By Akansha Singhal
भारतीय नौसेना ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ी उड़ान भरी है. सब-लेफ्टिनेंट अनामिका बी राजीव ने भारतीय नौसेना की पहली महिला हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में बेसिक ट्रेनिंग पूरी कर ली है. ऐसे में वे देश की पहली महिला नेवल हेलीकॉप्टर पायलट बन गई हैं.
शनिवार को अरक्कोणम स्थित आईएनएस राजली नेवल बेस (तमिलनाडु) स्थित हेलीकॉप्टर प्रशिक्षण स्कूल से भारतीय नौसेना के 21 पायलटों का प्रशिक्षण पूरा हो गया. इस मौके पर सभी नेवल पायलट की एक पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया. नौसेना की पूर्वी कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढरकर ने इस सैन्य आयोजन में चीफ गेस्ट के तौर पर परेड की सलामी ली और सफल पायलट्स को सम्मानित किया.
इस दौरान परेड का आकर्षण रहीं सब-लेफ्टिनेंट अनामिका और लेफ्टिनेंट जामयांग त्सेवांग. अनामिका अगर देश की पहली नेवल हेलीकॉप्टर पायलट बन गई हैं तो जामयांग लद्दाख से आने वाले नौसेना के पहले कमीशंड अधिकारी हैं. खुद वाइस एडमिरल पेंढरकर ने अनामिका और जामयांग सहित सभी सफल पायलट को ‘गोल्डन विंग्स’ देकर सम्मानित किया. इस महत्वपूर्ण अवसर पर, भारतीय नौसेना की इस नई उपलब्धि ने साबित कर दिया है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं और देश की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं.
नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, उड़ान में योग्यता क्रम में प्रथम स्थान पर रहने वाले प्रशिक्षु पायलट लेफ्टिनेंट गुरकीरत राजपूत को पूर्वी नौसेना कमान रोलिंग ट्रॉफी से सम्मानित किया गया. ग्राउंड विषयों में प्रथम स्थान के लिए सब लेफ्टिनेंट कुंटे मेमोरियल बुक पुरस्कार लेफ्टिनेंट नितिन शरण चतुर्वेदी को मिला. योग्यता क्रम में प्रथम स्थान के लिए केरल के राज्यपाल रोलिंग ट्रॉफी लेफ्टिनेंट दीपक गुप्ता को प्रदान की गई. (https://x.com/PRO_Vizag/status/1799354258585960648)
नए योग्य पायलटों को भारतीय नौसेना की विभिन्न फ्रंट-लाइन परिचालन इकाइयों में नियुक्त किया जाएगा, जहाँ वे टोही, निगरानी, खोज और बचाव, और समुद्री डकैती विरोधी जैसे मिशनों को अंजाम देंगे.
आईएनएस राजली स्थित हेलीकॉप्टर ट्रेनिंग स्कूल में अब तक भारतीय नौसेना, इंडियन कोस्टगार्ड और मित्र-देशों के 849 पायलट ट्रेनिंग ले चुके हैं. आईएनएस राजली स्थित इंडियन नेवल एयर स्क्वाड्रन 561 भारतीय नौसेना के सभी हेलीकॉप्टर पायलट का अल्मा-मेटर है. प्रशिक्षण के दौरान सभी पायलट को 22 हफ्ते की कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है.,
कमांडर मधवाल के मुताबिक, बेसिक ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अब सभी प्रशिक्षु पायलट की स्टेज-टू ट्रेनिंग का आयोजन किया जाएगा. उसके बाद ही उन्हें नौसेना के हेलीकॉप्टर उड़ाने का मौका मिलेगा. भारतीय नौसेना के जंगी बेड़े में स्वदेशी एएलएच हेलीकॉप्टर से लेकर रूसी कामोव हेलीकॉप्टर और हाल ही में अमेरिका से लिए एमएच-60आर हेलीकॉप्टर हैं. इसके अलावा पुराने पड़े चुके चीता और चेतक हेलीकॉप्टर भी हैं. समंदर में फ्लाइंग के अलावा नौसेना के हेलीकॉप्टर एयरक्राफ्ट कैरियर पर भी तैनात रहते हैं.