दुनिया जिस बात का डर था, जिस बात की आशंका थी, वही होने वाला है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परमाणु परीक्षण की घोषणा के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी न्यूक्लियर टेस्ट करने को हरी झंडी दे दी है.
अमेरिका टेस्ट कब और कहां करेगा, इसपर सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन रूस ने तो ये भी बता दिया है कि उसने नोवाया जेमल्या साइट को टेस्ट के लिए चुना है.
देश की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे: पुतिन
पुतिन ने अपने ताजा बयान में कहा, कि “रूस ने अब तक हमेशा कॉम्प्रिहेंसिव न्यूक्लियर टेस्ट बैन ट्रीटी (सीटीबीटी) यानी परमाणु परीक्षण पर रोक लगाने वाले अंतरराष्ट्रीय समझौते का पालन किया है. लेकिन अगर अमेरिका या कोई और परमाणु ताकत परीक्षण करती है, तो रूस भी ऐसा करेगा, क्योंकि ये देश की सुरक्षा के लिए एक गंभीर मुद्दा है.”
अपनी सुरक्षा परिषद के साथ एक बैठक में बोलते हुए, पुतिन ने अपनी पहले की उस टिप्पणी को दोहराया कि “मॉस्को केवल तभी परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करेगा जब अमेरिका ऐसा पहले करेगा.”
पुतिन ने मांगी रिपोर्ट, तैयार रहने को कहा
पुतिन ने कहा, कि “ट्रंप के बयान से अंतरराष्ट्रीय स्थिति गंभीर और खतरनाक हो गई है. अगर अमेरिका परमाणु परीक्षण करता है, तो रूस भी अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए वैसा ही कदम उठाएगा.”
पुतिन बोले, “मैं विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय… विशेष सेवाओं और संबंधित नागरिक एजेंसियों को निर्देश दे रहा हूं कि वे इस मुद्दे पर अतिरिक्त जानकारी जुटाने, सुरक्षा परिषद में इसका विश्लेषण करने, और परमाणु हथियार परीक्षणों की तैयारी के लिए काम शुरू करें और सहमत प्रस्ताव बनाने के लिए हर संभव प्रयास करें.”
रूस के नोवाया जेमल्या में होगा परमाणु परीक्षण, तैयारियां शुरु
रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोसौव ने बताया कि “रूस के लिए पूरे पैमाने पर परमाणु परीक्षण की तैयारी तुरंत शुरू करना जरूरी है. रूस के नोवाया जेमल्या नाम के आर्कटिक क्षेत्र में स्थित टेस्टिंग साइट को बहुत कम समय में परीक्षण के लिए तैयार किया जा सकता है.”
आपको बता दें कि पिछले सप्ताह ही पुतिन ने संभावित परमाणु-संचालित और परमाणु-सक्षम क्रूज मिसाइल तथा पानी के नीचे ड्रोन के सफल परीक्षणों की घोषणा की थी.
ट्रंप के परमाणु परीक्षण की घोषणा पर दो फाड़, सीनेटर्स ने जताई नाराजगी
ट्रंप ने पिछले सप्ताह शी जिनपिंग से दक्षिण कोरिया में मुलाकात से पहले ये संकेत दिया था कि अमेरिका बराबरी के आधार पर रूस और चीन की तरह अपने परमाणु हथियारों का परीक्षण फिर से शुरू कर सकता है.
परमाणु परीक्षणों को लेकर ट्रंप ने आरोप लगाया कि “चीन, रूस और पाकिस्तान गुप्त रूप से ऐसे ही परीक्षण कर रहे हैं. तो अमेरिका क्यों न करे.”
पेंटागन को विस्फोटक परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने के अपने निर्देश के बारे में बताते हुए ट्रंप ने कहा, “33 साल से हमने टेस्ट नहीं किया लेकिन जब रूस-चीन-पाकिस्तान-उत्तरकोरिया जैसे देश नहीं रुक रहे तो वह नहीं चाहते कि अमेरिका परमाणु परीक्षण से परहेज करने वाला अकेला देश रहे.”
अमेरिकी सीनेटर्स ने ट्रंप के न्यूक्लियर टेस्ट की घोषणा की आलोचना की है. सीनेटर जैक रीड, डी-आर.आई. सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के वरिष्ठ सदस्य, ने ट्रंप के बयान को “भ्रामक” बताते हुए नीति परिवर्तन की कड़ी आलोचना की है.
सीनेटर रीड ने एक बयान में कहा, “इस तरह के परीक्षण से अमेरिका को बहुत कम लाभ होगा, और हम परमाणु प्रसार को रोकने में दशकों की कड़ी मेहनत से हासिल की गई प्रगति का बलिदान कर देंगे.”
वहीं सीनेटर माज़ी हिरोनो, “डेमोक्रेटिक-हवाई ने चिंता व्यक्त की कि इस तरह के लाइव परीक्षण परमाणु शक्ति संपन्न देशों को और अधिक परीक्षण करने के लिए प्रेरित करेंगे.”

