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रशियन मिसाइल में अमेरिकी उपकरण, जेलेंस्की ने खोली ट्रंप की पोल

रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर मनमाना टैरिफ थोपने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यूक्रेन ने खोल दी है पोल. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने खुलासा किया है कि रूसी मिसाइल बनाने में अमेरिका और यूरोपीय देशों की कंपनियां मदद कर रही हैं.

रूसी मिसाइल और ड्रोन में अमेरिका, यूरोप, जापान और दक्षिण कोरिया के उपकरण

जेलेंस्की ने दावा किया है कि 5 अक्टूबर को रूस ने यूक्रेन पर 549 ऐसे हथियार (मिसाइल और ड्रोन) लॉन्च किए जिनमें एक लाख से ज्यादा (1,02,785) उपकरण विदेशी कंपनियों के लगे थे. ये विदेशी कंपनियां, अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, स्विटजरलैंड, नीदरलैंड, जापान, दक्षिण कोरिया, चीन औ ताइवान की थी.

जेलेंस्की के मुताबिक, करीब एक लाख (1,00,688) विदेश उपकरण अटैक ड्रोन में थे, तो इस्कंदर मिसाइल में 1500, किंझल  हाइपरसोनिक मिसाइल में 192 और कैलिबर्स मिसाइल में 405.

रूस पर भारी प्रतिबंध के बावजूद सप्लाई हो रहे हैं सैन्य उपकरण

जेलेंस्की ने चिंता जताई कि रूस-यूक्रेन जंग चौथे वर्ष में चल रहा है और रूस पर लगे प्रतिबंध नाकाफी साबित हुए हैं. रूस अभी भी विदेश से अपने हथियारों के लिए उपकरण खरीद रहा है. यूक्रेनी राष्ट्रपति के मुताबिक, अमेरिकी कंपनियां, रूस की किंझल और शहीद (जेरान टाइप) ड्रोन के लिए सेंसर से लेकर एनालॉग-डिजिटल कनवर्टर और माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई कर रही हैं.

जेलेंस्की ने आरोप लगाया कि रूस में बने यूएवी के माइक्रोकंट्रोलर स्विट्जरलैंड में बने हैं तो ड्रोन फ्लाइट कंट्रोल के लिए माइक्रो-कंप्यूटर इंग्लैंड में निर्मित हैं. रूस की क्रूज मिसाइल के लिए ओपटो-आइसोलेटर्स जापान में बने हैं और स्विचिंग कनेक्टर जर्मनी में. इसके अलावा रूस, नीदरलैंड में बने प्रोसेसर और दक्षिण कोरिया में बने सर्वोमोटर इस्तेमाल करता है.

ईरान में बने शहीद ड्रोन में चीन और ताइवान के उपकरण

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने बयान जारी कर कहा कि ईरान में बने शहीद ड्रोन में 50 अलग-अलग तरह के माइक्रो-इलेक्ट्रोनिक उपकरण चीन और ताइवान में बने हैं. ईरान इन शहीद ड्रोन को बड़ी संख्या में रूस को सप्लाई करता है. माना जा रहा है कि इन शहीद ड्रोन का निर्माण अब रूस में भी चल रहा है.

रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की जरूरत: जेलेंस्की

जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन, रूस पर नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है और आगामी जी-7 शिखर सम्मेलन में इन सेंकशन्स पर चर्चा करेगा. जेलेंस्की ने कहा कि दुनिया को रूस को सप्लाई रोकनी होगी. क्योंकि इसका इस्तेमाल लोगों को मारने के लिए किया जा रहा है.

प्रतिबंध के बावजूद पिछले चार वर्षों से रूस खींच रहा है युद्ध, गोला-बारूद खत्म होने का नाम नहीं

2022 में यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से ही अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर हजारों की तादाद में प्रतिबंध लगाए हैं. बावजूद इसके रूस का गोला-बारूद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. उल्टा, रूस नित-नई मिसाइल और हथियारों का प्रशिक्षण यूक्रेन के खिलाफ जंग में कर रहा है.

रूस से तेल और हथियार खरीदने के लिए ट्रंप ने लगाया है भारत पर भारी टैरिफ

उल्लेखनीय है कि रूस से तेल और हथियार खरीदने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है. ट्रंप ने आरोप मढ़ा है कि रूस की जंग में भारत मदद कर रहा है. भारत के कारण ही रूस, यूक्रेन के खिलाफ जंग खत्म नहीं कर रहा है. क्योंकि रूस को भारत से तेल और हथियार के बदले वित्तीय सहायता मिल रही है. लेकिन जेलेंस्की के नए आरोपों ने ट्रंप की कथनी और करनी का खुलासा कर दिया है.

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