की हिस्सेदारी
ट्रंप के परिवार की क्रिप्टोकरेंसी कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल यानी डब्ल्यूएलएफ ने पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के साथ डील की है. इस कंपनी में ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर, उनके बेटे एरिक और डोनाल्ड जूनियर की 60 फीसदी हिस्सेदारी है. पाकिस्तान ने बिनेंस के संस्थापक चांगपेंग झाओ को अपने क्रिप्टो काउंसिल का सलाहकार बनाया है. पाकिस्तान की क्रिप्टो काउंसिल और वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल के बीच हुए समझौते के अनुसार पाकिस्तान के वित्तीय संस्थानों में ब्लॉकचेन तकनीक को एकीकृत किया जाएगा.
ट्रंप के सीजफायर के दावे को सुलिवन ने बताया अंडर रिपोर्टेड कहानी
ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष को सुलझाने में मदद की, लेकिन पूर्व एनएसए सुलिवन ने इसे ‘अंडर-रिपोर्टेड’ कहानी करार दिया है. सुलिवन ने कहा, कि भारत के साथ साझेदारी अमेरिका के हित में है, लेकिन ट्रंप के फैसलों ने इसे नुकसान पहुंचाया है.