By Akansha Singhal
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने युवा वायु-योद्धाओं को आधुनिक युद्ध में डेटा नेटवर्क और एडवांस साइबर टेक्नोलॉजी जैसी उन्नत तकनीक के इस्तेमाल का आह्वान किया है. शनिवार को वायुसेना प्रमुख डूंडीगल (हैदराबाद) स्थित एयरफोर्स अकादमी में आयोजित पासिंग आउट परेड (पीओपी) के दौरान कैडेट-ऑफिसर्स को संबोधित कर रहे थे.
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने मॉर्डन वारफेयर के बारे में बताते हुए कहा “युद्ध गतिशील और निरंतर विकसित हो रहे हैं, और जटिल डेटा नेटवर्क और उन्नत साइबर तकनीकों से तेजी से प्रभावित हो रहे हैं. लीडर्स (मिलिट्री कमांडर्स) के रूप में, आप सभी को युद्ध जीतने में निर्णायक साबित होने के लिए प्रभावी रूप से तकनीक को अपनाने, नवाचार करने और उसका लाभ उठाने की आवश्यकता है.”
भारतीय वायु सेना की प्लाइंग और ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं के 235 फ्लाइट कैडेट्स के प्रशिक्षण की सफलता के बाद शनिवार को एयर फ़ोर्स अकादमी, डुंडीगल में संयुक्त स्नातक परेड (सीजीपी) का आयोजन हुआ. वायु सेना प्रमुख ने कार्यक्रम का निरीक्षण करने के बाद सफल प्रशिक्षण पूरा करने वाले फ्लाइट कैडेट्स को प्रेसीडेंट कमीशन प्रदान किया.
परेड का मुख्य आकर्षण ‘कमीशनिंग समारोह’ था जिसमें स्नातक फ्लाइट कैडेट्स को निरीक्षण अधिकारी द्वारा उनके ‘रैंक और विंग्स’ प्रदान किए गए. स्नातक अधिकारियों ने अकादमी के कमांडेंट द्वारा शपथ ली, जिसमें उन्होंने देश की सुरक्षा, संप्रभुता और सम्मान की रक्षा करने की प्रतिज्ञा की. इस वर्ष स्नातक होने वाले अधिकारियों में 22 महिला अधिकारी भी थीं, जिन्हें विभिन्न शाखाओं में वायु सेना में कमीशन किया गया था.
इस अवसर पर नौ भारतीय नौसेना, नौ भारतीय तटरक्षक बल और एक मित्र देश के अधिकारी को उड़ान प्रशिक्षण पूरा करने पर भी ‘विंग्स’ दिए गए. यह भी पहला सीजीपी था जब राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में चार साल पहले 25 कैडेट्स को ग्राउंड ड्यूटी शाखाओं में कमीशन किया गया था. ये 17 अधिकारी प्रशासनिक शाखा, 3 लॉजिस्टिक्स शाखा और 5 तकनीकी शाखा में कमीशन किए गए.
स्नातक परेड में चार प्रशिक्षक विमानों द्वारा समन्वित और सिंक्रोनाइज्ड फ्लाई-पास्ट, पिलाटस पीसी-7 एमके-ll, हॉक, किरण और चेतक हेलीकॉप्टरों द्वारा किए गए थे. निरीक्षण अधिकारी ने विभिन्न प्रशिक्षण क्षेत्रों में उत्कृष्टता दिखाने वाले स्नातक अधिकारियों को पुरस्कार दिए. फ्लाइंग ऑफिसर हैप्पी सिंह को वायु सेना प्रमुख की तलवार और राष्ट्रपति का प्लाक दोनों मिलाकर पायलट पाठ्यक्रम में पहले स्थान पर रहने के लिए सम्मानित किया गया. ग्राउंड ड्यूटी अधिकारियों के पाठ्यक्रम में समग्र योग्यता में पहले स्थान पर रहने के लिए फ्लाइंग ऑफिसर तौफीक रज़ा को राष्ट्रपति का प्लाक दिया गया.