Acquisitions Alert Breaking News Defence

अडानी ने नेवी को सौंपा स्वदेशी यूएवी Drishti-10, इजरायल की मदद से हैदराबाद में हुआ है तैयार

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की तरफ भारत लगातार अग्रसर है. भारतीय नौसेना ने आत्मनिर्भरता की एक और सीढ़ी चढ़ी है. भारतीय नौसेना को मिली है एक ऐसी ‘दृष्टि’ जो पूरे हिन्द महासागर पर नजर रख सकती है. नौसेना को ये ‘दृष्टि’ दी है अडानी ग्रुप की डिफेंस एंड एयरोस्पेस कंपनी ने. अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने इजरायल के साथ मिलकर स्वदेशी यूएवी ‘दृष्टि -10 स्टारलाइनर’ ड्रोन भारतीय नौसेना को सौंप दिया है.

हैदराबाद में तैयार स्वदेशी यूएवी दृष्टि -10 स्टारलाइनर के जंगी बेड़े में स्वदेशी दृष्टि ड्रोन के शामिल होने के बाद भारतीय नौसेना की ताकत पहले से और कहीं ज्यादा बढ़ जाएगी. हाल ही में भारतीय सेना ने सोमालियाई समुद्री-लुटेरों के कब्जे से एक कार्गो जहाज को छुड़ाने के लिए मरीन कमांडो ऑपरेशन में निगरानी के लिए अमेरिका से लिए एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन का इस्तेमाल किया था. प्रीडेटर ड्रोन की फुटेज को बाद में नौसेना ने आधिकारिक तौर से जारी भी किया था. 

एडवांस एरियल सिस्टम में भारत की जमेगी धाक
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने हैदराबाद में पहले स्वदेश निर्मित दृष्टि 10 स्टारलाइनर अनमैन्ड एरियल व्हीकल यानी यूएवी ड्रोन से पर्दा उठाया. एडवांस एरियल सिस्टम को नौसेना को सौंपने से पहले फ्लैग ऑफ कार्यक्रम हैदराबाद के अडानी एयरोस्पेस पार्क में हुआ. अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस का दावा है कि दृष्टि 10 स्टारलाइनर एक एडवांस इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकोनिसेंस (आईएसआर) प्लेटफॉर्म है. ये एक ‘मेल’ यानी मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंडुरेंस ड्रोन है जो 36 घंटे उड़ने की क्षमता रखता है और 450 किलोग्राम वजन उठा सकता है. हर मौसम और स्थिति में उड़ान भरना आत्मनिर्भर ड्रोन की खूबी है. अडानी का ड्रोन नाटो के ‘स्टैगनेग 4671’ सर्टिफिकेशन के साथ आता है और दोनों तरह के हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने में सक्षम है.

‘टीएफए’ की खबर पर लगी मुहर
7 नवंबर को एक्सक्लूसिव जानकारी में टीएफए ने अडानी की एयरोस्पेस कंपनी की बनाए गए ड्रोन सबसे पहले जानकारी दी थी. अडानी डिफेंस ने हैदराबाद में एक बड़ा यूएवी कॉम्प्लेक्स तैयार किया है जो 50 हजार स्क्वायर फीट के एरिया में फैला हुआ है. पिछले साल यानि वर्ष 2022 में डिफेंस एक्सपो के दौरान अडानी डिफेंस ने भारतीय सेना (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के लिए ‘हर्मीस स्टारलाइनर यूएवी बनाने की पेशकश की थी. माना जा रहा है कि उसके बाद ही रक्षा मंत्रालय और अडानी डिफेंस के बीच इन खास ड्रोन को लेकर करार हुआ था. भारतीय सेना की एविएशन कोर (आर्मी-एविएशन) भी इन ड्रोन को देश की सरहदों की निगहबानी के लिए इस्तेमाल करेगी.  हर्मीस 900 आरपीएएस का निर्माण इजरायल ने वर्ष 2009 में किया था. हर्मीस स्टारलाइनर उसका ही वर्जन है जो खास ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारत में बनाया गया है. हर्मीस एक सर्विलांस और रिकोनिसेंस आरपीएएस है जिसे इजरायल के अलावा अजरबैजान और ब्राजील जैसे देशों की सेनाएं भी इस्तेमाल करती हैं.

सपना सच हो रहा है: नौसेना प्रमुख
दृष्टि 10 स्टारलाइनर के फ्लैग ऑफ सेरेमनी के दौरान नेवी चीफ ने कहा कि “यह हमारे लिए किसी सपने का सच होने जैसा ही है भारत में ही मौजूद साठ प्रतिशत से भी अधिक कंटेट की मदद से इस यूएवी का निर्माण किया गया है. आईआरएस टेक्नॉलजी और समुद्री वर्चस्व में आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. नेवी को आत्मनिर्भर बनने के लिए आईएसआर टेक्नोलॉजी एक बड़ा बदलाव लाने वाला कदम है. दृष्टि 10 के आने से नौसेना की शक्तियां बढ़ेगी.” एडमिरल हरिकुमार ने रुस-यूक्रेन और इजरायल-हमास जंग में यूएवी के बहुतायत इस्तेमाल के बारे में भी जानकारी साझा की. एडमरिल ने उत्तरी अरब सागर में नॉन-स्टेट एकर्ट्स (आतंकी संगठन हूती) के हाथों में इस तरह के यूएवी आने से उत्पन खतरों से भी आगाह किया. 

नौसेना की आवश्यकता पूरा करने पर गर्व: अडानी

अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस कंपनी के मुताबिक, “जल, थल, और नभ के पार खुफिया, निगरानी और टोही प्लेटफॉर्म अडानी ग्रुप की प्राथमिकता है, जो भारतीय सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा और भारत को निर्यात के लिए वैश्विक मानचित्र पर भी स्थापित करेगा. हमें भारतीय नौसेना और उनकी आवश्यकताओं की सेवा करने में सक्षम होने पर गर्व है. अडानी ग्रुप का लक्ष्य केवल सेना की सेवा नहीं बल्कि भारत को ओद्योगिक और वैज्ञानिक तौर पर मजबूत बनाने का भी है. ताकि भारत 2047 तक विकसित भारत के विजन पर खरा उतरे.”

ReplyForwardAdd reaction
ReplyForwardAdd reaction

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.