जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गृहमंत्री अमित शाह ने की है सुरक्षा समीक्षा. बीएसएफ की अग्रिम चौकी का दौरा करने के बाद अमित शाह ने घाटी की सुरक्षा को लेकर की है बड़ी बैठक. इसके अलावा अमित शाह ने साल 2023 में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त उप पुलिस अधीक्षक हुमायूं मुजम्मिल भट के घर का दौरा किया. शहीद पुलिस अधिकारी रिटायर्ड पुलिस महानिरीक्षक गुलाम हसन भट के साथ समय बिताया. हुमायूं भट को उनकी बहादुरी के लिए कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जा चुका है.
शाह के दौरे का असर भी दिखा है, तीन बड़े संगठनों ने हुर्रियत से नाता तोड़ दिया है. जिसकी जानकारी खुद अमित शाह ने दी.
शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे का असर, 3 संगठनों ने तोड़ा हुर्रियत से नाता
तीन बड़े संगठनों ने अलगाववादी हुर्रियत का साथ छोड़ दिया है. तीन वरिष्ठ अलगाववादी नेता मोहम्मद यूसुफ नकाश, हकीम अब्दुल रशीद और बशीर अहमद अंद्राबी ने सार्वजनिक रूप से अलगाववाद को त्याग दिया और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के विभिन्न धड़ों से खुद को अलग कर लिया. ये तीनों नेता मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले हुर्रियत धड़े से संबंधित थे. गृह मंत्री अमित शाह ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी. अमित शाह ने एक्स पर लिखा, “जम्मू कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी, जम्मू कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट जैसे तीन और संगठनों ने हुर्रियत से खुद को अलग कर लिया है. यह घाटी में लोगों के भारत के संविधान में विश्वास का एक प्रमुख प्रदर्शन है. मोदी जी का एकजुट और शक्तिशाली भारत का सपना आज और भी मजबूत हो गया है, क्योंकि अब तक 11 ऐसे संगठनों ने अलगाववाद को त्याग दिया है और इसके लिए अटूट समर्थन की घोषणा की है.”
बीएसएफ जवानों में शाह ने भरा जोश, की घोषणाएं
अमित शाह ने घोषणा की है कि भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम तैनात किया जाएगा ताकि सीमा पार सुरंगों को नष्ट किया जा सके और जम्मू-कश्मीर में बार-बार होने वाली घुसपैठ की घटनाओं को रोका जा सके. कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में सीमा चौकी ‘विनय’ के दौरे के दौरान बीएसएफ जवानों को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा, नई तकनीक सुरक्षा बलों को दुश्मन की किसी भी कार्रवाई का तुरंत जवाब देने में मदद करेगी. अमित शाह ने कहा, “हम सीमाओं पर इलेक्ट्रॉनिक निगरानी प्रणाली तैनात कर रहे हैं, जिसमें दो मॉडल होंगे. अगर दुश्मन की तरफ से कुछ भी होता है, तो आप तुरंत जवाब देने में सक्षम होंगे. और साथ ही, अंडरग्राउंड सुरंगों की पहचान और उन्हें नष्ट करने के लिए तकनीकी साधनों का इस्तेमाल किया जाएगा.”
यहां आकर पता चलता है कि कितनी कठिन परिस्थितियों में जवान करते हैं सीमाओं की सुरक्षा- अमित शाह
जम्मू की अंतर्राष्ट्रीय सीमा की निगरानी में लगे बीएसएफ जवानों की गृहमंत्री ने तारीफ की. अमित शाह ने कहा, “यहां आकर पता चलता है कि बीएसएफ जवान कितनी कठिन परिस्थितियों में देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हैं. कड़ाके की ठंड, मूसलाधार बारिश और 45 डिग्री तापमान में, मौसम कि विषमताओं के बावजूद हमारे जवान तत्परता के साथ चौकस रहकर सीमाओं की सुरक्षा में लगे रहते हैं.” अमित शाह ने कहा, “सुरक्षा में बीएसएफ का इतिहास गौरवशाली रहा है. पूरी देश जानता है कि बीएसएफ हमारी सुरक्षा की प्रथम पंक्ति है. जवानों ने इस दायित्व का हमेशा बहुत अच्छे से निर्वहन किया है. पाकिस्तान के साथ हुई हर जंग में भारतीय सेना के बराबर ही बड़ा योगदान बीएसएफ के जवानों का रहा है.”
शाह का जम्मू-कश्मीर दौरा क्यों है अहम?
अमित शाह का जम्मू-कश्मीर दौरा ऐसे समय में हुआ है, जब कुछ दिनों पहले ही जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े पांच आतंकवादियों का एक समूह, जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में घुस आया था. कठुआ जिले के एक गांव में आतंकियों का सामना जम्मू-कश्मीर पुलिसकर्मियों से हुआ. सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में 2 आतंकवादी मारे गए. यह मुठभेड़ 20 घंटे से अधिक समय तक चली. इसके अलावा, 4 पुलिसकर्मी भी वीरगति को प्राप्त हुए. स्थानीय लोगों ने 3 अन्य आतंकियों को देखे जाने की बात कही है, जिसे लेकर सुरक्षाबल और पुलिस हाईअलर्ट है. कई खुफिया सूचना इस बात की भी है, पीओके में कई आतंकी कैंप भारत में गड़बड़ फैलाने के लिए सक्रिय किए गए हैं. ऐसे में सुरक्षा समीक्षा बेहद अहम हो जाती है. हालांकि जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात ने कहा है कि “जम्मू-कश्मीर पुलिस का न इरादा कमजोर हुआ है न मकसद हमसे कहीं दूर है. मकसद भी साफ है, इरादा भी मजबूत है और जज्बे की तो कभी कमी ही नहीं थी. हम सोएंगे नहीं, आराम नहीं करेंगे जब तक हमारे नापाक पड़ोसी और उसकी तंजीमों की हरकतों पर नकेल न कस दें. जंग जारी है और जारी रहेगी.”