अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने रविवार को नई दिल्ली से प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पाकिस्तान को चेतावनी दी है. भारत के साथ कूटनीतिक और व्यापारिक संबंधों को तरजीह देते हुए मुत्ताकी ने भारत से व्यापार बढ़ाने और निवेश का आह्वान किया, साथ ही बताया कि चाबहार बंदरगाह और वाघा बॉर्डर खोलने पर भी चर्चा की गई है.
वहीं पाकिस्तान को वॉर्निंग देते हुए मुत्ताकी ने कहा, पाकिस्तान अपनी आंतरिक समस्याओं को नियंत्रित करे. अफगानिस्तान में टीटीपी (तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान) नहीं है.
कुछ लोगों को खुश करने में है पाकिस्तान, क्या अमेरिका पर है मुत्ताकी
का निशाना!
नई दिल्ली की यात्रा के चौथे दिन आमिर खान मुत्ताकी ने पाकिस्तान पर सवाल खड़े किए. मुत्ताकी ने अमेरिका का नाम लिए बिना सैन्य संघर्ष पर खुलकर बात की. मुत्ताकी बोले, “पाकिस्तानी जनता शांति चाहती है और अफगानिस्तान से अच्छे संबंध भी. हमें पाकिस्तान के आम लोगों से कोई शिकायत नहीं है, लेकिन कुछ ताकतें दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा रही हैं. अगर पाकिस्तान को शांति चाहिए, तो अपनी जमीन पर मौजूद आतंकी समूहों को काबू में क्यों नहीं कर पा रहे? अपने ही लोगों को खतरे में डालकर कुछ खास लोगों को खुश करने की कोशिश क्यों?”
हाल ही में अमेरिका ने अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर दोबारा नियंत्रण हासिल करने की बात कही है.
आतंकियों को क्यों नहीं काबू कर पा रहा पाकिस्तान, समस्या उसके साथ: मुत्ताकी
मुत्ताकी ने कहा, “अब अफगानिस्तान में टीटीपी की कोई मौजूदगी नहीं है. पाकिस्तान ने खुद ही अपने कबायली इलाकों में सैन्य अभियान चलाकर हजारों लोगों को बेघर किया था, जिनमें से कई शरणार्थियों के रूप में अफगानिस्तान में रह रहे हैं.”
मुत्ताकी ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “ये लोग पाकिस्तान से आए हैं और अफगान धरती पर शरणार्थी बनकर रह रहे हैं. जब अमेरिका और उसकी समर्थित सरकार अफगानिस्तान में थी, तब इन्हें जगह दी गई. अब ये लोग हमारी देखरेख में शांति से रह रहे हैं.”
“पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा (डूरंड लाइन), 2400 किलोमीटर से ज्यादा लंबी है. न इसे चंगेज खान नियंत्रित कर सका, न अंग्रेज. केवल ताकत से इसे नहीं संभाला जा सकता. पाकिस्तान के पास बड़ा फौज और बेहतरीन खुफिया एजेंसियां हैं, फिर वे खुद इसे क्यों नहीं रोक पा रहे?”
हम अपने मित्रों कतर-सऊदी अरब के कहने पर रुके हैं: मुत्ताकी
आमिर खान मुत्ताकी ने कहा, “जब पाकिस्तान की ओर से हमले हुए, तो अफगानिस्तान ने अपनी सीमाओं की रक्षा करते हुए जवाबी कार्रवाई की. हमने अपने सैन्य लक्ष्यों को पूरा किया और अब कतर और सऊदी अरब जैसे दोस्तों की अपील पर हम स्थिति को शांत करने के लिए रुके हैं.”
लेकिन मुत्ताकी ने पाकिस्तान को वॉर्निंग देते हुए कहा, “अगर पाकिस्तान शांति और अच्छे रिश्ते नहीं चाहता, तो अफगानिस्तान के पास और भी विकल्प मौजूद हैं, लेकिन हम युद्ध नहीं, शांति चाहते हैं.”
भारत के साथ किन मुद्दों पर हुई बात, मुत्ताकी ने बताया
आमिर खान मुत्तकी ने कहा, भारतीय विदेश मंत्री के साथ बैठक के दौरान उन्होंने काबुल और दिल्ली के बीच उड़ानों बढ़ाने का ऐलान किया है, साथ ही व्यापार और अर्थव्यवस्था पर भी एक समझौता हुआ है. हमने भारत को निवेश के लिए भी आमंत्रित किया, खासकर से खनिज, कृषि और खेल में. हमने चाबहार बंदरगाह पर भी चर्चा की है. हमने वाघा सीमा को खोलने का भी अनुरोध किया, क्योंकि ये भारत और अफगानिस्तान के बीच सबसे तेज और आसान व्यापार मार्ग है.”