राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के न्यूक्लियर टेस्ट की घोषणा के बाद अमेरिका ने किया है न्यूक्लियर मिसाइल का टेस्ट. अमेरिका ने बिना हथियार (अन ऑर्म्ड) वाली मिनटमैन-3 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का परीक्षण किया है. इसकी जानकारी खुद अमेरिकी स्पेस फोर्स कमांड ने दी है. अमेरिकी स्पेस फोर्स ने बताया कि यह परीक्षण आईसीबीएम की सटीकता और विश्वसनीयता जांचने के लिए था.
वहीं डिपार्टमेंट ऑफ वॉर (पेंटागन) ने टेस्ट की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में ताकत के साथ शांति आएगी.
मिनटमैन- 3 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण
अमेरिका ने बिना हथियार वाली मिनटमैन- 3 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है. यह मिसाइल कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग एयर फोर्स बेस से दागी गई. मिनटमैन-3 अपने साथ परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और 14 हजार किमी तक हमला कर सकती है.
अमेरिकी स्पेस फोर्स कमांड के मुताबिक, परीक्षण की शुरुआत 625वें स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस स्क्वाड्रन की टीम ने एयरबोर्न लॉन्च कंट्रोल सिस्टम से की. यह सिस्टम मिसाइल कमांड और कंट्रोल का बैकअप काम करता है.
न्यूक्लियर मिसाइल ने 4200 मील की दूरी तय की
मिनटमैन-3 मिसाइल लगभग 4,200 मील (6759 किमी) की दूरी तय करके मार्शल आइलैंड्स के रोनाल्ड रीगन बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस टेस्ट साइट तक पहुंची. यहां मौजूद रडार और सेंसर के जरिये मिसाइल की परफॉमेंस का डेटा इकट्ठा किया गया. परीक्षण में एयरफोर्स कमांड की तीनों मिसाइल विंग के एयरमेन और वायोमिंग के एफई वॉरेन एयरफोर्स बेस के मेंटेनेंस स्टाफ ने भी सहयोग किया.
बताया गया कि यह मिसाइल लगभग 50 साल पुरानी है. इसका नया संस्करण सेंटिनल आईसीबीएम अभी तैयार नहीं हुआ है. जैसे-जैसे अमेरिका अपनी मिसाइल प्रणाली को नए एलजीएम-35ए सेंटिनल सिस्टम में बदल रहा है, मिनटमैन-3 की तैयारी और भरोसेमंदी बनाए रखना भी जरूरी है. जनरल एस. एल. डेविस ने कहा कि “परीक्षण से साबित होता है कि मिनटमैन-3 अभी भी सही और भरोसेमंद है.”
हालांकि स्पेस कमांड ने इसका परीक्षण रूटीन बताया लेकिन ट्रंप के न्यूक्लियर टेस्टिंग वाले बयान से हलचल मची हुई है. और ऐसे में इस मिसाइल की टाइमिंग बता रही है कि अमेरिका की ये टेस्टिंग रूस-चीन पर दबाव बनाने के लिए है.

