रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से पहले इस बात की अटकलें हैं कि भारत क्या रूसी स्टील्थ फाइटर जेट सु-57 पर कोई बड़ा फैसला कर सकता है. हाल में संपन्न हुए दुबई एयर शो (16-21 नवंबर)के दौरान रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कंपनी ने ये ऐलान किया था कि मेक इन इंडिया के तहत सु-57 का निर्माण भारत में करने के लिए तैयार है.
रुस कर चुका है सु-57 को सीधे बेचने से लेकर भारत में निर्माण तक का ऑफर
पिछले एक वर्ष में ये दूसरी बार है कि रूसी कंपनी ने सु-57 को लेकर भारत को प्रस्ताव दिया है. इसी वर्ष के शुरुआत में बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया प्रदर्शनी के दौरान भी रूसी हथियारों का निर्यात करने वाली कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने अपने फिफ्थ जेनरेशन यानी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान (सु-57) की टेक्नोलॉजी को भारत को ट्रांसफर करने का ऑफर दिया था. उसके बाद से भारत में सु-57 के खरीदने को लेकर गहन विचार चल रहा है. विचार इस बात पर किया जा रहा है कि क्या सु-57 की एक या दो स्क्वाड्रन खरीदी जाएं, या बड़ी संख्या में भारत में निर्माण किया जाए.
स्वदेशी एमका स्टील्थ फाइटर जेट को बनने में लगेगा पूरा एक दशक
दरअसल, भारत के स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट एमका (एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) को तैयार होने में अभी पूरे एक दशक का समय है. एमका का डिजाइन तैयार करने वाली एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) का दावा है कि अगले एक दशक यानी 2035-36 तक स्वदेशी फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट बनकर तैयार हो पाएगा. ऐसे में एक दशक के ‘गैप’ को भरने से लिए भारत को किसी विदेशी स्टील्थ फाइटर पर निर्भर रहना पड़ सकता है.
चीन और पाकिस्तान की एयर पावर में बड़ा इजाफा
भारत की एक तरफ जहां फाइटर जेट की स्क्वाड्रन लगातार कम हो रही हैं, दूसरी तरफ चीन के 02-02 फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट आसमान में उतर चुके हैं. करीब एक वर्ष पहले चीन ने जे-20 के बाद जे-35 स्टील्थ फाइटर जेट बनाकर तैयार कर लिया है. साथ ही पाकिस्तान को भी चीन इन जे-35 लड़ाकू विमानों को देने की तैयारी कर चुका है.
ट्रंप ने एफ-35 फाइटर जेट सप्लाई करने का दिया है ऑफर
सामरिक जानकार मानते है कि भारत को रूस के सु-57 या फिर अमेरिका के एफ-35 में से किसी एक को लेकर सौदा कर लेना चाहिए. क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी भारत को अपना स्टील्थ फाइटर जेट एफ-35 बेचने का ऑफर दे चुके हैं.
सु-57 और एफ-35, दोनों ही पांचवीं पीढ़ी के बेहद खतरनाक और घातक लड़ाकू विमान हैं. सु-57 को रूस ने वर्ष 2024 में बनाकर तैयार किया था. एफ-35 पिछले एक दशक से अमेरिकी वायुसेना का हिस्सा है और कई देशों की वायुसेनाएं इस्तेमाल करती हैं. लेकिन हाल के महीनों में एक के बाद एक कई क्रैश होने के चलते एफ-35 विवादों में फंस गया है.
सु-57 और एफ-35, दोनों जंग के मैदान में अपना माद्दा दिखा चुके हैं. रूस ने यूक्रेन पर हमले के लिए सु-57 का इस्तेमाल किया है, जबकि अमेरिका और इजरायल, दोनों ने ईरान के खिलाफ हमले के लिए एफ-35 फाइटर जेट का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया है. एफ-35 एक सिंगल इंजन लड़ाकू विमान है तो सु-57 डबल इंजन.

