नोबेल शांति पुरस्कार न जीत पाने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार न्यूक्लियर वेपन को लेकर दुनिया में धौंस दिखा रहे हैं. दुनिया को हैरान करते हुए अमेरिका में न्यूक्लियर परीक्षण करने की घोषणा के बाद ट्रंप ने कहा है कि उनके (अमेरिका) के पास इतने न्यूक्लियर शक्ति है कि वो 150 बार दुनिया को खत्म कर सकते हैं.
इससे पहले ट्रंप ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान, चीन, नॉर्थ कोरिया जैसे देश दुनिया की नजरों से बचकर चोरी छिपे न्यूक्लियर टेस्ट कर रहे हैं.
संयम को कमजोरी समझ रहे, अमेरिका अपनी परमाणु शक्ति से 150 बार दुनिया को खत्म कर सकता: ट्रंप
साउथ कोरिया में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद से डोनाल्ड ट्रंप न्यूक्लियर पावर के जरिए दुनिया को अप्रत्यक्ष तौर पर धमका रहे हैं. साथ ही पाकिस्तान जैसे देशों का खुलासा कर रहे हैं कि वो परमाणु परीक्षण कर रहे हैं.
ट्रंप ने चौंकाते हुए कहा है कि “अमेरिका के पास इतनी परमाणु ताकत है कि वो दुनिया को 150 बार तबाह कर सकता है. रूस-चीन के पास बहुत हैं. फिर भी हम अकेले देश हैं जो टेस्ट नहीं कर रहे. ऐसे नहीं चलेगा.”
ट्रंप ने कहा, “अमेरिका अब ‘सिर्फ संयम दिखाने’ की नीति नहीं अपना सकता, क्योंकि दूसरे देश इसे कमजोरी समझते हैं.”
हम क्यों न करें परीक्षण, अमेरिकी का न्यूक्लियर टेस्ट करना चाहिए- ट्रंप
अब तक ट्रंप खुद को दुनिया में शांति दूत के तौर पर पेश कर रहे थे. 8-8 युद्ध खत्म करने का दावा कर रहे थे, हालांकि उनमें से कुछ हुए भी नहीं थे तो भारत-पाकिस्तान के सीजफायर का दावा भी झूठा था. बहरहाल, अब जब नोबेल पुरस्कार हाथ न आया तो ट्रंप, ने घोषणा की है कि अमेरिका भी न्यूक्लियर टेस्ट करेगा.
अमेरिकी परमाणु परीक्षणों का बचाव करते हुए ट्रंप ने आरोप लगाया कि “चीन, रूस और पाकिस्तान गुप्त रूप से ऐसे ही परीक्षण कर रहे हैं. तो अमेरिका क्यों न करे.”
पेंटागन को विस्फोटक परमाणु परीक्षण फिर से शुरू करने के अपने निर्देश के बारे में बताते हुए ट्रंप ने कहा, “33 साल से हमने टेस्ट नहीं किया लेकिन जब रूस-चीन-पाकिस्तान-उत्तरकोरिया जैसे देश नहीं रुक रहे तो वह नहीं चाहते कि अमेरिका परमाणु परीक्षण से परहेज करने वाला अकेला देश रहे.”
वो चोरी-छिपे करते हैं, हम खुलकर बताते हैं: ट्रंप
रूस ने हाल ही में ‘अनलिमिटेड रेंज वाली’ ब्यूरवेस्तनिक मिसाइल का परीक्षण किया है और उत्तर कोरिया और चीन लगातार परमाणु गतिविधियों में सक्रिय है.
ट्रंप ने कहा, “अमेरिका की नीति ‘खुली और पारदर्शी’ है, इसलिए वह इन मामलों पर खुलकर बात करते हैं. हम एक खुला समाज हैं. बाकी देश छिपकर काम करते हैं, लेकिन हम अपनी जनता को सच्चाई बताते हैं.”
यूएस स्ट्रैटेजिक कमांड के प्रमुख ने क्या कहा, सीनेटर्स ने की ट्रंप की घोषणा की आलोचना
यूएस स्ट्रैटेजिक कमांड के प्रमुख नियुक्त किए गए वाइस एडमिरल रिचर्ड कोरेल ने कांग्रेस में कहा, “मैं राष्ट्रपति के बयान को मैं सावधानी से देख रहा हूं. राष्ट्रपति ने यह नहीं बताया कि परीक्षण कब और कहाँ होगा, लेकिन हमारे पास परीक्षण स्थल हैं. इसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी.”
वहीं सीनेटर्स ने ट्रंप के न्यूक्लियर टेस्ट की घोषणा की आलोचना की है. सीनेटर जैक रीड, डी-आर.आई. सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के वरिष्ठ सदस्य, ने सुनवाई के दौरान और ट्रंप के बयान को “भ्रामक” बताते हुए नीति परिवर्तन की कड़ी आलोचना की.
सीनेटर रीड ने एक बयान में कहा, “इस तरह के परीक्षण से अमेरिका को बहुत कम लाभ होगा, और हम परमाणु प्रसार को रोकने में दशकों की कड़ी मेहनत से हासिल की गई प्रगति का बलिदान कर देंगे.”
वहीं सीनेटर माज़ी हिरोनो, “डेमोक्रेटिक-हवाई ने चिंता व्यक्त की कि इस तरह के लाइव परीक्षण परमाणु शक्ति संपन्न देशों को और अधिक परीक्षण करने के लिए प्रेरित करेंगे.”

