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इजरायल को हमलों से बचा रहा अमेरिका, सीक्रेट जगह शिफ्ट नेतन्याहू

मिडिल ईस्ट में हालात बेहद नाजुक हैं, ईरान और इजरायल के बीच युद्ध शुरु हो चुका है. शुक्रवार को इजरायली हमले के जवाब में ईरान ने शनिवार को अटैक किया तो इजरायली सेना ने भी पलटवार किया है. एक बार फिर से इजरायल ने ईरान पर तगड़े हमले शुरु कर दिए हैं. इजरायली पीएम नेतन्याहू ने ताजा हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात की है. अमेरिका ने इजरायल के प्रति प्रतिबद्धता जताई है और ईरान को न्यूक्लियर हथियारों को लेकर घेरा है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रों ने भी कहा है कि हालात के लिए खुद ईरान जिम्मेदार है.

नेतन्याहू को सीक्रेट जगह शिफ्ट किया गया

इजरायल में हमलों के बाद इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को सीक्रेट जगह शिफ्ट किया गया है. इजरायली मीडिया के मुताबिक शुक्रवार को ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के बाद नेतन्याहू को गुप्त जगह रखा गया है, ताकि वो सुरक्षित रहें. वहीं ईरान के सभी हमलों को नाकाम करने में अमेरिका मदद कर रहा है. बढ़े तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नेतन्याहू के बीच फोन पर बात हुई है. ट्रंप ने कहा है, ईरान ने हमारी बात मान ली होती तो ये नौबत नहीं आती.

ट्रंप ने ईरान को धमकाया, और बुरा हो सकता है अंजाम: ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का न्यूक्लियर डील को लेकर बड़ा बयान आया है. ट्रंप ने ईरान से कहा है कि “इजरायल के पास कई खतरनाक हथियार हैं. ईरान में जो डील का विरोध कर रहे थे, वो सब मारे गए. ईरान के पास अभी भी मौका है. अब डील करो वरना और तबाही होगी. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने ईरान को कई बार परमाणु समझौता करने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माने। अब उन्हें इसके परिणाम भुगतने होंगे। इस दौरान उन्होंने ईरान पर खतरनाक हमले की भी बात कही.” 

मैंने ईरान को सौदे के लिए कई मौके दिए: ट्रंप

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “मैंने ईरान को सौदा करने के लिए कई मौके दिए. मैंने ईरान से सख्त शब्दों में कहा, बस करो लेकिन चाहे उन्होंने कितनी भी कोशिश की हो, चाहे वो कितने भी करीब क्यों न पहुंचे हों, वो इसे पूरा नहीं कर पाए. मैंने ये भी कहा कि अमेरिका दुनिया में अब तक के सबसे बेहतरीन और सबसे घातक सैन्य उपकरण बनाता है और इजरायल के पास इसका बहुत ज्यादा भंडार है. आने वाले समय में और भी बहुत कुछ होगा.”

कुछ लोग बहुत बहादुर बन रहे थे, मारे गए: ट्रंप

ट्रंप ने कहा, “कुछ ईरानी कट्टरपंथियों ने बहादुरी से बात की लेकिन उन्हें नहीं पता था कि क्या होने वाला है. वो सभी अब मर चुके हैं और आगे जो होगा वो और भी बदतर होगा. पहले से ही बहुत ज्यादा मौतें और विनाश हो चुका है लेकिन इस नरसंहार को खत्म करने के लिए अभी भी समय है. आगे और भी योजनाबद्ध हमले होंगे, जो और घातक होंगे.”

ट्रंप ने कहा, “ईरान को सौदा करना चाहिए. इससे पहले कि कुछ भी न बचे और जो कभी ईरानी साम्राज्य के रूप में जाना जाता था उसे बचाना चाहिए. अब और मौत नहीं और विनाश नहीं, बस करो. इससे पहले कि बहुत देर हो जाए. ऊपर वाला आप सभी का भला करे.”

अस्थिरता के लिए ईरान जिम्मेदार:इमैनुएल मैक्रों

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, “ईरान पूरे क्षेत्र की अस्थिरता के लिए भारी जिम्मेदार है. उसने हमास, हिज़्बुल्लाह और हूतियों का समर्थन किया है, 7 अक्टूबर के आतंकवादी हमले का स्वागत किया है. हम ईरानी परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल मुद्दों पर सबसे ज्यादा मांग करने वाले और लगातार बने रहने वाले देशों में से रहे हैं, लेकिन हमने हमेशा सैन्य हस्तक्षेप के बजाय कूटनीतिक चर्चा और आईएईए (अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) की तकनीकी जरूरतों के रास्ते का समर्थन किया है. यही वजह है कि फ्रांस इस मुद्दे पर इजरायल के साथ चर्चा में शामिल नहीं था और यही कारण है कि फ्रांस, इजरायल द्वारा हमलों की सिफारिश नहीं कर रहा था.”

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