रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दौरे (4-5 दिसंबर) से हड़बड़ाए अमेरिका ने अपने विदेश उप-सचिव अलीसन हुकर को भारत यात्रा पर भेजने का फैसला लिया है. रविवार से शुरु हो रही इस यात्रा का उद्देश्य, भारत और अमेरिका के बीच सामरिक संबंधों को मजबूत करना है (7-11 दिसंबर).
दिल्ली स्थित यूएस दूतावास के मुताबिक, राजनीतिक मामलों के अंडर सेक्रेटरी अलीसन होकर अपनी भारत यात्रा के दौरान, दिल्ली और बेंगलुरु का दौरा करेंगे. हुकर की यात्रा के दौरान आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों के साथ अमेरिका निर्यात बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. इसके साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्पेस के क्षेत्र में उभरती टेक्नोलॉजी में साझेदारी पर चर्चा की जाएगी.
दूतावास के बयान के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में हुकर, विदेश सचिव विक्रम मिसरी सहित सीनियर अधिकारियों से मुलाकात कर क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और इंडो-पैसिफिक रीजन पर चर्चा करेंगे. बेंगलुरु में हुकर, इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) का दौरा करेंगी.
ट्रंप का इंडो-यूएस पार्टनरशिप पर जोर
यूएस एंबेसी के मुताबिक, हुकर की यात्रा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इंडिया-यूएस पार्टनरशिप और फ्री एंड ओपन इंडो-पैसिफिक की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने में मदद करेगी.
अमेरिकी रिपोर्ट में चीन के खिलाफ भारत की मदद पर जोर
हाल में अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटेजी पर जारी रिपोर्ट में भारत से मजबूत संबंध बनाने की वकालत की गई थी. साथ में, साउथ चाइना सी में चीन को रोकने के लिए भारत और जापान जैसे देशों का साथ लेने पर जोर दिया गया था. (मोदी-पुतिन मिले गले, पछताया अमेरिका)
पुतिन दौरे से अमेरिका में खलबली
इसी हफ्ते रूसी राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे से पूरी दुनिया सकते में है. हालांकि, अमेरिका की तरफ से रूसी राष्ट्रपति के दौरे को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है. लेकिन माना जा रहा है कि अमेरिका इस दौरे से कान जरूर हो सकते हैं. क्योंकि दौरे के दौरान, आर्थिक, व्यापार, ऊर्जा, कनेक्टिविटी, न्यूक्लियर और स्पेस के क्षेत्र में करीब दो दर्जन समझौते किए गए.
पुतिन के दौरे के दौरान, भारत और रूस ने रक्षा क्षेत्र में किसी भी तरह के समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए. लेकिन माना जा रहा है कि रूस ने भारत के साथ मेक इन इंडिया के तहत पांचवी श्रेणी के स्टील्थ फाइटर जेट सु-57 को बनाने का प्रस्ताव दिया है.

