स्वदेशी फाइटर जेट एलसीए-तेजस को अधिक घातक बनने के लिए अब फ्रांस की हैमर मिसाइल भारत में तैयार की जाएगी. आसमान से जमीन पर मार करने वाली इस मिसाइल को लेकर भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने और फ्रांस की साफरान कंपनी से करार किया है.
हाईली एजल मॉड्यूलर म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज (हैमर) स्मार्ट प्रिसिजन गाइडेड एयर-टू-ग्राउंड हथियार के उत्पादन हेतु एक संयुक्त उद्यम सहयोग समझौते (जेवीसीए) पर सोमवार को राजधानी दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए. यह समझौता 24 नवंबर 2025 को नई दिल्ली में सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार और साफरान के सीईओ ओलिवियर एंड्रीज की उपस्थिति में संपन्न हुआ.
आसमान से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल है हैमर
हैमर एक युद्ध-सिद्ध, अत्यंत सटीक और मॉड्यूलर डिजाइन वाली हथियार प्रणाली है, जो राफेल व हल्के लड़ाकू विमान तेजस सहित कई प्लेटफॉर्मों के लिए उपयुक्त मानी जाती है. इस मिसाइल की रेंज करीब 70 किलोमीटर है. इस मिसाइल का इस्तेमाल, आतंकी ठिकानों से लेकर दुश्मन के बंकर, एयरबेस और सैन्य ठिकानों को तबाह करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस करार के माध्यम से स्मार्ट प्रिसिजन गाइडेड एयर-टू-ग्राउंड हथियारों के निर्माण में सफरान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड डिफेंस के व्यापक वैश्विक अनुभव का लाभ भारत में स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे उन्नत रक्षा तकनीक के स्वदेशीकरण को नई गति मिलेगी.
वायुसेना और नौसेना, दोनों करेंगी हैमर मिसाइल का इस्तेमाल
प्रस्तावित जेवीसी को 50:50 शेयरधारिता वाली एक निजी लिमिटेड कंपनी के रूप में गठित किया जाएगा, जो भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना की परिचालन आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए हैमर प्रणालियों के निर्माण, आपूर्ति एवं रखरखाव का स्थानीयकरण करेगी.
स्वदेशीकरण का स्तर चरणबद्ध रूप से बढ़ाते हुए 60 प्रतिशत तक ले जाया जाएगा, जिसके तहत प्रमुख सब-असेंबली, इलेक्ट्रॉनिक मॉड्यूल और यांत्रिक पुर्जों का निर्माण भारत में ही किया जाएगा. उत्पादन प्रक्रिया का हस्तांतरण भी क्रमिक रूप से सम्पन्न होगा, जिसमें अंतिम असेंबली, परीक्षण व गुणवत्ता आश्वासन की जिम्मेदारी बीईएल निभाएगा.

