व्यापार के पीछे अंधे अमेरिका को ये फर्क ही नहीं नजर आ रहा है कि कौन पीड़ित है और कौन आतंकियों का मददगार. जिस पाकिस्तान ने दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी ओसामा बिन लादेन जिसने अमेरिका को दहलाया था, उस ओसामा बिन लादेन को अपने घर में छिपाकर रखा, उस पाकिस्तान में अमेरिका को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक ‘अद्भुत सहयोगी’ नजर आता है.
अमेरिकी अधिकारी ने पढ़े आतंकिस्तान के शान में कसीदे
अमेरिकी सेंट्रल कमांड के कमांडर माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान की शान में कसीदे पढ़े हैं, इस पाकिस्तान के जिसके एक आतंकी को 24 घंटे पहले ही कनाडा से प्रत्यर्पित किया गया है, जिसने न्यूयॉर्क में बड़ी आतंकी साजिश रची थी. जिस पाकिस्तान ने लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के जरिए भारत में पहलगाम नरसंहार को अंजाम दिया, उस आतंकिस्तान से दोस्ती गांठने में लग गया है अमेरिका.
ये सिर्फ इसलिए क्योंकि, पाकिस्तान ने आतंकी मोहम्मद शरीफुल्लाह सहित आईएसआईएस (खुरासान) के पांच आतंकियों को पकड़कर अमेरिका प्रत्यर्पण कर दिया है. इस बात का कबूल किया है अमेरिका के टॉप मिलिट्री कमांडर, जनरल माइकल कुरिल्ला ने.
जनरल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंक का पीड़ित बताया
अमेरिका की सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के चीफ, जनरल कुरीला ने अपने देश की एक संसदीय (कांग्रेस) कमेटी के समक्ष उपस्थित होकर पाकिस्तान का गुणगान किया है. जनरल कुरीला के मुताबिक, 2024 के बाद से पाकिस्तान में अफगानिस्तान से सटे इलाकों में करीब एक हजार आतंकी हमले हुए हैं. ये हमले तालिबान शासन के डर से अफगानिस्तान से भागे आईएसआईए और दूसरे आतंकी संगठनों ने कराए थे. इन हमलों में पाकिस्तान के 700 सैनिक और 2500 नागरिकों की जान गई है. बाबजूद इसके पाकिस्तानी सेना इन आतंकियों के खिलाफ लड़ रही है.
अमेरिका की सेंट्रल कमांड ही पाकिस्तान और अफगानिस्तान से लेकर खाड़ी देश और पूरे वेस्ट एशिया को देखती है.
मुल्ला मुनीर की तारीफ करते दिखे माइकल कुरिल्ला
जनरल कुरिल्ला के बयान का ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी सामने आया है. जनरल कुरिल्ला ने पाकिस्तान के फेल्ड (फील्ड) मार्शल असीम मुनीर की तारीफ भी की है. कुरिल्ला के मुताबिक, आईएस आतंकी शरीफुल्लाह की गिरफ्तारी के बाद सबसे पहले मुनीर ने उन्हें (कुरिल्ला) को फोन कर रक्षा सचिव को बताने के लिए कहा था कि पाकिस्तान, अमेरिका को प्रत्यपर्ण करने के लिए तैयार है.
वर्ष 2021 में अफगानिस्तान को छोड़ते वक्त काबुल एयरपोर्ट पर यूएस फोर्सेज पर एक आतंकी हमला हुआ था. हमले में यूएस आर्मी के एक दर्जन से भी ज्यादा सैनिक मारे गए थे. अमेरिका ने इस हमले के लिए शरीफुल्लाह को आरोपी करार दिया था. चार साल बाद यानी इसी साल मार्च में पाकिस्तानी सेना ने शरीफुल्लाह को पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर से धर-दबोचकर अमेरिका को सौंप दिया था. तभी से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी आर्मी, पाकिस्तानी की मुरीद हो गई है.
14 जून को अमेरिका ने असीम मुनीर को किया है आमंत्रित
खबर तो ये भी है कि यूएस आर्मी की 250वीं वर्षगांठ के मौके पर इसी हफ्ते (14 जून) को असीम मुनीर को वाशिंगटन डीसी का न्योता दिया गया है. इस मौके पर अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी में शनिवार (14 जून) को एक भव्य सैन्य परेड का आयोजन किया गया है. इस परेड में दुनियाभर की सेनाओं के टॉप मिलिट्री कमांडर्स को आमंत्रित किया गया है. मुनीर भी इस गेस्ट लिस्ट में शामिल है.
भारत-पाकिस्तान दोनों ही हमारे लिए जरूरी: माइकल कुरिल्ला
कुरिल्ला ने साफ कहा है कि अमेरिका के लिए भारत और पाकिस्तान, दोनों जरूरी हैं. एक की कीमत पर दूसरे को नहीं छोड़ सकते है.इस मामले में कोई ‘बाइनरी स्विच’ नहीं हो सकता, जिसमें वॉशिंगटन के अगर नई दिल्ली के साथ संबंध हैं, तो वह इस्लामाबाद से रिश्ता नहीं रख सकता.